हार्दिक पटेल ने छोड़ी कांग्रेस, राम मंदिर का किया जिक्र, बीजेपी में जाने के संकेत

गुजरात चुनाव से पहले हार्दिक पटेल ने कांग्रेस के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया है, पटेल ने राहुल गांधी पर तंज कसते हुए कहा है कि वे मोबाइल में व्यस्त रहते हैं, कयास हैं कि हार्दिक भाजपा ज्वाइन कर सकते हैं

Updated: May 18, 2022, 06:08 AM IST

अहमदाबाद। गुजरात चुनाव से पहले राज्य में कांग्रेस पार्टी को जोरदार झटका लगा है। युवा नेता और प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष हार्दिक पटेल ने पार्टी छोड़ने का ऐलान किया है। पटेल ने पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी के नाम इस्तीफा सार्वजनिक किया है। इसमें उन्होंने बिना नाम लिए राहुल गांधी पर मोबाइल में व्यस्त रहने का आरोप लगाया है। साथ ही राम मंदिर को लेकर कांग्रेस के स्टैंड का विरोध भी किया है। कयास लगाए जा रहे हैं कि हार्दिक अब बीजेपी ज्वाइन कर सकते हैं।

सोनिया गांधी को संबोधित पत्र में हार्दिक पटेल ने लिखा है कि, 'यह 21वीं सदी है और भारत विश्व का सबसे युवा देश है। देश के युवा एक सक्षम और मज़बूत नेतृत्व चाहते हैं। पिछले लगभग 3 वर्षों में मैंने यह पाया है कि कांग्रेस पार्टी सिर्फ विरोध की राजनीति तक सीमित रह गई है, जबकि देश के लोगों को विरोध नहीं, एक ऐसा विकल्प चाहिए जो उनके भविष्य के बारे में सोचता हो, देश को आगे ले जाने की क्षमता रखता हो। अयोध्या में प्रभु श्री राम का मंदिर हो, CAA-NRC का मुद्दा हो, जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटाना हो अथवा GST लागू करने जैसे निर्णय हों, देश लंबे समय से इनका समाधान चाहता था और कांग्रेस पार्टी सिर्फ इसमें एक बाधा बनने का काम करती रही।'

हार्दिक ने आगे लिखा है कि, 'भारत देश हो, गुजरात हो या मेरा पटेल समाज हो; हर मुद्दे पर कांग्रेस का स्टैंड सिर्फ केंद्र सरकार का विरोध करने तक ही सीमित रहा। कांग्रेस को लगभग देश के हर राज्य में जनता ने रिजेक्ट इसीलिए किया है क्यूंकि कांग्रेस पार्टी और पार्टी का नेतृत्व जनता के समक्ष एक बेसिक रोडमैप तक प्रस्तुत नहीं कर पाया। शीर्ष नेतृत्व में किसी भी मुद्दे के प्रति गंभीरता की कमी एक बड़ा मुद्दा है। मैं जब भी पार्टी के शीर्ष नेतृत्व से मिला तो लगा कि नेतृत्व का ध्यान गुजरात के लोगों और पार्टी की समस्याओं को सुनने से ज्यादा अपने मोबाइल और बाकी चीजों पर रहा। जब भी देश संकट में था अथवा कांग्रेस को नेतृत्व की सबसे ज्यादा आवश्यकता थी, तो हमारे नेता विदेश में थे। शीर्ष नेतृत्व का बर्ताव गुजरात के प्रति ऐसा है, जैसे कि गुजरात और गुजरातियों से उन्हें नफरत हो। ऐसे में कांग्रेस कैसे अपेक्षा करती है कि गुजरात के लोग उन्हें विकल्प के तौर पर देखेंगे?'

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इस्तीफा पत्र में हार्दिक ने यह भी लिखा है कि हम जैसे कार्यकर्ता अपनी गाड़ी से अपने खर्च पर दिन में 500-600 किलोमीटर तक की यात्रा करते हैं, जनता के बीच जाते हैं। लेकिन गुजरात के बड़े नेता सिर्फ इस बात पर ध्यान देते हैं कि दिल्ली से आए हुए नेता को उनका चिकन सैंडविच समय पर मिला या नहीं। कांग्रेस पार्टी ने युवाओं का भरोसा तोड़ा है, जिसके कारण आज कोई भी युवा कांग्रेस के साथ दिखना भी नहीं चाहता। मुझे बड़े दुःख के साथ कहना पड़ता है कि आज गुजरात में हर कोई जानता है कि किस प्रकार कांग्रेस के बड़े नेताओं ने जानबूझकर गुजरात की जनता के मुद्दों को कमजोर किया है और इसके बदले में स्वयं बड़े आर्थिक फायदे उठाये हैं। राजनीतिक विचारधारा अलग हो सकती है परंतु कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं का इस प्रकार बिक जाना प्रदेश की जनता के साथ बहुत बड़ा धोखा है।

हार्दिक ने आरोप लगाया है कि कांग्रेस पार्टी गुजरात की जनता के लिए कुछ अच्छा करना ही नहीं चाहती। इसीलिए जब वे गुजरात के लिए कुछ करना चाहते थे तो पार्टी ने सिर्फ मेरा तिरस्कार ही किया। उन्होंने लिखा कि आज मैं बड़ी हिम्मत करके कांग्रेस पार्टी के सभी पद और पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देता हूँ। मुझे विश्वास है कि मेरे इस निर्णय का स्वागत मेरा हर साथी और गुजरात की जनता करेगी। मैं भी मानता हूं कि मेरे इस कदम के बाद मैं भविष्य में समग्र गुजरात के लिए सच में सकारात्मक रूप से काम कर पाऊंगा।

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बता दें कि हार्दिक पटेल लंबे समय से कांग्रेस पार्टी से नाराज चल रहे थे और लगातार राज्य के नेताओं और हाईकमान पर सवाल खड़े कर रहे थे। बताया जा रहा है कि उनकी महत्वकांक्षा ज्यादा थी। वे पार्टी में अपनी मनमानी करना चाहते थे जबकि शीर्ष नेतृत्व ने उन्हें अनुशासन में रहने की हिदायत दी थी। ऐसे में जब गुजरात विधानसभा चुनाव में कुछ ही महीने बचे हैं और उससे पहले हार्दिक पटेल ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया।