PM मोदी ने खजुराहो में केन-बेतवा लिंक प्रोजेक्ट का किया शिलान्यास, बोले- पानी की योजनाओं का क्रेडिट अंबेडकर को

खजुराहो में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की 100वीं जयंती पर स्मारक सिक्का और डाक टिकट भी जारी किया।

Updated: Dec 25, 2024, 04:04 PM IST

खजुराहो। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को मध्य प्रदेश के खजुराहो में केन-बेतवा नदी जोड़ो परियोजना और अन्य विकास परियोजनाओं की आधारशिला रखी। पीएम मोदी ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की 100वीं जयंती पर स्मारक सिक्का और डाक टिकट जारी किया। इसके अलावा उन्होंने ओंकारेश्वर फ्लोटिंग सोलर पावर प्लांट का उद्घाटन भी किया।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस दौरान अपने संबोधन में कहा, 'आज पूरी दुनिया क्रिसमस मना रही है। मैं देश और दुनिया भर में ईसाई समुदाय को क्रिसमस की शुभकामनाएं देता हूं। मोहन यादव के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार ने एक साल पूरा कर लिया है। मैं मध्य प्रदेश की जनता, भाजपा कार्यकर्ताओं को बधाई देता हूं। इस एक साल में मध्य प्रदेश में विकास को नई गति मिली है। आज हम सभी के लिए बहुत प्रेरणादायी दिन है। आज श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी की जन्म जयंती है, आज भारत रत्न अटल जी के जन्म के 100 साल हो रहे हैं। अटल जी की जयंती का यह पर्व सुशासन, सुसेवा की हमारी प्रेरणा का पर्व है।'

पीएम मोदी ने आगे कहा, 'देश के विकास में अटल जी का योगदान हमेशा हमारे स्मृति पटल पर अमिट रहेगा। मध्य प्रदेश में 1100 से अधिक अटल ग्राम सेवा सदन के निर्माण का काम आज से शुरू हो रहा है, यह गांवों के विकास को नई गति देंगे।' उन्होंने कहा, 'हमारे लिए सुशासन दिवस सिर्फ एक दिन का आयोजन नहीं है। सुशासन भाजपा सरकारों की पहचान है... मैं देश की जनता से आग्रह करूंगा कि आजादी के 75 साल के अवसर पर एक बार आकलन करें, विकास और सुशासन के मापदंड तय करें और हिसाब लगाएं कि जहां कांग्रेस की सरकारें थीं वहां क्या काम हुआ, जहां वामपंथी सरकारें थीं वहां क्या हुआ, जहां परिवारवादी पार्टियों की सरकारें थीं वहां क्या हुआ, जहां गठबंधन सरकारें थीं वहां क्या हुआ और जहां भाजपा को सरकार चलाने का मौका मिला वहां क्या हुआ। मैं दावे के साथ कहता हूं कि जब भी भाजपा को देश की सेवा करने का मौका मिला है, हमने पुराने सारे रिकॉर्ड तोड़कर जनहित, जनकल्याण और विकास के कार्यों में सफलता हासिल की है।'

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, 'अतीत में कांग्रेस सरकारें घोषणाएं करने में माहिर थीं... कांग्रेस सरकारों के पास योजनाओं को लागू करने की न तो नीयत थी और न ही गंभीरता। आज हम PM किसान सम्मान निधि योजना का लाभ देख रहे हैं, मध्य प्रदेश के किसानों को किसान सम्मान निधि की किश्तें मिल रही हैं, यह भी तभी संभव हुआ जब जनधन खाते खोले गए। जहां कांग्रेस है, वहां शासन नहीं हो सकता। दशकों से बुंदेलखंड के लोगों ने इसका खामियाजा भुगता है। पीढ़ी दर पीढ़ी यहां के किसानों, माताओं, बहनों ने पानी के लिए संघर्ष किया है। ये स्थिति इसलिए पैदा हुई क्योंकि कांग्रेस ने कभी जल संकट के स्थायी समाधान के बारे में नहीं सोचा...देश को आजादी मिलने के बाद सबसे पहले जल शक्ति पर काम हुआ और इसके बारे में किसने सोचा?... अगर भारत के जल संसाधनों की अवधारणा और बांध बनाने का श्रेय किसी एक महापुरुष को जाता है, तो उस महापुरुष का नाम है बाबा साहेब अंबेडकर... लेकिन कांग्रेस ने कभी भी बाबा साहेब को जल संरक्षण से जुड़े उनके प्रयासों का श्रेय नहीं दिया। कांग्रेस इस बारे में कभी गंभीर नहीं थी।'

पीएम ने कहा कि बीते दो दशकों में मध्यप्रदेश ने अनेक पैमानों में शानदार काम किया। आने वाले दशकों में मप्र देश की टॉप इकोनॉमी में से एक होगा। इसमें बुंदेलखंड की बहुत बड़ी भूमिका होगी। विकसित भारत के लिए विकसित मप्र बनाने में बुंदेलखंड का बहुत बड़ा योगदान होगा। भारत जब दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी आर्थिक शक्ति बनने जा रहा है, तो दुनिया में भारत को लेकर जिज्ञासा बढ़ी है। दुनिया भारत को जानना चाहती है। समझना चाहती है। इसका बहुत अधिक फायदा मप्र को होने वाला है।हाल में एक अमेरिकी अखबार में एक रिपोर्ट छपी है। खबर में लिखा गया है कि मप्र को दुनिया के 10 सबसे आकर्षक टूरिस्ट डेस्टीनेशन में से एक बताया गया है। दुनिया के टॉप टेन में एक मेरा मध्य प्रदेश।'

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पीएम मोदी ने कहा, 'हमारा मप्र टूरिज्म के मामले में हमेशा अव्वल रहा है। खजुराहो आया हूं और पर्यटन की चर्चा न करूं ऐसा हो सकता है क्या? पर्यटन ऐसा सेक्टर है जो युवाओं को रोजगार भी देता है और देश की अर्थव्यवस्थाओं को ताकत देता है। आज सांची और अन्य बौद्ध स्तंभा को बौद्ध सर्किट से जोड़ा जा रहा है। गांधी सागर, ओंकारेश्वर डैम, इंदिरा सागर डैम, भेड़ाघाट, बाण सागर डैम ईको सर्किट का हिस्सा है। खजुराहो, ग्वालियर, ओरछा, चंदेरी, मांडू ऐसे स्थलों को हैरिटेज सर्किट के रूप में कनेक्ट किया जा रहा है। पन्ना नेशनल पार्क को भी वाइल्ड लाइफ सर्किट से जोड़ा गया है। टाइगर रिजर्व में बीते वर्ष ढाई लाख पर्यटक आए हैं। यहां जो लिंक नहर बनाई जाएगी, उसमें पन्ना टाइगर रिजर्व के जीवों का भी ध्यान रखा गया है। पर्यटन बढ़ाने के प्रयास स्थानीय अर्थव्यवस्था को बड़ी ताकत देते हैं।'