MP उपचुनाव में हार पर हाईकमान सख्त, कमलनाथ ने बुलाई समीक्षा बैठक, प्रभारियों पर गिर सकती है गाज

पीसीसी चीफ कमलनाथ ने 9 नवंबर को राजधानी भोपाल में बुलाई समीक्षा बैठक, तीन सीटों पर हुई हार के कारणों पर होगी बातचीत, कई नेताओं पर हो सकती है अनुशासनात्मक कार्रवाई

Updated: Nov 07, 2021, 07:38 AM IST

Photo Courtesy: Zeenews
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भोपाल। मध्य प्रदेश उपचुनाव में तीन सीटों पर मिली हार के बाद कांग्रेस हाईकमान सख्त हो गई है। कांग्रेस नेताओं में हार को लेकर लगातार मंथन का दौर जारी है। इसी बीच पीसीसी चीफ कमलनाथ ने हार की समीक्षा बैठक बुलाई है। कांग्रेस का गढ़ मानी जाने वाले पृथ्वीपुर और जोबट विधानसभा सीटों पर हार के बाद अब प्रदेश नेतृत्व पर भी सवाल उठने लगे हैं।

रिपोर्ट्स के मुताबिक कमलनाथ ने 9 नवंबर को भोपाल स्थित अपने निवास पर बैठक बुलाई है। बैठक में पृथ्वीपुर, जोबट और खंडवा के प्रत्याशियों के अलावा सभी विधानसभा क्षेत्रों के चुनाव प्रभारियों, सह प्रभारियों और समन्वयकों को बुलाया गया है। इस दौरान हार के कारणों को तलाशा जाएगा। माना जा रहा है कि बैठक में चुनाव प्रभारियों पर गाज गिर सकती है।

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प्रदेश के राजनीतिक गलियारों में इस बात की चर्चाएं हैं कि बैठक में फीडबैक के आधार पर कुछ नेताओं पर अनुशासनात्मक कार्रवाई भी हो सकती है। बता दें कि इस उपचुनाव में कांग्रेस को अपने दो पारंपरिक सीटें गंवानी पड़ी बल्कि खंडवा लोकसभा क्षेत्र में पूरी जोर आजमाइश के बावजूद भी पार्टी को सफलता हाथ नहीं लगी। ऐसे में पार्टी में चिंता का माहौल है। हालांकि, कांग्रेस ने बीजेपी से रैगांव सीट छीन लिया लेकिन यह तीन सीटों पर हार की भरपाई के लिए नाकाफी है। कमलनाथ बैठक के अगले दिन रैगांव में जनता का आभार प्रकट करने भी जाएंगे।

मध्य प्रदेश उपचुनाव को आगामी विधानसभा चुनावों के लिए सेमीफाइनल के तौर पर देखा जा रहा था और कांग्रेस नेताओं को सकारात्मक नतीजों की पूरी उम्मीद थी। कांग्रेस के पास महंगाई, बेरोजगारी, आदिवासियों के खिलाफ अत्याचार व अन्य मुद्दे भी थे। हालांकि, पार्टी न मुद्दों को भुना पाई और न ही बीजेपी सरकार के खिलाफ एंटी इनकंबेंसी का कांग्रेस को ज्यादा फायदा मिला। राजनीतिक जानकार बताते हैं कि स्थानीय कार्यकर्ताओं और नेताओं की अन्तर्कलह कांग्रेस के लिए मुसीबत बन गई।

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खंडवा लोकसभा क्षेत्र में अंतर्कलह उभरकर तब सामने आई जब कांग्रेस ने अरुण यादव से जुड़े एक कार्यकर्ता को निष्कासित कर दिया। बता दें कि अरुण यादव खंडवा से प्रबल दावेदार थे, लेकिन कमलनाथ का विपरीत रुख देखते हुए उन्होंने खुद चुनाव न लड़ने का ऐलान कर दिया। ऐसे में इस बात की भी चर्चाएं हैं कि अरुण यादव के समर्थकों ने कांग्रेस उम्मीदवार राजनारायण सिंह पुरनी को पुरजोर तरीके से समर्थन नहीं किया। हालांकि, खुद अरुण यादव चुनाव प्रचार में खूब सक्रिय दिखे।

खंडवा में हार के बाद कांग्रेस प्रत्याशी राजनारायण सिंह तो खुलेआम अरुण यादव का नाम लेकर निशाना साध चुके हैं। इतना ही नहीं उन्होंने यह भी कहा है कि 2024 लोकसभा चुनाव में भी वही कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़ेंगे। बहरहाल अब समीक्षा बैठक पर सबकी नजरें टिकी हुई है। माना जा रहा है कि इस दौरान एकदूसरे पर जमकर दोषारोपण हो सकता है।  कमलनाथ ने यह बैठक ऐसे समय में बुलाई है जब शनिवार को ही वह सोनिया गांधी से मिलकर उपचुनावों में हुई हार को लेकर चर्चा कर चुके हैं।