MP में 60 हजार से अधिक आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को नहीं मिला मानदेय, कमलनाथ ने की तत्काल भुगतान की मांग
मध्य प्रदेश की भाजपा सरकार ने कसम खा रखी है कि महिलाओं का किसी रूप में सम्मान तो क्या सामान्य जीवन भी व्यतीत न हो सके: कमलनाथ
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भोपाल। केंद्र सरकार ने बजट में भले ही आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं के लिए बड़े-बड़े ऐलान किए हों लेकिन मध्य प्रदेश में पिछले 3 महीने से उन्हें मानदेय तक नहीं मिली है। वे लगातार सरकार से अपना वेतन मांग रहे हैं लेकिन कई बार ज्ञापन देने के बावजूद भी उनकी कोई सुनवाई नहीं हो रही। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने इस मामले को उठाते हुए सीएम मोहन यादव से तत्काल भुगतान करने की मांग की है।
कमलनाथ ने ट्वीट किया, 'यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते रमंते तत्र देवता। अर्थात, जहां नारियों की पूजा होती है, वहां देवताओं का वास होता है। यह हमारी भारतीय संस्कृति का शाश्वत उद्घोष है। लेकिन मध्य प्रदेश की भाजपा सरकार ने कसम खा रखी है कि महिलाओं का किसी रूप में सम्मान तो क्या सामान्य जीवन भी व्यतीत न हो सके।'
यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते रमंते तत्र देवता।
— Kamal Nath (@OfficeOfKNath) February 2, 2024
अर्थात, जहां नारियों की पूजा होती है, वहां देवताओं का वास होता है। यह हमारी भारतीय संस्कृति का शाश्वत उद्घोष है। लेकिन मध्य प्रदेश की भाजपा सरकार ने कसम खा रखी है कि महिलाओं का किसी रूप में सम्मान तो क्या सामान्य जीवन भी व्यतीत न हो…
कमलनाथ ने आगे लिखा, 'प्रदेश के 35 जिलों में कार्यरत 60000 से अधिक आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं को पिछले 3 महीने से मानदेय नहीं मिला है। एक तरफ केंद्र सरकार बजट में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं के लिए बड़ी-बड़ी बातें कर रही है तो दूसरी तरफ मध्य प्रदेश में उन्हें उनके बुनियादी अधिकार से भी वंचित कर रही है।'
कमलनाथ ने सीएम मोहन यादव से पूछा कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के प्रति इस तरह का उपेक्षापूर्ण और सौतेला व्यवहार क्यों किया जा रहा है? जब मुख्यमंत्री बार-बार कहते हैं कि प्रदेश में बजट की कमी नहीं है तो फिर मानदेय न देने की और क्या वजह है? उन्होंने मुख्यमंत्री से मांग करते हुए कहा कि समस्त आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं को तत्काल वेतन का भुगतान किया जाए।