कहीं आप ज्यादा तो नहीं ले रहे पैरासिटामोल, लिवर और किडनी हो सकता है डैमेज

पैरासिटामोल में स्टेरॉयड होता है, इसलिए इसकी अनुचित खुराक आपको भारी नुकसान पहुंचा सकती है। पैरासिटामोल का इस्तेमाल आमतौर पर बुखार, माइग्रेन, पीरियड पेन, सिर दर्द, दांत दर्द, बदन दर्द जैसा दिक्कतों में किया जाता है।

Updated: Nov 08, 2023, 11:14 AM IST

भारत में सबसे ज्यादा लोग पैरासिटामोल का इस्तेमाल करते हैं। कोविड के इस दौर में सबसे ज्यादा लोग बुखार, बदन दर्द से राहत के लिए पैरासिटामोल की दवा खाते हैं। या फिर हल्का सा सिर में दर्द हो या हल्का बुखार हो, हर चीज में लोग काल्पोल , क्रोसिन , डोलो जैसी पैरासिटामोल की दवा ले लेते हैं। लेकिन अधिकांश लोग इसकी सही मात्रा के बारे में नहीं जानते हैं। पैरासिटामोल में स्टेरॉयड होता है, इसलिए इसकी अनुचित खुराक आपको भारी नुकसान पहुंचा सकती है। पैरासिटामोल का इस्तेमाल आमतौर पर बुखार, माइग्रेन, पीरियड पेन, सिर दर्द, दांत दर्द, बदन दर्द जैसा दिक्कतों में किया जाता है। काल्पोल, क्रोसिन, डोलो, सूमो एल, कांबीमोल, पेसीमोल जैसे कई नामों से ये दवा दुकानों में मिलती है। 

क्या कहते है डॉक्टर्स?

हर छोटी-छोटी परेशानियों पर बिना डॉक्टर की सलाह लिए पैरासिटामोल लेना सेहत पर बहुत अधिक दुष्प्रभाव डालती है। पैरासिटामोल वैसे तो नुकसानदायक नहीं है लेकिन कुछ स्थितियों में इसकी अधिक उपयोग करने के कारण ये किडनी-लिवर सहित कई प्रकार की समस्या खड़ी कर सकती है। 

वही मेडिकल रिपोर्ट्स के अनुसार वैश्विक स्तर पर पैरासिटामोल ओवरडोज में ली जाने वाली सबसे आम दवा है। इसकी अधिक मात्रा में उपयोग लिवर के लिए गंभीर समस्या पैदा कर सकती है। इसके साथ ही कुछ मामलों में इसके कारण लिवर फेलियर जैसी दिक्कतें भी देखी गई हैं साथ ही साल 2021 में, पैरासिटामोल ओवरडोज के कारण इंग्लैंड और वेल्स में 227 मौतें भी दर्ज की गईं।

क्या है सही खुराक ?

ड्रग्स डॉट कॉम के मुताबिक सामान्य वयस्क को अगर बुखार है तो अमेरिकी गाइडलाइन के मुताबिक 325 एमजी से 650 एमजी तक पैरासिटामोल की खुराक 4 से 6 घंटे की अवधि के दौरान दी जा सकती है। अगर अंतराल 8 घंटे तक का है तो उसे 1000 एमजी तक की दवा दी जा सकती है। हालांकि व्यक्ति में पूर्व की बीमारियां, वजन, हाइट, परिवेश के आधार पर भी खुराक तय होती है। गाइडलाइन के मुताबिक बुखार में 500 एमजी पैरासिटामोल को 6 घंटे के बाद ही लेना चाहिए। छोटे बच्चों को पैरासिटामोल देते समय बहुत ज्यादा सतर्कता बरतने की जरूरत होती है। अगर बच्चे को बुखार है और वह एक महीने से कम का है तो उसे 10 से 15 एमजी पैरासिटामोल प्रति किलो वजन के हिसाब से 4 से 6 घंटे के अंतराल पर दिया जाता है। वहीं, 12 साल तक के बच्चे को इसी मात्रा के हिसाब से 6 से 8 घंटे के अंतराल पर दिया जाना चाहिए। 

अगर कोई 18 साल से ऊपर है और बॉडी में दर्द है तो 325 से 650 एमजी पैरासिटामोल की दवा 4 से 6 घंटे की अंतराल पर लेनी चाहिए। वहीं एक हजार एमजी की दवा 6 से 8 घंटे के अंतराल पर लेनी चाहिए। दर्द की परेशानी को खत्म करने के लिए 500 एमजी की दवा 4 से 6 घंटे के अंतराल पर लेनी चाहिए। वहीं छोटे बच्चे को 10 से 15 एमजी प्रति किलोग्राम शरीर के वजन के हिसाब से 6 से 8 घंटे के बीच लेनी चाहिए।

कब नहीं लेना चाहिए पैरासिटामोल 

विशेषज्ञों के मुताबिक अगर बुखार में आप तीन दिन से पैरासिटामोल की दवा ले रहे हैं और बुखार नहीं उतर रहा है तो तुरंत इसे छोड़ दें और डॉक्टर से संपर्क करें। किसी भी तरह के दर्द में 10 दिन से ज्यादा पैरासिटामोल नहीं लेनी चाहिए। इसके अलावा लिवर प्रॉब्लम, किडनी प्रॉब्लम, अल्कोहल प्रॉब्लम और अंडरवेट की स्थिति में बिना डॉक्टर की सलाह से पैरासिटामोल नहीं लेनी चाहिए।