लद्दाख में वीर शहीद मेजर शैतान सिंह का मेमोरियल ध्वस्त, खड़गे बोले- चीनी मंसूबों के आगे घुटने टेक चुकी सरकार

मेजर शैतान सिंह के नेतृत्व में 13 कुमाऊं की C कंपनी द्वारा रेजांग ला की रक्षा के लिए 113 वीर जवानों का सर्वोच्च बलिदान देश का गौरव है। भाजपा ने उनके मेमोरियल को धराशायी कर देश को एक बार फ़िर अपने नक़ली देशभक्त होने का सबूत दिया है: मल्लिकार्जुन खड़गे

Updated: Dec 30, 2023, 05:31 PM IST

नई दिल्ली। 1962 भारत-चीन वॉर के हीरो मेजर शैतान सिंह के मेमोरियल को ध्वस्त करने की जानकारी सामने आई है। ये मेमोरियल लद्दाख के चुशुल गांव में बनाया गया था, उसी जगह पर जहां से उनका पार्थिव शरीर मिला था। वीर शहीद शैतान सिंह के मेमोरियल ध्वस्त किए जाने को लेकर केंद्र की मोदी सरकार चौतरफा घिरी हुई है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि मोदी सरकार चीनी मंसूबों के आगे घुटने टेक चुकी है।

मल्लिकार्जुन खड़गे ने एक सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा, 'चीन पर “लाल ऑंख” तो ली मूँद, 
अपमानित की वीर जाँबाज़ों के बलिदान की हर बूँद। भारत माता के वीर सपूत एवं परम वीर चक्र से सम्मानित, 1962 रेजांग-ला युद्ध के महानायक, मेजर शैतान सिंह के चुशूल, लद्दाख स्थित मेमोरियल को 2021 में ध्वस्त किये जाने की ख़बर बेहद पीड़ादायक है। ख़बरों के मुताबिक़, क्या ये इसलिए किया गया, क्योंकि चीन के साथ बातचीत के बाद से अब वो भारतीय क्षेत्र, बफ़र ज़ोन में आ गया है? भारत सरकार के विदेश मंत्रालय की एक वाक्य की टिप्पणी कुछ नहीं कहती।'

खड़गे ने आगे लिखा, 'क्यों मोदी जी और शी जिंनपिग की 2014 से आजतक 20 मेल-मिलापों के बाद भी, भारत को देपसांग प्लेन, पैंगोंग त्सो, डेमचौक और गोगरा-हॉटस्प्रिंग क्षेत्र पर मई 2020 के पहले की अपने हिस्से की वस्तुस्थिति बरक़रार रखवाने में मोदी सरकार विफल रही है? क्या ये सच नहीं है कि गलवान में 20 सेना के जवानों के प्राणों की आहुति के बाद मोदी जी ने चीन को क्लीन चिट थमा दी? मेजर शैतान सिंह के नेतृत्व में 13 कुमाऊं की C कंपनी द्वारा रेजांग ला की रक्षा के लिए 113 वीर जवानों का सर्वोच्च बलिदान देश का गौरव है। भाजपा ने उनके मेमोरियल को धराशायी कर देश को एक बार फ़िर अपने नक़ली देशभक्त होने का सबूत दिया है। दुखद है कि यह सरकार चीनी मंसूबों के आगे घुटने टेक चुकी है।'

बता दें कि 1962 की जंग की में 17,000 फीट की ऊंचाई पर कड़कड़ाती ठंड में रेजांग ला में मेजर शैतान सिंह की अगुआई में 13 कुमाऊं रेजिमेंट की 120 सिपाहियों वाली टुकड़ी ने भारी संख्या में आए चीनी सैनिकों का मुकाबला किया था। बाद में मेजर शैतान सिंह और उनकी टुकड़ी के 114 जवानों के शव मिले। बाकी लोगों को चीन ने बंदी बना लिया था। भारत युद्ध हार गया था लेकिन बाद में पता चला कि चीन की सेना को सबसे ज्यादा नुकसान रेजांग ला पर ही हुआ था। चीन के करीब 1800 सैनिक इस जगह मारे गए थे। ये एकमात्र जगह थी जहां भारतीय सेना ने चीनी सेना को घुसने नहीं दिया।