झज्जर के वीरेंद्र आर्य अखाड़ा पहुंचे राहुल गांधी, पहलवानों से सीखे कुश्ती के दांव-पेंच, बाजरे की रोटी और साग भी खाया

हरियाणा के झज्जर जिले के छारा गांव में वीरेन्द्र अखाड़ा है। यह अखाड़ा काफी फेमस है। यहां से देश को कई पहलवान मिले हैं। बजरंग पूनिया ने भी कुश्ती की शुरुआत इस अखाड़े से ही की थी।

Updated: Dec 27, 2023, 11:46 AM IST

झज्जर। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी बुधवार सुबह हरियाणा में झज्जर के छारा गांव में वीरेंद्र आर्य अखाड़ा पहुंचे। यहां पर उन्होंने बजरंग पुनिया समेत अन्य पहलवानों से मुलाकात की और उनसे बातचीत की। राहुल गांधी ऐसे समय में वीरेंद्र आर्य अखाड़ा पहुंचे हैं, जब बजरंग पुनिया समेत अन्य पहलवान महिला पहवानों की हक की लड़ाई लड़ रहे हैं।

छारा गांव में स्थित यह अखाड़ा काफी मशहूर है। यहां से देश को कई पहलवान मिले हैं। बजरंग पूनिया ने भी कुश्ती की शुरुआत इस अखाड़े से ही की थी। दीपक पुनिया भी इसी अखाड़े से पहलवान बने। राहुल ने बजरंग पुनिया के साथ काफी देर अखाड़े में कुश्ती भी की। राहुल करीब पौने घंटे तक अखाड़े में रहे। इस दौरान उन्होंने अखाड़े में कुश्ती के दांव-पेंच सीखने वाले नए पहलवानों और कोच वीरेंद्र से बातचीत की। वीरेंद्र ने ही बजरंग और दीपक पूनिया को कुश्ती के दांव-पेंच सिखाए थे।

बजरंग ने बताया कि राहुल अखाड़े में हमारा रूटीन देखने आए थे कि एक खिलाड़ी का जीवन कैसा होता है। यहां से वे दिल्ली की तरफ रवाना हो गए। भारतीय कुश्ती संघ (WFI) में चल रहे विवाद के बीच राहुल के इस दौरे को अहम माना जा रहा है। बजरंग, साक्षी और विनेश फोगाट WFI के हाल के चुनाव से खुश नहीं थे। उन्होंने अपने अवॉर्ड लौटाने का ऐलान किया है।

रेसलर बजरंग पूनिया के कोच और अखाड़े के संचालक वीरेंद्र ने बताया कि हम तो रूटीन में प्रैक्टिस करा रहे थे। सुबह करीब सवा 6 बजे अचानक राहुल अखाड़े पहुंचे। हम सभी देखकर हैरान रह गए। राहुल ने पहले सभी का हाल-चाल पूछा और फिर खिलाड़ियों के साथ खुद प्रैक्टिस की। उन्होंने बताया कि उन्हें खेल के बारे में बहुत जानकारी है। हमारी पहलवानों के प्रकरण पर भी उनसे बात हुई। हमने बताया कि पहलवान खासकर महिला पहलवान बहुत मानसिक परेशानी झेल रही हैं।

राहुल ने अखाड़े में मेट पर कुश्ती की। इसके बाद राहुल उन्होंने बाजरे की रोटी और सरसों का साग भी साथ बैठकर खाया। इसके बाद दिल्ली जाते वक्त कुछ किसानों ने उन्हें खेत में लगे गन्ने और मूली भी तोड़कर दी। चूंकि, राहुल सुबह के वक्त में अखाड़े में पहुंचे थे और पहलवानों के पास स्वागत के लिए फूल का गुलदस्ता नहीं मिला तो अखाड़े के कोच ने खेत से मूली निकालकर भेंट की।