डिप्टी कलेक्टर निशा बांगरे के साथ भोपाल पुलिस ने किया दुर्व्यवहार, कपड़े फाड़े, गिरफ्तार कर भेजा जेल

छतरपुर जिले में डिप्टी कलेक्टर के पद पर तैनात निशा बांगरे न्याय यात्रा लेकर सोमवार को भोपाल पहुंचीं। वह सीएम हाउस जाना चाहती थीं लेकिन पुलिस ने बल प्रयोग करते हुए उन्हें गिरफ्तार कर लिया।

Updated: Oct 09, 2023, 05:49 PM IST

भोपाल। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में छतरपुर की डिप्टी कलेक्टर निशा बांगरे के साथ दुर्व्यवहार का मामला सामने आया है। आमला से न्याय यात्रा लेकर सोमवार को भोपाल पहुंचीं निशा बांगरे के साथ पुलिस ने न केवल बदसलूकी की बल्कि उनके कपड़े भी फाड़ दिए। इस दौरान बांगरे के गले में बाबा साहब अम्बेडकर की तस्वीर थी। गिरफ्तारी के दौरान पुलिस ने उसे भी फाड़ दिया।

डिप्टी कलेक्टर बांगरे ने अपना इस्तीफा स्वीकार नहीं करने पर सीएम हाउस के सामने आमरण अनशन पर बैठने की चेतावनी दी थी। उनकी न्याय यात्रा 12 दिन में 335 किमी की दूरी तय कर सोमवार को भोपाल पहुंची। भोपाल में निशा की न्याय यात्रा सीएम हाउस के लिए बढ़ रही थी कि रास्ते में ही बोर्ड ऑफिस चौराहा पर पुलिस ने उन्हें रोक दिया। इस दौरान झूमाझटकी में डिप्टी कलेक्टर निशा बांगरे के कपड़े फट गए। यही नहीं उनके पास मौजूद संविधान निर्माता बाबा साहब अम्बेडकर का फोटो भी फट गया। 

बहरहाल, पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। भोपाल पुलिस अधीक्षक ने बताया कि उन्हें धारा 151 के तहत जेल भेजा गया है। पुलिस अधीक्षक ने कहा कि हमने उन्हें समझाया कि आप अनुमति दिखाइए। अगर आपके पास अनुमति है तो आप मार्च कीजिए. उनके पास कोई अनुमति नहीं है। कपड़े फाड़ने के आरोपों पर उन्होंने कहा कि किसी ने किसी के कोई कपड़े नहीं फाड़े हैं। कोई खुद अपने कपड़े फाड़ ले तो हम क्या करें। वे जान बूझकर भीमराव अम्बेडकर के फोटो को खुद ही फड़वा रही हैं।

निशा बांगरे के साथ भोपाल में हुए दुर्व्यवहार की कांग्रेस ने निंदा की है। निशा की गिरफ्तारी पर कांग्रेस पूर्व मंत्री पीसी शर्मा ने कहा कि सरकार दलित और महिला विरोधी है। वहीं महिला कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष विभा पटेल ने कहा कि महिला हितैषी बननेवाली शिवराज सरकार की असलियत ये है। 

निशा बांगरे की गिरफ्तारी पर कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता रागिनी नायक ने कहा, 'केवल अपना त्याग पत्र देने के लिए एक आदिवासी डिप्टी कलेक्टर को पुलिस के डंडे खाने पड़ रहे हैं उनके कपड़े फाड़ दिए गए। ये सरकार तानाशाही की पराकाष्ठा पर पहुंच गई है। बाबा साहब की तस्वीर तक को भी फाड़ दिया गया। 18 साल में प्रदेश में संविधान को लगातार तार-तार किया गया। युवाओं की नौकरियों में घोटाला कर दिया जाता है, आदिवासियों पर पेशाब कर दिया जाता है। आज हद यहां तक हो गई की बाबा साहब की फोटो फाड़ दी गई। जनता के सुख चैन हक और हुकूख को ये सरकार खा गई है।'

बता दें कि आमला में सर्वधर्म शांति सम्मेलन में भाग लेने की अनुमति न मिलने के बाद निशा बंगरे ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। हालांकि, सरकार द्वारा उसे स्वीकार नहीं किया जा रहा है। बांगरे का कहना है कि तरह-तरह के पेंच लगाकर मुझे न्याय से वंचित किया जा रहा है। न्यायालय में भी गलत जानकारी प्रस्तुत की जा रही है। 

निशा ने 22 जून को अपने पद से इस्तीफा दे दिया था लेकिन आज तक यह स्वीकार नहीं हो पाया। ऐसे में उन्होंने आमला से न्याय यात्रा की शुरुआत की थी। इसके पहले निशा बांगरे ने बताया था कि उनके साथियों को न्याय यात्रा बंद करने की धमकी दी जा रही है। निशा बांगरे ने मीडिया से चर्चा में कहा था कि उनके साथियों से कहा जा रहा है कि इस यात्रा को बंद कर दीजिए  नहीं तो क्या पता राजनीति में कब आपके ऊपर या आपके किसी साथी के ऊपर गोली चल जाए या कोई ट्रक-डंपर आपको कुचल भी सकता है।