राजा शंकर शाह ने अंग्रेजों के सामने घुटने नहीं टेके, माफी मांगने वालों की संसद में तस्वीर: दिग्विजय सिंह

BJP उपाध्यक्ष ने जमीन पर कब्जा किया, अमित शाह ने पीड़ित आदिवासी महिलाओं से मिलने के लिए 5 मिनट का समय तक नहीं दिया, बलिदान दिवस पर जबलपुर में बीजेपी सरकार पर बरसे दिग्विजय सिंह

Updated: Sep 18, 2021, 02:42 PM IST

जबलपुर। कांग्रेस के राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने गोंडवाना साम्राज्य के आदिवासी राजा शहीद शंकर शाह और रघुनाथ शाह के 164वें बलिदान दिवस पर जबलपुर पहुंचकर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। इस दौरान पूर्व सीएम ने बीजेपी और अमित शाह को जमकर खरी-खोटी सुनाई। सिंह ने बताया कि अमित शाह ने बीजेपी नेताओं द्वारा प्रताड़ित आदिवासी महिलाओं को मिलने तक का समय नहीं दिया।

जबलपुर में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने कहा कि, 'राजा शंकर शाह जी और रघुनाथ शाह जी को आज डेढ़ सौ साल बाद भी इसलिए याद किया जाता है क्योंकि उन्होंने ब्रिटिश हुकूमत के सामने घुटने टेकना पसंद नहीं किया। बल्कि अपने प्राण न्योछावर कर दिए। अंग्रेजों ने उनसे कहा था कि आप माफी मांग लीजिए हम माफ कर देंगे, लेकिन उन्होंने माफी नहीं मांगी।' 

दिग्विजय सिंह ने इस दौरान बिना नाम लिए सावरकर पर निशाना साधते हुए कहा कि, 'आज हमें दुख है कि ऐसे-ऐसे नेता जो अंग्रेजों से माफी मांगकर जेल से बाहर आ गए संसद भवन में उनकी तस्वीर लगी हुई है। लेकिन शंकर शाह जी और रघुनाथ शाह जी को याद नहीं रखा जाता है। मैं पीएम मोदी, गृहमंत्री अमित शाह और लोकसभा एवं राज्यसभा के स्पीकर से मांग करता हूं कि संसद के प्रांगण में दोनों आदिवासी स्वतंत्रता सेनानियों की मूर्ति लगाई जाए।

अमित शाह ने नहीं दिया महिलाओं को मिलने का समय

दिग्विजय सिंह के साथ कार्यक्रम में पन्ना जिले से आए कई आदिवासी महिला और पुरुष मौजूद थे। उन्होंने बताया वीडी शर्मा के करीबी व पन्ना बीजेपी उपाध्यक्ष अंकुर त्रिवेदी ने जबरन उनकी जमीन पर कब्जा कर लिया है। इसका विरोध करने पर बीजेपी नेता आदिवासी महिलाओं के साथ मारपीट भी करता है। दिग्विजय सिंह के साथ मंच से उन्होंने जनता को अपना दुख भी सुनाया। कांग्रेस नेता ने इस दौरान बताया कि उन्होंने इस संबंध में पत्र लिखकर गृहमंत्री अमित शाह से मिलने का समय मांगा था। लेकिन गृहमंत्री नहीं मिले। यहां की आदिवासी जनता के दर्द बांटने की बजाय वो सरकारी कार्यक्रमों में फूल-माला चढ़ाकर और फीता काटकर चले गए।

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गृहमंत्री शाह से मिलने के लिए पन्ना से प्रताड़ित आदिवासी समुदाय के अनेक लोग जबलपुर भी आए थे लेकिन शाह ने 5 मिनट का समय तक नहीं दिया। दिग्विजय सिंह ने इस संबंध में सीएम शिवराज को निशाने पर लेते हुए कहा कि मामू अपने आप को आदिवासियों का संरक्षक कहता है लेकिन इनका उपाध्यक्ष महिलाओं को पीटता है। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि वीडी शर्मा के चेले चपाटों के द्वारा किए जा रहे अन्याय के खिलाफ आदिवासियों की लड़ाई हम आखिर दम तक लड़ेंगे।

राजा-महाराजा बिक गए लेकिन आदिवासी नहीं: दिग्विजय सिंह

पूर्व सीएम ने इस दौरान ज्योतिरादित्य सिंधिया समेत कांग्रेस से पाला बदलकर बीजेपी में जाने वाले सभी नेताओं को निशाने पर लिया। उन्होंने कहा, 'हमें गर्व है आदिवासी समाज पर... हमने देखा कि बड़े-बड़े लोग बिक गए, राजा महाराजा बिक गए, लेकिन आदिवासी विधायकों में केवल एक बिकाऊ बिसहुलाल सिंह बिका। बाकी हमारे तमाम आदिवासी विधायकों ने करोडों रुपए का ऑफर ठुकराकर अपने ईमान को बचाए रखा.. और बोला कि हम जिनके साथ होते हैं उन्हें धोखा नहीं देते।' सिंह ने आगे कहा कि, ‘बीजेपी इन्हें वनवासी कहती है जबकि ये आदिवासी ही भारत के मूल निवासी हैं । भाजपा उनका क्या सम्मान करेगी, जिन्हें वो हक देने और सुनने के लिए भी तैयार नहीं है.. और उनके नेता आदिवासी समुदाय के लोगों का अलग अलग मौकों पर उत्पीड़न कर रहे हैं। 

हाल ही में आए एनसीआरबी के डेटा में भी यह साबित हुआ कि मध्य प्रदेश में आदिवासियों पर उत्पीड़न की घटनाएं बढ़ी हैं। जबकि पूरे देश में सबसे ज्यादा लगभग 22 फीसदी आदिवासी जनसंख्या मध्य प्रदेश में ही है। यहां की 47 आदिवासी सीटों पर तो बीजेपी की नजर है लेकिन समुदाय के अधिकांश जनहित से जुड़े मुद्दे उनकी संवेदना सूची से गायब हैं। सिर्फ अस्मिता की लड़ाई बनाकर बीजेपी आदिवासी समुदाय का वोट पाने का प्रयास कर रही है।