MP Election 2023: चुनाव आयोग से कैलाश विजयवर्गीय को राहत, नामांकन रद्द करने की मांग खारिज

संजय शुक्ला के वकील सौरभ मिश्रा ने आयोग को बताया कि विजयवर्गीय ने पश्चिम बंगाल के अलीपुर और छत्तीसगढ़ के दुर्ग की अदालतों में लंबित दो आपराधिक मुकदमों की जानकारी अपने हलफनामे में जान-बूझकर छिपाई है।

Updated: Nov 01, 2023, 09:07 AM IST

इंदौर। भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव व इंदौर-1 विधानसभा सीट से प्रत्याशी कैलाश विजयवर्गीय को चुनाव आयोग ने बड़ी राहत दी है। निर्वाचन आयोग ने कांग्रेस की आपत्तियों को खारिज करते हुए विजयवर्गीय का नामांकन मंजूर कर लिया है। नामांकन एक्सेप्ट होने के बाद विजयवर्गीय ने कांग्रेस को आमने-सामने की लड़ाई लड़ने की चुनौती दी।

दरअसल, संजय शुक्ला के वकील सौरभ मिश्रा ने उनकी ओर से आयोग को भेजी गई शिकायत में कहा था कि विजयवर्गीय ने पश्चिम बंगाल के अलीपुर और छत्तीसगढ़ के दुर्ग की अदालतों में लंबित दो आपराधिक मुकदमों की जानकारी अपने हलफनामे में कथित तौर पर जान-बूझकर छिपाई है। शुक्ला ने निर्वाचन आयोग से मांग की थी कि कथित रूप से झूठा हलफनामा दायर करने पर विजयवर्गीय का नामांकन निरस्त किया जाए।

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हालांकि, मंगलवार को स्क्रुटनी के बाद विजयवर्गीय का नामांकन मंजूर कर लिया गया। इसके बाद उन्होंने प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए कहा, 'मैं फेयर पॉलिटिक्स करता हूं, डर्टी पॉलिटिक्स नहीं, कांग्रेसी 1990 का कोई मामला लाए हैं। उसमें बता रहे हैं कि मैं फरार हूं, लेकिन 1990 के बाद मैं छह विधानसभा और एक महापौर सहित कुल 7 चुनाव लड़ चुका हूं। तब तो कोई नहीं आया। मैं कहता हूं फेयर पॉलिटिक्स करो, आमने-सामने लड़ो। हमारे ऊपर इतने केस चल रहे हैं, तो उसमें छुपाना क्या? सरकार ने ही तो केस लगाए हैं। सरकार से क्या छुपाना।'

कैलाश विजयवर्गीय ने आगे कहा कि अगर गलती से कुछ इधर-उधर हो गया, तो उसको सही कर लेंगे। हमने कुछ गलत नहीं किया। इस वजह से निर्वाचन आयोग ने नामांकन फॉर्म एक्सेप्ट कर लिया और कांग्रेस की तमाम आपत्तियों को खारिज कर दिया है।बता दें कि विजयवर्गीय को छत्तीसगढ़ के एक कोर्ट ने फरार घोषित कर रखा है। वहीं, पश्चिम बंगाल में उनके विरुद्ध गैंगरेप का भी एक मामला दर्ज है। हालांकि, विजयवर्गीय ने अपने हलफनामे में इन मामलों का जिक्र नहीं किया है। बहरहाल, मामले में कांग्रेस प्रत्याशी शुक्ला के वकील मिश्रा ने कहा कि उनके मुवक्किल के पास विजयवर्गीय की उम्मीदवारी के खिलाफ अदालत जाने समेत तमाम कानूनी विकल्प खुले हैं।