कांग्रेस विधायक जीतू पटवारी को एक साल की सजा, राजगढ़ में कलेक्टर कार्यालय का घेराव का मामला

कांग्रेस विधायक और पूर्व मंत्री जीतू पटवारी समेत 4 लोगों को शासकीय कार्य में बाधा डालने के मामले में एक साल की सजा सुनाई गई है।

Updated: Jul 01, 2023, 06:24 PM IST

भोपाल। मध्य प्रदेश के पूर्व मंत्री व कांग्रेस विधायक जीतू पटवारी को एमपी-एमएलए कोर्ट ने शासकीय कार्य में बाधा डालने का दोषी करार दिया है। न्यायालय ने इस मामले में विधायक जीतू पटवारी समेत चार लोगों को एक साल की सजा सुनाई है। सजा का ऐलान होने के बाद पटवारी ने कहा कि लोकतंत्र की रक्षा के लिए मैं संघर्ष करता रहूंगा।

दरअसल, कांग्रेस ने 2009 में मध्य प्रदेश के राजगढ़ में किसानों को लेकर सरकार के खिलाफ आंदोलन किया था। इसका नेतृत्व पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह कर रहे थे। कांग्रेस नेता कलेक्टर कार्यालय में ज्ञापन देने जा रहे थे। इसी दौरान पत्थरबाजी शुरू हो गई थी। घटना के बाद बवाल भी हुआ था। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह को भी चोट आई थी। पुलिस ने युवा कांग्रेस के तत्कालीन अध्यक्ष जीतू पटवारी समेत 17 लोगों के खिलाफ राजगढ़ में कलेक्टर कार्यालय घेराव करने और शासकीय कार्य में बाधा डालने की एफआईआर दर्ज की थी।

इस मामले में कांग्रेस के कई नेताओं को सजा हुई है। कांग्रेस विधायक और पूर्व मंत्री जीतू पटवारी के अलावा उज्जैन कांग्रेस कमेटी के कार्यकारी अध्यक्ष सुरेंद्र मरमट, जिला पंचायत अध्यक्ष राजगढ़ चंदर सोंधिया और पूर्व विधायक राजगढ़ कृष्णमोहन मालवीय को सजा हुई है। फैसला सुनाए जाने के वक्त जीतू पटवारी भी कोर्ट में मौजूद रहे। हालांकि, न्यायालय ने उनकी जमानत याचिका को मंजूर करते हुए अगले 30 दिनों में सजा के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील करने की छूट भी दी है।

न्यायालय के फैसले पर पटवारी ने ट्वीट कर कहा, 'माननीय न्यायालय, के निर्णय का पूरा सम्मान है। जनहित के लिए संघर्ष जनप्रतिनिधि की मौलिक पहचान है। लोकतंत्र की रक्षा के लिए मैं संघर्ष करता रहूंगा। जन अधिकारों की लड़ाई के लिए हर कीमत चुकाने के लिए भी तैयार रहूंगा। मेरे नेता आदरणीय राहुल गांधी जी भी राजनीतिक द्वेषता से प्रेरित ऐसे ही मुकदमे का सामना कर रहे हैं। हम संविधान की विचारधारा से जुड़े जनता के सेवक और कांग्रेस के सच्चे सिपाही हैं। नफरत के खिलाफ मोहब्बत की लड़ाई लड़ते रहेंगे।'

पटवारी ने बीजेपी पर आरोप लगाते हुए कि कहा कि हम किसानों के हक की लड़ाई सदा लड़ते आए हैं और अंतिम सांस तक लड़ेंगे। भारतीय जनता पार्टी चुनिंदा उद्योगपतियों की पार्टी है, उन्हें किसानों की समस्याओं से कोई लेना-देना नहीं, किसानों के नाम पर शिवराज जी और मोदी जी दोनों ही झूठ बोलते आए हैं। चाहे किसानों की आमदनी दुगने करने का झूठा वादा हो या तीन कृषि काले कानून लगाने की कुचेष्टा, चाहे अपने हक की आवाज उठाने वाले किसानों को मंदसौर में गोली से मारने का जघन्य कृत्य। मैं और मेरी कांग्रेस पार्टी सदा किसानों के हक की लड़ाई में उनके साथ है। आने वाले विधानसभा चुनाव में भाजपा को प्रदेश के किसान और बेरोजगार युवा मिलकर हराने का संकल्प ले चुके हैं। आज मुझे किसानों के हक में लडी लड़ाई के लिए बीजेपी सरकार ने सजा दिलवाने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी है। ये आने वाले चुनाव में उनकी हार की बौखलाहट को प्रदर्शित कर रहा है।'