छत्तीसगढ़ में गरमाया जबरन धर्मांतरण का मुद्दा, मुख्यमंत्री ने विपक्ष के आरोपों को सिरे से किया खारिज

बीजेपी ने सरकार पर जबरन धर्मांतरण करवाने का लगाया है आरोप, सीएम ने कहा देश में सभी को अपना धर्म चुनने की आजादी है, अगर एक भी जबरन धर्मांतरण हुआ है तो उस पर कार्रवाई होगी

Updated: Sep 11, 2021, 01:14 PM IST

Photo Courtesy: news nation
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रायपुर। छत्तीसगढ़ में धर्मांतरण का मुद्दा तूल पकड़ता जा रहा है। विपक्ष में बैठी बीजेपी प्रदेश सरकार पर जबरन धर्मांतरण का आरोप लगा रही है। जिसे प्रदेश के मुखिया भूपेश बघेल ने सिरे से नकार दिया है। मुख्यमंत्री का दावा है कि छत्तीसगढ़ में बीजेपी के कार्यकाल में ज्यादा धर्मांतरण हुए हैं। अब बीजेपी के पास कोई मुद्दा नहीं हैं इसलिए वह कांग्रेस पर जबरन धर्मांतरण के आरोप लगा रही है।

मुख्यमंत्री ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा है कि बीजेपी के पास किसान, गाय या आदिवासियों से जुड़ा कोई मुद्दा नहीं हैं। इसलिए वह धर्म परिवर्तन के मुद्दे का राग आलाप रही है। मुख्यमंत्री का आरोप है कि धर्मांतरण का सहारा लेकर विपक्ष सत्ता में वापसी करना चाहता है। भूपेश बघेल ने कहा कि रमन सिंह के कार्यकाल में प्रदेश में सबसे ज्यादा चर्च बनाए गए हैं।

मुख्यमंत्री ने बीजेपी के आरोपों को खारिज करते हुए कहा है कि बीजेपी ने सत्ता में रहते हुए बस्तर में बड़ी संख्या में चर्चों का निर्माण करवाया है। ऐसे में सरकार पर जबरन धर्मांतरण का आरोप लगाना सर्वथा गलत है। सीएम ने कहा कि देश का संविधान लोगों को किसी भी धर्म को मानने की स्वतंत्रता देता है। मुख्यमंत्री ने साफ किया है कि अगर प्रदेश में जबरन धर्मांतरण का एक भी केस होगा तो उसके खिलाफ कार्रवाई होगी।

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वहीं शनिवार को रायपुर में धर्मांतरण के मुद्दे पर बीजेपी ने प्रदर्शन किया। बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय के साथ बड़ी संख्या में बीजेपी कार्यकर्ता और नेता गांधी की प्रतिमा तक पैदल मार्च निकाला। भाजपा नेता राज्यपाल अनुसूईया उइके को ज्ञापन भी सौंपा। बीजेपी का आरोप है कि प्रदेश में धर्मांतरण को लेकर सैकड़ों शिकायतें जिसमें कोई एक्शन नहीं किया गया है।