MP: दलित होने के कारण सरपंच को नहीं फहराने दिया झंडा, दिग्विजय सिंह ने की कार्रवाई की मांग

मध्य प्रदेश के विदिशा में स्वतंत्रता दिवस के दिन एक जनप्रतिनिधि को झंडा फहराने से सिर्फ इसलिए महरूम कर दिया गया, क्योंकि वह दलित है। मामला तूल पकड़ने के बाद एसडीएम ने जांच के आदेश दिए हैं।

Updated: Aug 16, 2023, 12:50 AM IST

विदिशा। मंगलवार को देश जब 77वां स्वतंत्रता दिवस मना रहा था, तब मध्य प्रदेश के विदिशा में एक निर्वाचित सरपंच को सिर्फ इसलिए ध्वजारोहण से रोका गया क्योंकि वो दलित हैं। घटना विदिशा जिले के सिरोंज में भगवंतपुर ग्राम पंचायत का है। यहां सरपंच बारेलाल अहिरवार स्वतंत्रता दिवस के दिन झंडा नहीं फहरा सके। मामला तूल पकड़ने के बाद अब जांच के आदेश दिए गए हैं।

बारेलाल अहिरवार ने बताया कि स्कूल की प्रिंसिपल उनसे हरिजन (दलित) होने के कारण चिढ़ती हैं और इसी वजह से उन्हें झंडा नहीं फहराने दिया गया।
सरपंच ने आरोप लगाते हुए कहा, 'वो कहती हैं कि तुम दलित हो तुम क्या जानो। आज स्वतंत्रता दिवस पर मुझे स्कूल में नहीं बुलाया और किसी और से तिरंगा झंडा फहरवा दिया। जबकि पंचायती राज अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार सरपंच को ही झंडा फहराने का अधिकार है।'

इस घटना का वीडियो भी वायरल हो रहा है, जिसमें पीड़ित सरपंच स्कूल की प्रिंसिपल से कहते हैं कि मैं चमार हूं इसलिए मुझे आपने झंडा नहीं फहराने दिया। इतना सुनने बाद प्रिंसिपल ने उनसे कहा कि आप अभी चलो मेरे साथ। हालांकि, सरपंच जाने से इनकार कर देते हैं। इस पूरे घटनाक्रम को लेकर मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के कहा, ' यह गंभीर प्रकरण है। जवाबदारी तय कर प्रशासन को कार्रवाई करना चाहिए।'

इस मामले में सिरोंज के एसडीएम हर्षल चौधरी ने संज्ञान लिया है और जांच करवाकर कार्रवाई करने की बात कही है। विदिशा जो सीएम शिवराज सिंह चौहान का कार्यक्षेत्र रहा है, वहां आज भी दलित आदिवासी अपने हक से मरहूम हैं। आजादी के 76 साल होने के बाद भी सरकारें शायद सामाजिक न्याय का वादा पूरा नहीं कर सकी हैं। यही कारण है कि आज भी समाज में दलित और आदिवासी समुदाय के लोग जाति का दंश झेल रहे हैं।