शाकाहार अपनाएं और ब्राह्मणों से मधुर संबंध रखें, MP के IAS अफसर की मुसलमानों को सलाह
अपने विवादित बयान और ट्वीट की वजह से पहचान बना चुके आईएएस अधिकारी नियाज खान ने अब मुस्लिमों को सलाह देते हुए कहा है कि मुस्लिम भाई भी गौ रक्षक बनें और धर्म परिवर्तन का विरोध करें।

भोपाल। अपने बयानों को लेकर हमेशा विवादों में रहने वाले मध्य प्रदेश कैडर के आईएएस अफसर नियाज़ खान ने अब मुस्लिम धर्म के लोगों को अजीबोगरीब सलाह दी है। नियाज़ खान ने देश के मुसलमानों को कहा है कि उन्हें ब्राह्मणों का सम्मान करना चाहिए और हो सके तो शाकाहार अपनाना चाहिए।
मध्य प्रदेश कैडर के IAS अधिकारी नियाज़ खान ने गुरुवार सुबह ट्वीट किया, "मुस्लिम भाई भी गौ रक्षक बनें, धर्म परिवर्तन का विरोध करें, किसी का धर्म ना बदलवाएं। जबरन धर्म बदलवाना इस्लाम में प्रतिबंधित है। अगर शाकाहार अपना सकें तो यह एक बेहतरीन प्रयास होगा। यद्यपि शाकाहारी बनने को बाध्य नही किया जा सकता। हर मुस्लिम भाई ब्राह्मणों से मधुर संबंध रखें।"
मुस्लिम भाई भी गौ रक्षक बनें, धर्म परिवर्तन का विरोध करें, किसी का धर्म ना बदलवाएं। जबरन धर्म बदलवाना इस्लाम में प्रतिबंधित है। अगर शाकाहार अपना सकें तो यह एक बेहतरीन प्रयास होगा। यद्यपि शाकाहारी बनने को बाध्य नही किया जा सकता। हर मुस्लिम भाई #ब्राह्मणों से मधुर संबंध रखें।
— Niyaz Khan (@saifasa) June 8, 2023
बता दें कि आईएएस अफसर नियाज खान ने ‘द ग्रेट ब्राम्हण’ नामक एक उपन्यास भी लिखा है। इसमें उन्होंने लिखा है कि ब्राम्हणों का सुपर ब्रेन होता है। उन्हें हर फील्ड में बौद्धिक नेतृत्व दें, तो क्रांतिकारी बदलाव आ सकता है। खान ने चाणक्य से प्रभावित होकर यह उपन्यास लिखा है। उनका मानना है कि संघर्षों के बाद भी ब्राम्हणों ने अपनी संस्कृति बचाकर रखी है। इतिहास में ब्राम्हणों ने समाज का पथ प्रदर्शन किया है। ऐसा नहीं कि सिर्फ पूजा-पाठ की।
बाबा महाकाल की नगरी उज्जैन में "ब्राम्हण द ग्रेट" पुस्तक का विमोचन हुआ था। विमोचन समारोह में खान ने कहा था कि ब्राम्हण समाज इस सनातन धर्म का केंद्र बिंदु है। चार महीने पहले बाजार में आई इस किताब में उन्होंने ये भी लिखा था कि जब-जब सड़क पर चोटी-जनेऊधारी ब्राह्मण नंगे पांव निकलता है तो वह साक्षात भगवान का रूप होता है। नियाज खान अपने धर्म की हिंसक छवि को मिटाने के लिए भी रिसर्च कर रहे हैं। उनका मानना है कि इस्लाम के बदनाम होने के पीछे कई संगठनों की खराब छवि है। नियाज खान अब तक आधा दर्जन से ज्यादा किताबें भी लिख चुके हैं।