दबंगों ने दलित परिवार को बेरहमी से पीटा, खड़ी फसल उजाड़ी, विरोध करने पर पेड़ से बांधा

मध्यप्रदेश के शाजापुर में दबंगों ने वृद्ध दंपत्ति और बहू के साथ की मारपीट, हाथ बांधकर जमीन पर पटका और खेत में खड़ी फसल को ट्रैक्टर से रौंदा, पुलिस ने इस बर्बरता को बताया फेक

Updated: Jul 02, 2021, 12:19 PM IST

शाजापुर। मध्यप्रदेश के शाजापुर में दलितों पर अत्याचार का एक दिल दहलाने वाला मामला सामने आया है। यहां दबंगों ने कथित रूप से दलित बुजुर्ग दंपत्ति और उनकी बहू को बेरहमी से पीटा और खेत में खड़ी फसल को ट्रैक्टर से रौंद डाला। इतना ही नहीं दबंगों ने बुजुर्ग व्यक्ति को पेड़ से बांध दिया, वहीं उनकी पत्नी और बहु का हाथ बांधकर उन्हें जमीन पर पटक दिया। उधर, पुलिस ने इस बर्बरता को फर्जी करार दिया है। मामले पर कांग्रेस नेता कमलनाथ ने सीएम शिवराज को निशाने पर लिया है।

कमलनाथ ने ट्वीट किया, 'मध्य प्रदेश में दलित और आदिवासियों पर अत्याचार बढ़ते ही जा रहे हैं। शाजापुर में दबंगों ने दलितों की जमीन पर कब्जा कर लिया। परिवार के बुजुर्ग और महिलाओं को पेड़ से बांधकर पीटा। आप मध्य प्रदेश को बर्बरता के किस युग में ले जा रहे हैं, शिवराज जी।'

रिपोर्ट्स के मुताबिक मामला शाजापुर जिले के मोहन बड़ोदिया थाना क्षेत्र अंतर्गत ग्राम बिजाना का है। पीड़ित बुजुर्ग दंपत्ति के बेटे सत्यनारायण ने बताया कि उन्हें ढाई बीघा का पट्टा खेती करने के लिए मिला हुआ है जिसपर फसल उगाकर वे अपना गुजर-बसर करते हैं। कुछ साल पहले उन्होंने गांव के एक व्यक्ति से पैसा लिया था। इसके एवज में उन्होंने अपनी पट्टे की भूमि दो साल के लिए लीज पर दे दी। लीज का समय इस साल खत्म होने पर उनके परिजनों ने उस भूमि पर बोवनी कर दी और खेत में अंकुर भी फुट गए। 

सत्यनारायण के मुताबिक मंगलवार को उसके 80 वर्षीय पिता सिद्धनाथ, माता रेशमबाई उम्र 75 व पत्नी लीलाबाई खेत पर काम करने गए थे। इसी बीच गांव के लक्ष्मीचंद अपने दो बेटे अरुण और सोनू समेत गांव का एक और व्यक्ति डालचंद के साथ खेत में पहुंचा और ट्रैक्टर से खड़ी फसल को बर्बाद करने लगा। इसका विरोध करने पर चारों ने उसके बुजुर्ग मां-बाप समेत पत्नी की बेरहमी से पिटाई की। इसके बाद उसके पिता को पेड़ से बांध दिया और सास-बहू का हाथ बांधकर जमीन में पटक दिया। इतना ही नहीं उसने धमकी भी दी कि अगली बार जान से मार देगा।

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सत्यनारायण ने आगे बताया कि इस दौरान तीनों लोग दर्द से कराह रहे थे। कुछ देर बाद लीलाबाई का बेटा बकरी चराते हुए खेत के नजदीक पहुंचा तो उसने रोने की आवाज सुनी और भागकर खेत की ओर गया। यहां वह अपने दादा-दादी और मां को बंधा देखकर मोबाइल से वीडियो बना लिया और फिर उन्हें खोलकर घर लाया। पीड़ित परिजनों के मुताबिक मामले की शिकायत करने वे थाने गए और वहां वीडियो भी दिखाया लेकिन पुलिस ने एफआईआर दर्ज नहीं कि। 

घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद अब शाजापुर एसपी ने इसे फर्जी करार दिया है। शाजापुर एसपी ने ट्वीट किया, 'शाजापुर जिले में दलित परिवार को जमीन संबंधी विवाद में बंधक बनाकर रखने के सोशल मीडिया पर वायरल हुवे वीडियो के मामले की बारीकी से जांच करने पर मामला जानबूझकर असत्य वीडियो बनाने का पाया गया । शाजापुर पुलिस प्रत्येक नागरिक के हितों की रक्षा बिना किसी भेदभाव के करने हेतु प्रतिबद्ध है।'