कतर ने 8 पूर्व भारतीय नौसैनिकों को सुनाई सजा-ए-मौत, छुड़ाने के लिए कानूनी विकल्प तलाश रहा भारत

कतर की एक अदालत ने भारत के 8 पूर्व नौसैनिकों को मौत की सजा सुनाई है। ये एक साल से कतर की अलग-अलग जेलों में कैद हैं। अदालत के इस फैसले पर भारत सरकार ने हैरानी जताई है।

Updated: Oct 26, 2023, 07:18 PM IST

दोहा। भारत के 8 पूर्व नौसैनिकों को कतर की एक अदालत ने मौत की सजा सुनाई है। कतर सरकार ने पिछले एक साल से इन भारतीयों को कैद में रख हुआ था। भारत सरकार ने कतर की अदालत के फैसले पर हैरानी जताई है। भारत ने कहा है कि वह इस फैसले को चुनौती देगा। यही नहीं भारत सरकार ने कहा है कि वह हर व‍िकल्‍प पर विचार कर रही है। इससे पहले भारत ने कतर की सरकार से अपील की थी कि वह भारत के पूर्व नौसैनिकों पर दया दिखाए और उन्‍हें छोड़ दे। कतर का दावा है कि ये भारतीय इजरायल के लिए जासूसी कर रहे थे।

भारत सरकार अब इन पूर्व नौसैनिकों की रिहाई के लिए कानूनी कदम उठा रही है। ये पूर्व भारतीय नौसैनिक एक समय में भारतीय नौसेना के युद्धपोतों पर काम कर चुके हैं। ये अभी दहरा ग्‍लोबल कंपनी के लिए काम कर रहे थे। यह एक प्राइवेट कंपनी है जो कतर की सेना को ट्रेनिंग देने का काम करती है। उनकी दया याचिका को अब तक कई बार खारिज किया गया था। कतर के अधिकारियों ने भारत की अपील को खारिज करते हुए उनके हिरासत को भी खारिज कर दिया था।

कतर की अदालत की ओर से यह इस मामले में पहला फैसला है। भारत के एक पत्रकार कतर में इस पूरे मामले की रिपोर्टिंग कर रहे थे, उन्‍हें भी कतर के अधिकारियों ने जाने के लिए कह दिया था। भारतीय विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी करके कहा, 'हम इस मौत की सजा के फैसले से बहुत हैरान हैं और विस्‍तृत फैसले की प्रतीक्षा कर रहे हैं। हम इन पूर्व नौसैनिकों के परिवार वालों और कानूनी टीम के साथ संपर्क में हैं। हम सभी विकल्‍पों पर विचार कर रहे हैं।'