मतगणना में गड़बड़ी रोकने के लिए कांग्रेस का प्रशिक्षण अभियान, प्रत्याशियों को भोपाल में दी गई विशेष ट्रेनिंग

कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव में खड़े हुए अपने प्रत्याशियों को ट्रेनिंग के लिए भोपाल बुलाया था। इस ट्रेनिंग कैंप में प्रत्याशियों और उनके एजेंट्स को बताया गया कि कैसे उन्हें मतगणना के दिन सुरक्षा और सावधानी बरतनी है।

Updated: Nov 26, 2023, 06:07 PM IST

भोपाल। मध्य प्रदेश विधानसभा के सभी भावी सदस्यों की किस्मत ईवीएम में क़ैद हो गयी है। अब सभी को 3 दिसंबर का इंतज़ार है। इसी दिन ईवीएम को 3 लेयर सुरक्षा से निकालकर वोट गिने जाएंगे। मतगणना में किसी भी तरीके की गड़बड़ी ना हो, इसके लिए कांग्रेस सचेत है। कांग्रेस ने रविवार को राजधानी भोपाल में प्रत्याशियों और उनके एजेंट्स के लिए प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया था।

भोपाल स्थित कांग्रेस मुख्यालय में आयोजित इस कार्यक्रम में तमाम बड़े नेता शामिल हुए। प्रशिक्षण के दौरान इन प्रत्याशियों को चुनाव से जुड़ी बारीकियों के बारे में बताया गया। कांग्रेस कार्यालय में रविवार को आयोजित इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद ये सभी प्रत्याशी अपने-अपने विधानसभा क्षेत्र में जाकर एजेंट्स को प्रशिक्षण देंगे।

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दरअसल, वोटिंग के बाद अब कांग्रेस-बीजेपी सहित सभी दलों और निर्दलीय उम्मीदवारों की नजर ईवीएम पर लगी हुई है। EVM को स्ट्रांग रूम में भारी सुरक्षा के बीच रखा जा चुका है। प्रदेश कांग्रेस इस बार ईवीएम और काउंटिंग को लेकर बेहद सचेत नजर आ रही है। स्ट्रॉन्ग रूम के बाहर कांग्रेस कार्यकर्ता 24 घंटे पहरा दे रहे हैं ताकि कोई गड़बड़ी की गुंजाइश न रहे।

वहीं, काउंटिंग संबंधी ट्रेनिंग के लिए के लिए कांग्रेस पार्टी ने रविवार को अपने प्रत्याशियों को भोपाल बुलाया था। कांग्रेस के इस ट्रेनिंग कैंप में प्रत्याशियों को ट्रेनिंग दी गई कि कैसे उन्हें मतगणना के दिन सुरक्षा और सावधानी बरतनी है और किस तरह गड़बड़ियों को पहचानना और रोकना है। ट्रेनिंग में ईवीएम (EVM) और वीवीपैट (VVPT) की भी जानकारी दी गई। 

उधर भाजपा द्वारा प्रत्याशियों को वर्चुअल ट्रेनिंग दी जा रही है। इसे लेकर कांग्रेस ने तंज कसा है। कमलनाथ के मीडिया सलाहकार पीयूष बबेले ने ट्वीट किया, 'मध्य प्रदेश में कांग्रेस पार्टी ने आज प्रत्याशियों एवं उनके प्रतिनिधियों को मतगणना की ट्रेनिंग प्रदेश कार्यालय में दी। जब मन से चुनाव हार चुकी भाजपा को यह पता चला तो आनन-फानन में वर्चुअल ट्रेनिंग देने का नाटक किया गया। मध्य प्रदेश में भाजपा वर्चुअल पार्टी ही रह गई है, जमीन से उसके पांव उखड़े गए हैं।'