भाजपा बस दिखाने के लिए लड़ रही विधानसभा चुनाव, उनके नारों में आवाज है, विश्वास नहीं: कमलनाथ
कमलनाथ ने कहा की भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व का लक्ष्य 2024 का लोकसभा चुनाव है, जिसमें भी उसे हार ही दिखाई दे रही है। भाजपा जानती है कि वो विधानसभा बुरी तरह हार रही है।
भोपाल। विधानसभा चुनाव को लेकर मध्य प्रदेश कांग्रेस ने पूरी ताकत झोंक दी है। कांग्रेस प्रदेश में सात विधानसभा क्षेत्रों में जन आक्रोश यात्रा निकाल रही है। इन यात्राओं में भारी भीड़ देखकर पार्टी नेताओं का उत्साह बढ़ा हुआ है। इसी बीच पूर्व सीएम कमलनाथ ने कहा कि भाजपा के नारों में आवाज़ है, विश्वास नहीं, बस वह दिखाने के लिए विधानसभा चुनाव लड़ रही है।
कमलनाथ ने ट्वीट किया, 'मप्र के हर गाँव, हर बस्ती, हर शहर के हर मतदाता तक अब ये बात फैल गयी है कि भाजपा बस दिखाने के लिए 2023 का विधानसभा का चुनाव लड़ रही है दरअसल भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व का लक्ष्य 2024 का लोकसभा चुनाव है, जिसमें भी उसे हार ही दिखाई दे रही है। भाजपा जानती है कि वो विधानसभा बुरी तरह हार रही है तो ऐसे में भाजपा के केंद्रीय चुनावी रणनीतिकारों ने ये सोचा कि जनता का आक्रोश और ग़ुस्सा 2024 से पहले ही 2023 में ही निकलकर कुछ कम हो जाए तो शायद 2024 में भाजपा अपनी शर्मनाक हार के अंतर को थोड़ा कम कर सके।'
मप्र के हर गाँव, हर बस्ती, हर शहर के हर मतदाता तक अब ये बात फैल गयी है कि भाजपा बस दिखाने के लिए 2023 का विधानसभा का चुनाव लड़ रही है दरअसल भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व का लक्ष्य 2024 का लोकसभा चुनाव है, जिसमें भी उसे हार ही दिखाई दे रही है।
— Kamal Nath (@OfficeOfKNath) September 30, 2023
भाजपा जानती है कि वो विधानसभा बुरी तरह…
कमलनाथ ने आगे लिखा, 'इसीलिए भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व विधानसभा चुनाव में अपने सांसदों को लड़वाने पर ज़ोर दे रहा है। जब विधानसभा चुनाव में ही ये सांसद हार जाएँगे तो इन्हें 2024 के लोकसभा चुनाव में टिकट न देने का बहाना ये कहकर मिल जाएगा कि जो भला विधानसभा नहीं जीत पाए तो वो लोकसभा क्या जीतेंगे, ऐसे में फिर नये प्रत्याशी लाकर भाजपा एन्टी इन्कम्बेन्सी को थोड़ा कम कर पायेगी।'
कमलनाथ ने तंज कसते हुए कहा कि, 'इसीलिए दिल्ली और भोपाल की भाजपा में एक अदृश्य युद्ध चल रहा है। भाजपा की आशीर्वाद यात्राओं से लेकर चुनावी मंचों तक ये आपसी मनमुटाव भाजपाई नेताओं के चेहरों और भाषणों में साफ़ झलक रहा है। भाजपा के नारों में आवाज़ है, विश्वास नहीं।'