LIVE: PM मोदी ने कूनो नेशनल पार्क में चीतों को छोड़ा, फोटोग्राफी करते भी दिखे प्रधानमंत्री

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज 17 सितंबर को अपना 72वां जन्मदिन मना रहे हैं, इस मौके को खास बनाने के लिए आज ही नामीबिया से 8 चीतों को भारत लाया गया है, उन्होंने मध्य प्रदेश के कूनो पालपुर अभायरण्य में बने क्वारंटाइन बाड़ों में छोड़ा गया।

Updated: Sep 17, 2022 06:13 AM IST

नामीबिया से 8 चीतों को लाने वाली विशेष चार्टर्ड कार्गो उड़ान मध्य प्रदेश आ चुकी है। 24 लोगों की टीम के साथ चीते ग्वालियर शनिवार सुबह ग्वालियर स्थित IAF के एयरबेस पर उतरे। यहां आतिशबाजी के साथ इन चीतों का स्वागत किया गया। यहां मेडिकल जांच के बाद इन्हें भारतीय वायु सेने के चिनुक हेलिकॉप्टर से कूनो नेशनल पार्क ले जाया गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बॉक्स खोलकर चीतों को क्वारंटीन बाड़े में छोड़ा। पीएम मोदी यहां फोटोग्राफी भी करते नजर आए।

बच्चों का अनाज खाने वालों को सजा दें मोदी: कांग्रेस

पीएम मोदी के एमपी दौरे पर विपक्षी दल कांग्रेस ने तीखा हमला बोला है। कांग्रेस नेता जीतू पटवारी ने कहा कि, 'प्रधानमंत्री अपने जन्मदिन पर आए हैं। उनका स्वागत है। वे जिस श्योपुर जिले में आए हैं वह देश में सर्वाधिक कुपोषित है। चीतों पर करोड़ों खर्च हुए मगर कुपोषित बच्चों का क्या? आपके पार्टी के लोगों ने पोषण घोटाला किया? कुपोषित बच्चों का निवाला खा गए। गिद्ध तो कम से कम मरे हुए जानवरों को खाता है। ये तो गिद्ध से भी आगे हैं जिन्होंने जीवित बच्चों का निवाला छीन लिया। प्रधानमंत्री उन्हें क्या सजा देंगे?'

चीते मेहमान बनकर आए हैं: पीएम मोदी

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि, 'कुनो नेशनल पार्क में छोड़े गए चीतों को देखने के लिए देशवासियों को कुछ महीने का धैर्य दिखाना होगा, इंतजार करना होगा।
आज ये चीते मेहमान बनकर आए हैं, इस क्षेत्र से अनजान हैं। कुनो नेशनल पार्क को ये चीते अपना घर बना पाएं, इसके लिए हमें इन चीतों को भी कुछ महीने का समय देना होगा। अंतरराष्ट्रीय गाइडलाइन्स पर चलते हुए भारत इन चीतों को बसाने की पूरी कोशिश कर रहा है। हमें अपने प्रयासों को विफल नहीं होने देना है।'

पीएम ने चीतों को कूनो अभ्यारण्य में छोड़ा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज अपने 72वें जन्मदिन पर सभी अफ्रीकी चीतों का खुद स्वागत किया और उन्हें अभ्यारण्य में छोड़ दिया। यहां प्रधानमंत्री के लिए 10 फीट ऊंचा प्लेटफॉर्मनुमा मंच बनाया गया था। इसी मंच के नीचे पिंजरे में चीते थे। PM ने हैंडल घुमाकर बॉक्स को खोला। चीते बाहर आते ही अनजान जंगल देखकर थोड़ा सा सहमे भी। इधर-उधर नजरें घुमाईं फिर चहलकदमी करने लगे। उनमें लंबे सफर की थकान भी साफ दिख रही थी। पीएम मोदी इस दौरान फोटोग्राफी करते भी दिखे।

चीतों का स्वास्थ्य परीक्षण, सभी मिले फिट

ग्वालियर एयरपोर्ट पर विशेष विमान के लैंड हाेने के बाद सभी चीताें के कैज काे बाहर निकाला गया है। इसके बाद चिकित्सकाें की टीम ने सभी चीताें का स्वास्थ्य परीक्षण किया है, जिसमें वह सभी स्वस्थय पाए गए हैं। ऐसे में अब चीताें काे हेलिकाप्टर से  कूनाे रवाना किया जाएगा। 

 

यह सदी की वाइल्डलाइफ की सबसे बड़ी घटना: CM

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शनिवार सुबह कहा कि, 'पीएम मोदी के जन्मदिन पर मध्य प्रदेश को इससे बड़ी सौगात हो नहीं मिल सकती कि चीते नामीबिया से भारत, भारत में भी मध्यप्रदेश, मध्यप्रदेश में भी कूनो पालपुर आ रहे हैं। चीता समाप्त हो गया था, चीता का पुनर्स्थापन करने का करने का काम हो रहा है। यह सदी की वाइल्डलाइफ की सबसे बड़ी घटना है।इससे मध्यप्रदेश तथा विशेष रूप से उस अंचल में टूरिज्म बहुत तेजी से बढ़ेगा। इस क्षेत्र के लिए तो चीता वरदान होंगे।'

नामकरण में लगेंगे 5 महीने

रिपोर्ट्स के मुताबिक चीतों का नामकरण उनके स्वभाव का अध्ययन करने के बाद किया जाएगा। हर एक वन्य प्राणी का अपना स्वभाव होता है। कोई इंसानों को पसंद करता है, तो कोई आक्रामक होता है। कूनो नेशनल पार्क के DFO प्रकाश कुमार वर्मा का कहना है कि चीतों के लिए उनके केयर टेकर भी नियुक्त किए जाएंगे। सभी केयरटेकर के अनुभव को रिकॉर्ड में लिया जाएगा। इसके बाद नामकरण किया जाएगा। नामकरण में तीन से पांच महीने तक का वक्त लग सकता है।

500 चीतों का लक्ष्य

500 चीतों का लक्ष्य

पहले भारत में काफी संख्या में चीते पाए जाते थे, लेकिन धीरे-धीरे इनकी संख्या बहुत कम हो गई। पिछले 70 साल से भारत में एक भी चीते नहीं हैं। कई वर्षों से देश में चीतों को पुनः बसाने की कवायद चल रही थी। भारत में चीतों का पुनर्व्यवस्थापन तब माना जाएगा, जब यहां चीतों की संख्या 500 हो जाएगी। इस टारगेट को पूरा करने के लिए साउथ अफ्रीका और नामीबिया से हर साल 8 से 12 चीते भारत भेजे जाएंगे। इसके अलावा भारत में चीतों की वंश वृद्धि भी इसमें शामिल होगी।