लोकसभा चुनाव तक मैं चैन की सांस नहीं लूंगा, सभी 29 सीटों पर जीत दर्ज करना हमारा मिशन: शिवराज

शिवराज सिंह चौहान ने कमलनाथ पर तंज कसते हुए कहा कि छिंदवाड़ा से दादा जी कहीं निकले ही नहीं। मामा तो घूम रहा था और दादा यहीं फंस गए। सवेरे-शाम छिंदवाड़ा में रहे। इसलिए भाजपा की एकतरफा जीत हुई।

Updated: Dec 07, 2023, 04:12 PM IST

छिंदवाड़ा। सीएम शिवराज सिंह चौहान विधानसभा के बाद अब लोकसभा चुनाव की तैयारियों में जुट चुके हैं। उन्होंने बुधवार को इसकी शुरुआत कमलनाथ के गढ़ छिंदवाड़ा से की है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने छिंदवाड़ा में सार्वजनिक बैठक के लिए एकत्र हुए लोगों पर फूलों की वर्षा करते हुए लोकसभा चुनाव की तैयारियों का आगाज कर दिया। उन्होंने यहां साफ तौर पर कहा कि जिस तरह उन्होंने विधानसभा चुनाव में बीजेपी की जीत के लिए दिन रात मेहनत की उसी तरह से वे अब लोकसभा चुनाव 2024 की तैयारियों में जुट चुके हैं।

छिंदवाड़ा में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कमलनाथ पर तंज कसते हुए कहा, 'छिंदवाड़ा से दादा जी कहीं निकले ही नहीं। मामा तो घूम रहा था और दादा यहीं फंस गए। सवेरे-शाम छिंदवाड़ा में रहे। जब पूछो कहां हैं? पता चले कि यहीं हैं। आपने उन्हें यहां बांध दिया तो मध्य प्रदेश में भाजपा की एकतरफा जीत हुई। मैं कभी चुनाव के दौरान बुधनी नहीं गया। लोगों ने कह दिया था कि आपको 1 लाख से ज्यादा वोटों से जिताएंगे, आप तो सरकार बनाओ। मैंने भी वादा निभाया। प्रदेश में 163 सीटें लाकर भाजपा की झोली में डाल दी।'

सीएम शिवराज ने आगे कहा, 'आज से हम शुरू कर रहे हैं मिशन मध्य प्रदेश का, मिशन-29, मिशन 29 का मतलब है, मध्य प्रदेश में लोकसभा की सीटें हैं 29, ये मेरी दृढ़ इच्छा है। इसके लिए हम जी-जान से मेहनत करेंगे। जैसे विधानसभा के चुनाव में मैं कभी रात को 2 घण्टे से ज्यादा नहीं सोया, मैंने 20-22 घंटे काम किया है। वैसे ही मैं चैन की सांस नहीं लूंगा।'

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने जनसभा को संबोधित करते हुए कहा, 'भारत को विश्वगुरू बनाने के लिए ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का इस धरती पर आगमन हुआ है। हम (बीजेपी) कहते थे कि रामलला हम आएंगे, मंदिर वहीं बनाएंगे तो कांग्रेसी कहते थे कि तारीख नहीं बताएंगे। वे लोग कहते थे ये कभी नहीं हो सकता लेकिन 'मोदी है तो मुमकिन है। 2014 से पहले पूरी दुनिया में हमारे देश की ये शान नहीं थी, लोग भारत को सम्मान की नजरों से नहीं देखते थे। अब जहां देखों सारी दुनिया में भारत का झंडा लहरा रहा है।'