MP: 9 साल पुराने कस्टोडियल डेथ के मामले में बड़ा एक्शन, जेलर, टीआई, डॉक्टर समेत 8 पर FIR के आदेश
भोपाल जेल में विचाराधीन बंदी की संदिग्ध हालात में मौत के मामले में तत्कालीन जेलर, टीआई, डॉक्टर और क्राइम ब्रांच के 5 कॉन्स्टेबल पर एफआईआर के आदेश हुए हैं।
भोपाल। भोपाल सेंट्रल जेल में बंद विचाराधीन कैदी की मौत के मामले में कई खुलासे हुए हैं। भोपाल की एक अदालत ने वर्ष 2015 में पुलिस तथा जेल अभिरक्षा में मारपीट से हुई युवक की मौत पर तत्कालीन जेलर, थाना प्रभारी, डॉक्टर और क्राइम ब्रांच के पांच सिपाहियों पर हत्या, साजिश रचने, साक्ष्य छिपाने की धाराओं में एफआईआर के आदेश दिये हैं।
इस मामले में मृतक युवक की मां ने न्यायालय में एक परिवाद दायर किया था। मामला 23 जून 2015 का है। ग्वालियर के जेएएच अस्पताल में इलाज के दौरान बंदी मोहसिन खान (24) मौत हो गई थी। मोहसिन भोपाल का रहने वाला था।
मोहसिन के परिजनों का आरोप था कि 3 जून 2015 को क्राइम ब्रांच भोपाल के सिपाही मुरली, दिनेश खजूरिया और चिरोंजी पूछताछ के लिए ले गए थे। जब वे मोहसिन को छुड़वाने के लिए क्राइम ब्रांच थाने पहुंचे तो उनसे दो लाख रुपए की रिश्वत मांगी गई।
क्राइम ब्रांच के बाद पुलिस ने मोहसिन पर टीटी नगर थाने में लूट का झूठा अपराध कायम कर उसे अदालत में पेश कर जेल भिजवा दिया। इससे पहले क्राइम ब्रांच और टीटी नगर थाने में उसके साथ मारपीट की गई थी। उसके प्राइवेट पार्ट में करंट लगाया था। इस बात की पुष्टि मेडिकल रिपोर्ट में हुई थी। जेल में भी जेलर पर मोहसिन से मारपीट किए जाने के आरोप परिजन ने लगाए थे।
न्यायिक हिरासत में मोहसिन की मौत की न्यायिक जांच में भी पुलिस और जेल अधिकारियों की भूमिका संदिग्ध बताई गई थी। शव का पीएम करने वाले डॉ. चंद्रशेखर ने मजिस्ट्रेट को दिए बयान में कहा था कि शव पोस्टमॉर्टम के लिए जिस समय लाया गया था, उससे 24 से 72 घंटे पूर्व उसकी मौत हो चुकी थी। शरीर पर निशान मिले थे।