चंद्रयान-3 के इंजीनियर्स को 17 महीने से नहीं मिली सैलरी, रिश्तेदारों से कर्ज लेकर घर चला रहे

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक़, झारखंड के रांची स्थित HEC के इंजीनियरों को पिछले 17 महीनों से वेतन का मिला है। बीते दिनों प्रक्षेपित चंद्रयान-3 का लॉन्च पैड व अन्य महत्वपूर्ण उपकरण यहीं तैयार हुए हैं।

Updated: Jul 18, 2023, 11:34 AM IST

ISRO ने 14 जुलाई को चंद्रयान-3 की सफल लॉन्चिंग करके इतिहास बनाया है। चंद्रयान-3 की लॉन्चिंग पर गर्व और हर्ष में डूबे देश के लोग यह जानकर हैरान हो सकते हैं कि इस मिशन में काम करने वाले कई इंजिनियर्स भीषण वित्तीय संकट से जूझ रहे हैं। दरअसल, चंद्रयान-3 के लॉन्च पैड बनाने वाले इंजीनियर्स को 17 महीने से सैलरी नहीं मिली है। स्थिति ये है कि वे रिश्तेदारों व अन्य लोगों से कर्ज लेकर किसी तरह घर चला रहे हैं।

रिपोर्ट्स के मुताबिक रांची में हैवी इंजीनियरिंग कॉर्पोरेशन (HEC) के इंजीनियर्स ने ही ISRO के ऑर्डर पर मोबाइल लॉन्चिंग पैड बनाए हैं। इस कंपनी में करीब 2,700 कर्मचारियों और 450 अधिकारी काम करते हैं। ISRO ने HEC कंपनी को मोबाइल लॉन्चिंग पैड सहित कई उपकरण बनाने का ऑर्डर दिया था, लेकिन ऑर्डर के हिसाब से भुगतान नहीं किया गया। इसके बावजूद कंपनी ने दिसंबर 2022 में तय समय से पहले ISRO का ऑर्डर पूरा कर दिया था

कर्मचारियों के वेतन से जुड़े मामले को लेकर मई 2023 में फ्रंटलाइन नाम की इंग्लिश वेबसाइट ने खबर चलाई थी। इसमें बताया गया था कि कर्मचारी अपना घर चलाने के लिए प्रॉविडेंट फंड (PF) का पैसा इस्तेमाल कर रहे हैं। कई कर्मचारी रिश्तेदारों से उधार लेकर जीवन-यापन कर रहे हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक HEC कंपनी कई बार मिनिस्ट्री ऑफ हैवी इंडस्ट्री से 1,000 करोड़ रुपए के लिए निवेदन कर चुकी है। इस पर मंत्रालय ने जवाब देते हुए कहा कि केंद्र सरकार कोई मदद नहीं कर सकती।

रांची के धुर्वा में स्थित यह पीएसयू देश के भारी उद्योग मंत्रालय के अधीन कार्यरत है और इसकी ख्याति देश में मदर ऑफ ऑल इंडस्ट्रीज के रूप में रही है। पिछले दो-तीन वर्षों से वर्किंग कैपिटल के गंभीर संकट से जूझ रहे एचईसी में आज की तारीख में तीन हजार से ज्यादा इंजीनियर और कर्मी कार्यरत हैं। कंपनी पर इनका 17 महीने का वेतन बकाया है। वेतन की मांग को लेकर इंजीनियर-कर्मी लगातार आंदोलन करते रहे हैं, लेकिन चंद्रयान-3 के लिए इसरो से मिले वर्क ऑर्डर को पूरा करने में उन्होंने कोई कसर बाकी नहीं रखी।