गृहमंत्री के क्षेत्र दतिया में रेत माफिया बेखौफ, ट्रैक्टर रोकने पर सुरक्षाबल को मारी गोली

कांग्रेस का सीएम शिवराज सिंह से सवाल, आप तो कहते थे माफियाओं को जमीन में गाड़ दो, आपके दावे फुस्सी बम क्यों साबित हो रहे हैं

Updated: Feb 05, 2021, 06:22 AM IST

Photo Courtesy: Naidunia
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दतिया। मध्यप्रदेश में रेत माफियाओं का खौफ बढ़ता जा रहा है। बुधवार को राज्य के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा के क्षेत्र दतिया में बेखौफ रेत माफियाओं ने एसआईएसएफ के एक जवान को गोली मार दी। राज्य औद्योगिक सुरक्षा बल के जवान ने रेत से भरे ट्रैक्टर रोकने की कोशिश थी। पिछले 25 दिनों में यह तीसरी घटना है जब दतिया में इस तरह की वारदात को अंजाम दिया गया है।

दतिया में बेखौफ हुए रेत माफियाओं को लेकर विपक्ष ने राज्य सरकार से तीखे सवाल पूछे हैं। कांग्रेस प्रवक्ता के के मिश्रा ने कहा है कि सीएम के दावे इतने फुस्स क्यों हो जाते हैं। मिश्रा ने ट्वीट किया, 'शिवराज जी, आप तो कह रहे हैं माफियाओं को जमीन में गाड़ दो, गुरुवार को दतिया में  राज्य औद्योगिक सुरक्षा बल के जवान को ही माफ़िया ने गोली मारी दी, इसके पहले भी इसी अंचल में IPS नरेंद्र शर्मा जी शहीद हुए थे, आपके दावे "फुस्सी बम" क्यों साबित हो रहे हैं?'

जानकारी के मुताबिक जिले की सभी रेत खदानों का ठेका केपी सिंह भदौरिया कंपनी को तीन साल के लिए मिला है। सरकार ने भदौरिया को एसआईएसएफ के 15 जवान भी उपलब्ध कराए हैं। कंपनी ठेकेदार धर्मेंद्र सिंह चौहान ने बताया कि वे बुधवार रात जवानों समेत 15 लोगों के साथ धीरपुरा होते हुए भर्रोली, उचाड़ की तरफ अवैध रेत उत्खनन व परिवहन चेक करने के लिए जा रहे थे। तभी भर्रोली गांव को क्रॉस करते ही रेत से भरे दो ट्रैक्टर-ट्रॉली दिखे।

ट्रैक्टर वैध तरीके से रेत ले जा रहे हैं या नहीं यह चेक करने के लिए एसआईएसएफ के जवान बंटू सिंह ने ड्राइवर को रॉयल्टी दिखाने का इशारा किया। तभी ड्राइवर ने कट्‌टे से गोली मार दी। गोली बंटू के दाहिने हाथ में कोहनी के पास लगी, जिससे वह घायल हो गया। इसके बाद वह ट्रैक्टर लेकर वहां से फरार हो गए। इस दौरान एक ट्रैक्टर फंस जाने के कारण अपराधियों ने उसे वहीं छोड़ दिया।

मामले में जवान के बयान के आधार पर इंदरगढ़ पुलिस ने छह लोगों के खिलाफ हत्या के प्रयास का मामला दर्ज किया है। हैरान करने वाली बात यह है कि घटना वाले गांवों में अब भी खुलेआम रेत निकाली जा रही है। इतना ही नहीं, जवानों पर हमले की पिछले 25 दिनों में यह तीसरी वारदात है। गृहमंत्री के जिले में ऐसी घटनाओं की वजह से माफियाओं को खत्म करने के राज्य सरकार के दावों पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं।