नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस एनवी रमना ने कहा है कि केंद्रीय जांच एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय (ED) का इस्तेमाल टूल की तरह हो रहा है। सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायधीश ने ईडी को जमकर फटकार लगाया है और कहा है कि जिस तरह से एजेंसी कार्रवाई कर रही है उससे कानून की धार खत्म हो जाएगी। सर्वोच्च न्यायालय की यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब मोदी सरकार पर लगातार जांच एजेंसियों के दुरुपयोग करने के आरोप लग रहे हैं।

दरअसल, चीफ जस्टिस एनवी रमना, जस्टिस एएस बोपन्ना और जस्टिस हिमा कोहली की बेंच बुधवार को दो मामलों की सुनवाई कर रही थी। पहला मामला CBI द्वारा दायर एक अर्जी थी। इसमें PMLA के तहत आरोपी नरेंद्र कुमार पटेल को जमानत देने के तेलंगाना हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती दी गई थी। वहीं दूसरा मामला झारखंड हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ था। इस मामले में हाईकोर्ट ने आरोपी उषा मार्टिन कंपनी को राहत देने से इनकार कर दिया था। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें भी राहत देते हुए आरोपी के खिलाफ कार्रवाई पर रोक लगा दी है।

यह भी पढ़ें: लखीमपुर मामले में सवाल पूछने पर भड़के गृह राज्य मंत्री टेनी, पत्रकारों से की गाली गलौज

मामलों की सुनवाई के दौरान सीजेआई रमना ने ईडी की ओर से दलील दे रहे एडिशनल सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू से कहा कि वर्तमान में मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट को एक हथियार के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा। ऐसा करने से कानून अपनी धार खो देगा। आप जांच की आड़ में इस एक्ट के विभिन्न प्रावधानों में घालमेल कर उसे हल्का कर रहे हैं। आप PMLA के तहत दस हजार रुपए के मामले को सौ रुपए के अपराध पर मनमाने तरीके से एक जैसी ही कार्रवाई कर रहे हैं। ये कामकाज का उचित तरीका नहीं है।'

सुनवाई के दौरान जस्टिस बोपन्ना ने कहा कि, 'आप सभी को सलाखों के पीछे नहीं भेज सकते। जांच एजेंसी को तार्किक होना पड़ेगा। यदि आप सबको एक ही डंडे से हांकने लगेंगे तो कानून अपनी प्रासंगिकता खो देगा।' 

यह भी पढ़ें: 30 साल के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंची थोक महंगाई, कांग्रेस बोली- इतना काफी है या और अच्छे दिन चाहिए

मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस समेत टीएमसी, शिवसेना, आरजेडी जैसे क्षेत्रीय दलों के नेताओं ने जांच एजेंसियों के दुरुपयोग पर लगातार सवाल खड़ा किया है। कांग्रेस नेताओं का दावा है कि केंद्र की मोदी सरकार अपने राजनीतिक प्रतिद्वंदियों को परेशान करने के लिए केंद्रीय जांच एजेंसियों का दुरुपयोग करती है। शिवसेना ने तो महाराष्ट्र में इसी साल ईडी दफ्तर पर विरोध स्वरूप भाजपा का झंडा तक लगा दिया था।