भोपाल: हिंदी दिवस पर दादा और पोती की किताबों का विमोचन

राजधानी भोपाल में शनिवार कवि ओम बबेले के कविता संग्रह कामना से काल हारा और बाल लेखिका रेवा बबेले के कहानी संग्रह बापू की डगर का विमोचन आज भोपाल के राज्य संग्रहालय में सम्पन्न हुआ।

Updated: Sep 14, 2024, 08:14 PM IST

भोपाल। हिंदी दिवस के मौके पर राजधानी भोपाल में आज कवि ओम बबेले के कविता संग्रह कामना से काल हारा और बाल लेखिका रेवा बबेले के कहानी संग्रह बापू की डगर का विमोचन आज भोपाल के राज्य संग्रहालय में सम्पन्न हुआ।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए वरिष्ठ साहित्यकार एवं आलोचक विजय बहादुर सिंह ने कहा कि ओम बबेले की कविताएँ उनके हृदय की गहराई की अभिव्यक्ति है। बबेले ने ऐसे समय पर छंद में कविता लिखी हैं जिस समय हिंदी के कवि छंद का त्याग कर पूरी तरह से नई कविता की ओर बढ़ गए हैं।

समारोह के मुख्य अतिथि वरिष्ठ साहित्यकार ज्ञान चतुर्वेदी ने कहा कि रेवा बबेले ने अपनी किताब बापू की डगर  के माध्यम से बच्चों के लिए नए गांधी का सृजन किया है। चतुर्वेदी ने कहा कि श्री ओम बबेले ने खड़ी बोली के साथ ही बुंदेली में भी सरस कवितायें लिखकर लोक मानस को बहुत गहराई से अंकित किया है।

लखनऊ से पधारे वरिष्ठ साहित्यकार देवनाथ द्विवेदी ने कहा कि वह पिछले 30 वर्ष से इन कविताओं के रचना प्रक्रिया के साक्षी है और निश्चित तौर पर यह कविताएँ हिन्दी साहित्य को समृद्ध करेंगी। बबेले ने अपनी कविताओं का पाठ किया जिनमें से एक कविता भीड़ का ओढ़े कफन सरकार है और बुंदेली गीत जो वे कै रए वो हम केरए श्रोताओं ने बहुत पसंद किया।

इस दौरान बाल लेखिका रेवा बबेले ने कहा कि उसकी उम्र अभी छोटी है और वह ख़ुद को लेखक कहने की स्थिति में नहीं है। लेकिन उसकी एक ही इच्छा है कि महात्मा गांधी के बारे में जो भ्रांतियां बच्चों के बीच फैलायी जा रही है उन्हें समाज के विद्वान लोगों को दूर करना चाहिए। कार्यक्रम का संचालन में कवि चित्रा सिंह ने किया।