पतंजलि आयुर्वेद के 14 उत्पादों पर लगा प्रतिबंध, मैन्युफैक्चरिंग लाइसेंस भी सस्पेंड

सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बाद उत्तराखंड की लाइसेंसिंग अथॉरिटी ने पतंजलि के 14 प्रोडक्ट्स पर तत्काल प्रभाव से प्रतिबंध लगा दिया है। यह जानकारी सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को दी गई।

Updated: Apr 30, 2024, 02:20 PM IST

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बाद उत्तराखंड सरकार ने बाबा रामदेव की पतंजलि आयुर्वेद और दिव्य फार्मेसी कंपनी के 14 उत्पादों पर बैन लगा दिया है। इनमें खांसी की दवा से लेकर कई तरह की गोलियां भी शामिल हैं। इतना ही नहीं इनके मैन्युफैक्चरिंग लाइसेंस भी सस्पेंड कर दिए गए हैं।

उत्तराखंड सरकार के लाइसेंस प्राधिकरण की ओर से जारी आदेश में कहा गया कि पतंजलि आयुर्वेद और दिव्य फार्मेसी की ओर से उत्पादों के बारे में भ्रामक विज्ञापन प्रकाशित करने के लिए कंपनी के लाइसेंस को सस्पेंड किया गया है। भ्रामक विज्ञापन को लेकर राज्य सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट में सोमवार शाम हलफनामा भी दायर कर दिया गया है। 

राज्य की लाइसेंस अथॉरिटी ने बाबा की इस फर्म की खांसी, ब्लड प्रेशर, शुगर, लिवर, गोइटर और आई ड्रॉप के लिए इस्तेमाल की जाने वाली 14 दवाओं के उत्पादन को रोकने का निर्देश दिया है। आदेश को सभी जिला ड्रग इंस्पेक्टर को भी भेजा गया है। जिला ड्रग इंस्पेक्टर ने 16 अप्रैल को रामदेव, बालकृष्ण, दिव्य फार्मेसी और पतंजलि आयुर्वेद के खिलाफ कोर्ट में आपराधिक शिकायत दर्ज कराई है। इसकी जानकारी केंद्रीय आयुष मंत्रालय को भी दी गई है। 

दरअसल, कोर्ट ने आयुष मंत्रालय और राज्य लाइसेंसिंग अथॉरिटी से जवाब मांगा था। अब सुप्रीम कोर्ट मंगलवार को पतंजलि के मामले की सुनवाई करेगी, ताकि यह तय किया जा सके कि रामदेव के खिलाफ अवमानना का आरोप लगाया जाए या नहीं।सुप्रीम कोर्ट ने हाल में अपने कुछ उत्पादों के भ्रामक विज्ञापनों को रोकने के निर्देशों का पालन नहीं करने के लिए पतंजलि को फटकार लगाई थी।