हत्यारों की गिरफ्तारी की मांग करना गुनाह है क्या, थाने से रिहा होने के बाद बोले सिद्धू

नवजोत सिंह सिद्धू को पंजाब राजभवन के बाहर प्रदर्शन करने के दौरान हिरासत में लिया गया था, सिद्धू को गिरफ्तार कर सारंगपुर थाने ले जाया गया था

Updated: Oct 04, 2021, 01:10 PM IST

Photo Courtesy : Indian Express
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चंडीगढ़। पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू ने हिरासत से छूटने के बाद लखीमपुर खीरी नरसंहार पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। कांग्रेस नेता ने किसान नरसंहार के संबंध में कहा है कि हत्यारों की गिरफ्तारी की मांग करना क्या गुनाह है। सिद्धू को आज दोपहर राजभवन के बाहर प्रदर्शन करते वक्त हिरासत में लिया गया था।  

नवजोत सिंह सिद्धू कांग्रेस के कार्यकर्ताओं के साथ चंडीगढ़ में राजभवन के बाहर प्रदर्शन कर रहे थे। इसी दौरान उन्हें हिरासत में लेकर सारंगपुर थाने ले जाया गया। हिरासत से छूटते ही सिद्धू ने कहा कि वे किसानों के हत्यारों की गिरफ्तारी की मांग कर रहे थे। यह कोई गुनाह नहीं है। 

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इससे पहले सिद्धू ने राजभवन के बाहर प्रदर्शन करते हुए यह मांग की थी शांतिपूर्वक किसानों पर बेरहमी से गाड़ी चढ़ाने वाले लोगों को जल्द से जल्द सलाखों के पीछे धकेला जाना चाहिए। इसके साथ ही सिद्धू ने हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर पर देशद्रोह का मुकदमा दर्ज किए जाने की मांग की थी।  

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रविवार को उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में प्रदर्शनकारी किसानों पर गाड़ी चढ़ा दी गई थी। इस दर्दनाक घटना में चार किसानों सहित आठ लोगों की मौत हो गई थी। इस पूरे मामले में केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा का बेटा आशीष मिश्रा मुख्य आरोपी है। आरोप है कि केंद्रीय मंत्री का बेटा ही किसानों को कुचले जाने के दौरान गाड़ी चला रहा था। इस पूरे मामले में भारी आक्रोश और विरोध के बाद केंद्रीय मंत्री के बेटे के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया है। आशीष मिश्रा के साथ-साथ कुल 14 लोगों के खिलाफ विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है। 

वहीं योगी सरकार ने मृतक किसानों के परिजनों को 45-45 लाख रुपए की मुआवज़ा राशि देने का एलान किया है। साथ ही इस नरसंहार की जांच हाई कोर्ट के रिटायर्ड जज की निगरानी में किए जाने पर सहमति बनी है।