फन कुचलने का हुनर भी सीखिए, सांप के डर से जंगल नहीं छोड़ा करते, बागियों पर संजय राउत का निशाना

कल ही शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने रामदास कदम और आनंदराव अडसुल समेत कई नेताओं को पार्टी से निकाल दिया है, इन नेताओं को पार्टी विरोधी गतिविधियों का हवाला देते हुए पार्टी से बाहर निकाला गया है

Updated: Jul 19, 2022, 05:30 AM IST

मुंबई। शिवसेना में बगावत का सिलसिला नहीं थमा है। एकनाथ शिंदे गुट के बगावत के बीच सोमवार को पार्टी के 12 सांसदों ने भी उद्धव ठाकरे का साथ छोड़ दिया है। इसी बीच पार्टी के वरिष्ठ नेता संजय राउत ने बागियों के साथ सख्ती से पेश आने का इशारा किया है। राउत ने देर रात एक ट्वीट में लिखा कि, 'फन कुचलने का हूनर भी सिखिए.. सांप के खौफ से जंगल नहीं छोडा करते... जय महाराष्ट्र!!'

राउत का यह ट्वीट महाराष्ट्र के सियासी गलियारों में चर्चा का विषय है। माना जा रहा है कि इस ट्वीट का संबंध कहीं ना कहीं 40 विधायकों के बाद अब सोमवार को शिवसेना के 12 सांसदों द्वारा बगावत से है। लेकिन वे अपने ट्वीट में फन कुचलने का हुनर और जंगल ना छोड़ने की नसीहत भी दे रहे हैं। सवाल है की वे यह संदेश किसे देना चाह रहे हैं?

माना जा रहा है कि वे यह संदेश शिवसेना पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे और तमाम कार्यकर्ताओं को देना चाह रहे हैं। दरअसल, सोमवार को तेजी से बदलते घटनाक्रमों पर आश्चर्यजनक रूप से उद्धव ठाकरे ने खामोशी बरती है। उन्होंने इस बारे में कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। वे अब बिखरी हुई चीजों को समेटने की ज्यादा कोशिश करते हुए भी दिखाई नहीं दे रहे हैं। सोमवार को शिंदे गुट ने शिवसेना की राष्ट्रीय कार्यकारिणी को बर्खास्त कर नई कार्यकारिणी का गठन कर लिया।

इसपर भी उद्धव ठाकरे ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। संजय राउत शायद उन्हें और कार्यकर्ताओं को यह सुझाव देना चाह रहे हों कि लड़ाई से पीछे हटने की जरूरत नहीं है। रिपोर्ट्स के मुताबिक मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे इस वक्त नई दिल्ली में हैं। वो शिवसेना के 12 सांसदों के साथ मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिल सकते हैं। शिंदे ने कल ही शिवसेना के 18 सांसदों में से 12 के साथ ऑनलाइन मीटिंग की थी। एकनाथ शिंदे के इस कदम को देखते हुए अंदाजा लगाया जा रहा है कि शिंदे उद्धव ठाकरे को एक और झटका दे सकते हैं।