इंदौर जिला अस्पताल में औचक निरीक्षण के लिए पहुंचें कलेक्टर, 26 में से 11 डॉक्टर अनुपस्थित

गुरुवार सुबह कलेक्टर आशीष सिंह ने जिला अस्पताल का अचानक दौरा किया। इस दौरान उन्होंने उपस्थिति रजिस्टर की जांच की, जिसमें 26 डॉक्टरों में से 11 डॉक्टर अनुपस्थित पाए गए।

Updated: Oct 24, 2024, 05:24 PM IST

इंदौर| गुरुवार सुबह कलेक्टर आशीष सिंह ने जिला अस्पताल का अचानक दौरा किया। इस दौरान उन्होंने उपस्थिति रजिस्टर की जांच की, जिसमें 26 डॉक्टरों में से 11 डॉक्टर अनुपस्थित पाए गए। नियम के अनुसार, सभी डॉक्टरों को सुबह 9 बजे तक अस्पताल पहुंचना होता है, क्योंकि इसी समय ओपीडी भी खुलती है।

अस्पताल की व्यवस्था को लेकर जिम्मेदार आरएमओ (रेजिडेंट मेडिकल ऑफिसर) डॉ. सतीश नीमा के एक महीने के वेतन को कटने का आदेश दिया गया है।आरएमओ की यह जिम्मेदारी होती है कि वह यह सुनिश्चित करें कि सभी डॉक्टर समय पर मौजूद रहें। उन्हें कारण बताओ नोटिस भी जारी किया गया है ताकि वे अपनी गैर-जिम्मेदारी का जवाब दे सकें।

कलेक्टर के निरीक्षण में यह भी सामने आया कि आयुष विभाग के 6 स्टाफ में से 3 कर्मचारी और नर्सिंग स्टाफ के 39 में से 7 कर्मचारी भी ड्यूटी से अनुपस्थित थे। इसके अलावा, तीन आयुष डॉक्टर भी अपने काम पर मौजूद नहीं थे। कलेक्टर ने सभी डॉक्टरों और पैरामेडिकल स्टाफ को निर्देश दिया है कि वे अपने निर्धारित समय पर अस्पताल पहुंचें, अन्यथा उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

निरीक्षण के दौरान कलेक्टर ने जिला अस्पताल के निर्माण कार्य का भी जायजा लिया और वहां हो रही प्रगति की समीक्षा की। इसके बाद उन्होंने पंचशील नगर और आजाद नगर स्थित संजीवनी क्लिनिक और आंगनबाड़ी केंद्र का भी निरीक्षण किया, जहां 103 बच्चों में से केवल एक ही बच्चा मौजूद पाया गया।

इस लापरवाही के चलते आयुष विभाग के तीन कर्मचारियों - डॉ. शीतल सोलंकी, चिकित्सक बख्तियार अशरफी और कंपाउंडर कांजीलाल दामले का एक-एक दिन का वेतन काटने का आदेश दिया गया है और उन्हें कारण बताओ नोटिस भी जारी किया जाएगा।

इसके साथ ही, नगर निगम में भी सख्ती बरती जा रही है। कमिश्नर शिवम वर्मा के निर्देश पर एडिशनल कमिश्नर मनोज पाठक ने नगर निगम मुख्यालय के विभिन्न विभागों का निरीक्षण किया और वहां के कर्मचारियों की उपस्थिति और कार्य की स्थिति की जांच की।