शहीद का बेटा हूं, नहीं सहूंगा शहीदों का अपमान, जलियांवाला बाग के नवीकरण के खिलाफ बोले राहुल गांधी
राहुल गांधी ने कहा है कि जलियांवाला बाग के शहीदों का अपमान वही कर सकता है, जो शहादत का मतलब नहीं जानता

नई दिल्ली। अंग्रेजी हुकूमत की सबसे क्रूर बर्बरता की निशानी जलियांवाला बाग के नवीकरण के खिलाफ मोदी सरकार पर लोगों का गुस्सा फूट पड़ा है। इसी कड़ी में कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी जलियांवाला बाग के नवीकरण की मुखालिफत की है। राहुल गांधी ने कहा है कि चूंकि वे खुद एक शहीद के बेटे हैं, इसलिए वे जलियांवाला बाग के शहीदों का अपमान किसी भी कीमत पर सहन नहीं करेंगे।
राहुल गांधी ने अपने ट्विटर हैंडल पर जलियांवाला बाग के नवीकरण का विरोध करते हुए कहा है कि जलियाँवाला बाग़ के शहीदों का ऐसा अपमान वही कर सकता है जो शहादत का मतलब नहीं जानता। कांग्रेस नेता ने आगे कहा, मैं एक शहीद का बेटा हूँ, शहीदों का अपमान किसी क़ीमत पर सहन नहीं करूँगा।हम इस अभद्र क्रूरता के ख़िलाफ़ हैं।
जलियाँवाला बाग़ के शहीदों का ऐसा अपमान वही कर सकता है जो शहादत का मतलब नहीं जानता।
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) August 31, 2021
मैं एक शहीद का बेटा हूँ- शहीदों का अपमान किसी क़ीमत पर सहन नहीं करूँगा।
हम इस अभद्र क्रूरता के ख़िलाफ़ हैं। pic.twitter.com/3tWgsqc7Lx
वहीं कांग्रेस नेता ने अपने एक अन्य ट्वीट में मोदी सरकार और बीजेपी पर हमला बोलते हुए कहा है कि जिन लोगों ने आजादी की लड़ाई नहीं लड़ी, वह कभी आजादी की लड़ाई लड़ने वालों को समझ नहीं सकते।
Those who didn’t struggle for freedom can’t understand those who did.
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) August 31, 2021
राहुल गांधी के अलावा सोशल मीडिया पर मोदी सरकार के खिलाफ तीखी टिप्पणियां की जा रही हैं। इस विवाद के जड़ में जलियांवाला बाग का नवीकरण है। जलियांवाला बाग का नाम अतीत के काले पन्नों में दर्ज है। इसी जगह पर 1919 में बैसाखी के दिन जनरल डायर ने प्रदर्शन कर रहे लोगों पर गोलियां चलाने का आदेश दिया था। जिसमें हजार से ज्यादा लोगों की निर्मम हत्या कर दी गई थी। उस जगह का नवीकरण किए जाने के खिलाफ सोशल मीडिया पर एक सुर में मोदी सरकार की आलोचना हो रही है।
सोशल मीडिया पर लोगों का गुस्सा इस वजह फूट रहा है क्योंकि ज्यादातर लोगों का यही मानना है कि जलियांवाला बाग की घटना अतीत के क्रूरतम घटनाओं में से एक है। इसलिए इसका नवीकरण नहीं किया जाना चाहिए। जलियांवाला बाग के पुनर्निर्मित परिसर में लाइट और साउंड शो को लेकर भी लोगों ने सवाल खड़े किए, लोगों ने कहा कि यह कोई ऐसी घटना नहीं थी, जिसका उत्सव मनाया जाए।
यह भी पढ़ें : गांधी जी से जुड़ी हर चीज़ को खत्म करने की है तैयारी, अशोक गहलोत ने की साबरमती आश्रम को बचाने की मांग
सोशल मीडिया पर विपक्षी दलों के अलावा तमाम इतिहासकार भी मोदी सरकार के इस फैसले का विरोध कर रहे हैं। इतिहासकार मोदी सरकार पर इतिहास को नष्ट करने का आरोप लगा रहे हैं। इतिहासकार इरफान हबीब ने जलियांवाला बाग के नवीकरण को लेकर कहा कि यह स्मारकों का निगमीकरण है। जहां वे आधुनिक संरचनाओं के रूप में हमेशा के लिए समाप्त हो जाते हैं, और विरासत मूल्य को खो देते हैं।
Insulting our martyrs.
— Sitaram Yechury (@SitaramYechury) August 30, 2021
Jallianwala Bagh massacre of Hindus Muslims Sikhs who gathered together for Baisakhi galvanised our freedom struggle.
Every brick here permeated the horror of British rule.
Only those who stayed away from the epic freedom struggle can scandalise thus. https://t.co/KvYbl840qE
सीताराम येचुरी ने भी इरफान हबीब की बात से सहमति ज़ाहिर की है। सीताराम येचुरी ने कहा है कि ऐसा कृत्य वही लोग कर सकते हैं जो स्वतंत्रता संग्राम से दूर रहे। जलियांवाला बाग के अलावा भाजपा द्वारा शासित गुजरात सरकार साबरमती आश्रम का भी नवीकरण करने जा रही है। बीजेपी सरकार के इस फैसले का भी विरोध हो रहा है। लोगों की दलील है कि दुनिया भर से लोग साबरमती आश्रम में यह जानने आते हैं कि गांधी जी ने किस सादगी के साथ अपना जीवन बिताया। बुद्धजीवियों ने गुजरात सरकार के इस फैसले को गांधी जी की दूसरी हत्या करार दिया है।