BJP प्रवक्ता हितेश वाजपेयी की बढ़ी मुश्किलें, कांग्रेस ने भेजा 10 करोड़ रुपए का मानहानि नोटिस

कांग्रेस ने एक दिन पहले ही प्रदेश कांग्रेस के उपाध्यक्ष एवं संगठन प्रभारी चंद्रप्रभाष शेखर के नेतृत्व में प्रदेश कांग्रेस के एक प्रतिनिधिमंडल में वाजपेयी के खिलाफ हबीबगंज थाने में शिकायत दर्ज कराई थी।

Updated: Jun 10, 2022, 01:33 PM IST

Photo Courtesy: Amar Ujala
Photo Courtesy: Amar Ujala

भोपाल। भाजपा प्रवक्ता हितेश वाजपेयी की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही है। पूर्व मुख्यमंत्री व कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष कमलनाथ पर नगरीय निकाय चुनाव में महापौर पद के टिकट बेचने का आरोप लगाने पर कांग्रेस द्वारा भाजपा प्रवक्ता हितेश वाजपेयी को 10 करोड़ का मानहानि नोटिस भेजा गया है। इस नोटिस में हितेश वाजपेयी तीन दिन में माफी मांगने या 10 करोड़ रुपए का हर्जाना देने की बात कही है। एक दिन पहले ही प्रदेश कांग्रेस के उपाध्यक्ष एवं संगठन प्रभारी चंद्रप्रभाष शेखर के नेतृत्व में प्रदेश कांग्रेस के एक प्रतिनिधिमंडल ने वाजपेयी के खिलाफ हबीबगंज थाने में शिकायत दर्ज कराई थी।

मानहानि के नोटिस में उल्लेख किया गया है कि 8 जून को हितेश वाजपेयी ने पूर्व मुख्यमंत्री व कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष कमलनाथ के विरुद्ध ट्वीट एवं वीडियो जारी कर अनर्गल, असत्य और भ्रामक कथन का प्रचार प्रसार किया है। नोटिस में कहा गया है कि वाजपेयी तीन दिन में माफी मांगे और दस करोड़ का हर्जाना भरें। इससे पहले भाजपा प्रवक्ता हितेश वाजपेयी ने कांग्रेस द्वारा महापौर प्रत्याशियों के चयन प्रक्रिया में भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था। हितेश ने विभिन्न नगर निगमों में महापौर प्रत्याशी टिकट की कीमतों का उल्लेख किया था।

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भाजपा प्रवक्ता ने ट्वीट किया था कि 'खबर जबरदस्त: इंदौर 5 करोड़, भोपाल 3.5 करोड़, सागर 3 करोड़: 8 महापौर टिकट बिक चुके हैं, केवल सूची जारी होना है। कांग्रेस में टिकट की सेल लगी है, पर शपथ पत्र सावधानी हेतु भरवाए जा रहे हैं। (नोट: जल्दी करें कुछ नगर निगम ही बाकी है)।'

इस पर कांग्रेस के मीडिया विभाग अध्यक्ष के के मिश्रा ने पलटवार करते हुए लिखा था कि डॉ. हितेश बाजपेयी BJP में अपनी उपेक्षा से ग्रसित होकर लगता है "मानसिक पक्षाघात" से पीड़ित हो गए हैं। यही वजह है कि वे प्रदेश की मान्य राजनैतिक परम्पराओं के खिलाफ लगातार अनर्गल टिप्पणियां कर रहे हैं। ताजा ट्वीट को लेकर उन्हें मानहानि का नोटिस दिया जा रहा है।

हालांकि इस घटनाक्रम पर भाजपा संगठन ने चुप्पी साधी हुई है। इसका सीधा मतलब है कि हितेश वाजपेयी को संगठन के किसी बड़े नेता का साथ मिलता नजर नहीं आ रहा है।