NEET स्टूडेंट्स के साथ खिलवाड़ पर मोदी का मौन, राहुल गांधी ने BJP शासित राज्यों को बताया पेपर लीक का एपीसेंटर
कांग्रेस का कहना है कि मोदी सरकार और शिक्षा मंत्री को नीट घोटाले में सर्वोच्च न्यायालय की निगरानी में स्वतंत्र फॉरेंसिक जांच का आदेश देना चाहिए। साथ ही पीएम मोदी भी इस विषय पर अपना वक्तव्य दें।

नई दिल्ली। नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट (नीट) को लेकर कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने एक बार फिर सवाल खड़े किए हैं। मंगलवार को राहुल गांधी ने कहा कि बिहार, गुजरात और हरियाणा में हुई गिरफ्तारियों से साफ है कि परीक्षा में योजनाबद्ध तरीके से संगठित भ्रष्टाचार हुआ है। उन्होंने पीएम मोदी की चुप्पी पर भी निशाना साधा है।
राहुल गांधी ने ट्वीट किया, 'NEET परीक्षा में 24 लाख से अधिक छात्रों के भविष्य के साथ हुए खिलवाड़ पर भी नरेंद्र मोदी हमेशा की तरह मौन धारण किए हुए हैं। बिहार, गुजरात और हरियाणा में हुई गिरफ्तारियों से साफ है कि परीक्षा में योजनाबद्ध तरीके से संगठित भ्रष्टाचार हुआ है और ये भाजपा शासित राज्य पेपर लीक का एपिसेंटर बन चुके हैं।'
राहुल गांधी ने आगे लिखा, 'हमारे न्यायपत्र में पेपर लीक के विरुद्ध सख्त कानून बना कर युवाओं का भविष्य सुरक्षित करने की हमने गारंटी दी थी। विपक्ष की ज़िम्मेदारी निभाते हुए हम देश भर के युवाओं की आवाज़ सड़क से संसद तक मज़बूती से उठा कर और सरकार पर दबाव डाल कर ऐसी कठोर नीतियों के निर्माण के लिए प्रतिबद्ध हैं।'
बता दें कि कांग्रेस ने नीट को लेकर स्वतंत्र फॉरेंसिक जांच की मांग की है। कांग्रेस ने उदाहरण देते हुए कहा कि इस वर्ष नीट में 600 अंक पाने वाले उम्मीदवारों की संख्या 80,468 है। जबकि, सरकारी मेडिकल कॉलेजों में केवल 55,000 सीटें हैं, ऐसे में ये छात्र सरकारी कॉलेजों में कैसे दाखिला पा सकते हैं।
कांग्रेस का कहना है कि मोदी सरकार और शिक्षा मंत्री को नीट घोटाले में सर्वोच्च न्यायालय की निगरानी में स्वतंत्र फॉरेंसिक जांच का आदेश देना चाहिए। पीएम मोदी भी इस विषय पर अपना वक्तव्य दें। कांग्रेस ने कहा है कि कई छात्र ऐसे थे, जिन्हें 12वीं पास करने के लिए संघर्ष करना पड़ा। लेकिन, नीट में वही छात्र बेहतरीन अंक लाए हैं। इसी के चलते 12वीं बोर्ड के अंकों को नीट के अंकों के साथ सह-संबंधित किया जाना चाहिए। अगर डेटा बताता है कि हजारों लोगों ने बोर्ड परीक्षा में कम अंक प्राप्त किए हैं और नीट में बहुत अधिक अंक प्राप्त किए हैं, तो पेपर लीक के आरोप सही हैं।