नई दिल्ली। संसद के चल रहे बजट सत्र को एक दिन बढ़ाकर 10 फरवरी तक कर दिया गया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक 2014 से पहले और बाद में भारतीय अर्थव्यवस्था की स्थिति को लेकर एक श्वेत पत्र पेश करने के लिए यह विस्तार किया गया है।

मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो केंद्र सरकार कांग्रेस नीत पूर्ववर्ती संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (UPA) सरकार के 10 वर्षों के आर्थिक कुप्रबंधन पर एक 'श्वेत पत्र' लाने वाली है। बताया तो यह भी जा रहा है कि कांग्रेस श्वेत पत्र के जवाब में मोदी सरकार के 10 साल के कार्यकाल पर ब्लैक पेपर लाएगी। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे इसे सदन में पेश कर सकते हैं। 

बजट सत्र की शुरुआत 31 जनवरी को हुई थी और 9 फरवरी तक समाप्त होना था, लेकिन अब यह 10 फरवरी तक चलेगा। मोदी सरकार 10 फरवरी को 'श्वेत पत्र' के जरिए अपने और यूपीए सरकार के दौरान देश की आर्थिक स्थिति का तुलनात्मक अध्ययन पेश कर सकती है। श्वेत पत्र एक सूचनात्मक रिपोर्ट है जो सरकार की नीतियों, उपलब्धियों और मुद्दों पर प्रकाश डालती है।

तृणमूल कांग्रेस के सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने इसे नरेंद्र मोदी सरकार का पाखंड करार दिया है। उन्होंने ट्वीट कर लिखा कि संसद का पूरा मजाक बनाएं और फिर अंतिम सत्र को एक दिन बढ़ा दें। उन्होंने लिखा कि साल 2020 से 2022 तक लगातार 8 संसद सत्रों की अवधि घटाया गया। इस पांच साल के कार्यकाल में सबसे कम बैठकें हुई। पिछले आठ साल में विपक्ष के किसी 267 नोटिस को राज्यसभा में चर्चा की अनुमति नहीं दी गई।