इंदौर में रिटायर्ड अफसर से 40 लाख की ठगी, साइबर जालसाजों ने दो दिन रखा डिजिटल अरेस्ट
बदमाशों ने वारंट के नाम पर इतना धमकाया कि रिटायर्ड अफसर कुछ समझ नहीं सके और 2 दिन तक अकेले ही कमरे में डिजिटली अरेस्ट रहे। जैसा बदमाश कहते रहे, वैसा करते गए।

इंदौर। मध्य प्रदेश के इंदौर शहर में एक बार फिर डिजिटल अरेस्ट का मामला सामने आया है। इस बार साइबर जालसाजों ने बैंक के रिटायर्ड अफसर को ईडी का वारंट दिखाकर करीब 40 लाख रुपए ठग लिए हैं। इस तरह से धोखाधड़ी का शहर में यह 8वां बड़ा मामला है।
बताया जा रहा है कि बदमाशों ने वारंट के नाम पर इतना धमकाया कि रिटायर्ड अफसर कुछ समझ नहीं सके और 2 दिन तक अकेले ही कमरे में डिजिटली अरेस्ट रहे। जैसा बदमाश कहते रहे, वैसा करते गए। बदमाशों ने 39.60 लाख रुपए पर हाथ साफ किया है। बदमाशों ने फोन करके कहा कि आपके खाते से 8.20 करोड़ रुपए का अवैध ट्रांजेक्शन हुआ है।
क्राइम ब्रांच एडिशनल डीसीपी राजेश दंडोतिया ने बताया कि घटना महालक्ष्मी नगर की सनसिटी कॉलोनी में रहने वाले 61 वर्षीय राकेश गोयल के साथ हुई। वे एसबीआई से रिटायर्ड अधिकारी हैं। गोयल ने पुलिस को बताया कि 11 जुलाई को सुबह साढ़े 10 बजे अनजान नंबर से उन्हें फोन आया। फोन करने वाले ने ईडी का अधिकारी बनकर बात की और कहा कि तुम्हारे नाम का ईडी ने वारंट जारी किया है। तुम एक मनी लॉन्ड्रिंग के बड़े केस में फंसे हो। इसमें तुम्हारे बैंक खाते इस्तेमाल हुए हैं, जिसमें 8 करोड़ 20 लाख की राशि का अवैधानिक रूप से कई बैंक खातों में ट्रांजेक्शन हुआ है।
गोयल ने बताया बदमाशों ने एक अफसर की तरह धमकाते हुए उन्हें वीडियो कॉल कर उनके नाम का वारंट भी दिखाया। वारंट देखने के बाद गोयल को वह सही लगा और वे झांसे में आ गए। बदमाशों ने गोयल से कहा कि जिन बैंक खातों से मनी लॉन्ड्रिंग की गई है, उनमें आपके आईडी इस्तेमाल हुए हैं। फिर धमकाया कि घर-परिवार में भी किसी को कुछ बताया तो गिरफ्तार कर लेंगे। गोयल के मुताबिक वारंट देखकर और बदमाशों की अफसर जैसी बॉडी लैंग्वेज से उन्हें लगा कि वे किसी बड़े केस में फंस रहे हैं। इस तरह वे ठगी के शिकार हो गए।