पहले चरण की वोटिंग के बाद भाजपा नेताओं में बौखलाहट, उज्जैन में सचिन पायलट ने भरी हुंकार

सचिन पायलट ने बीजेपी के 400 पार के नारे पर सवाल उठाते हुए कहा कि सरकार चलाने के लिए 272 सांसद चाहिएं। तो फिर बीजेपी को 400 सांसद क्यों चाहिए?

Updated: Apr 26, 2024, 12:10 AM IST

उज्जैन। लोकसभा चुनाव को लेकर मध्य प्रदेश में सियासी सरगर्मियां तेज हैं। राजस्थान के पूर्व डिप्टी सीएम एवं कांग्रेस नेता सचिन पायलट गुरुवार को उज्जैन पहुंचे। यहां उन्होंने लोकसभा चुनाव लड़ रहे तराना के विधायक महेश परमार के समर्थन में शहीद पार्क पर आमसभा को संबोधित किया।

महाकाल की नगरी उज्जैन से सचिन पायलट ने बीजेपी पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि ‘देश में बदलाव का माहौल है। अब वादों और आश्वासन से लोग ऊब गए हैं। पहले चरण के चुनाव के बाद भाजपा नेताओं के भाषण में बौखलाहट और गुस्सा है। भाजपा नेताओं को सिर्फ "म" शब्द से खेल करने का शौक है, वो कभी मुसलमान की बात करते हैं, तो कभी मंदिर-मस्जिद और मंगल सूत्र की।

सचिन पायलट ने बीजेपी के 400 पार के नारे पर सवाल उठाते हुए कहा कि सरकार चलाने के लिए 272 सांसद चाहिए होता है तो फिर बीजेपी को 400 सांसद क्यों चाहिए? उन्होंने कहा कि इससे बीजेपी की मानसिकता स्पष्ट होती है… जिसका आज बीजेपी के दिग्गज नेता खंडन करते नजर आते हैं कि हम संविधान से छेड़छाड़ नहीं करेंगे। हम आरक्षण से छेड़छाड़ नहीं करेंगे। सचिन पायलट ने कहा लेकिन अब नेताओं को खंडन की नौबत कैसे आ गई। 400 पार तो 1984 में राजीव गांधी के सांसद आए थे। लेकिन उन्होंने कभी नहीं बोला कि विपक्ष को खत्म कर दूंगा।

इस दौरान मध्य प्रदेश कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने कहा, 'नजारा बता रहा है कि वक्त बदलने वाला है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के किए गए वादों को 10 साल हो गए, इन 10 साल में क्या हुआ? 17 सरकारें गिराईं, 500 विधायक खरीदे, 200 सांसद दल-बदल हुए। काला धन स्विस बैंक से आना था, 15-15 लाख इसी से मिलने थे, इसकी तो लिस्ट नहीं आई, लेकिन एसबीआई की लिस्ट आ गई।'

वहीं, पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण यादव ने कहा, 'इस लोकसभा में कांग्रेस का सांसद बनने जा रहा है। मैं दावे से कहता हूं कि महागठबंधन की सरकार हम बनाने जा रहे हैं। ये कमीशनखोरों की सरकार है। इन्होंने बाबा महाकाल को भी नहीं छोड़ा। रीवा से भाजपा के सांसद 30% कमीशन लेते हैं। रीवा सांसद ने 10 साल में 29 करोड़ रुपए कमीशन खाया है। हर काम का फिक्स रेट है।'