चमत्कार दिखाओ और एक करोड़ रुपये ले जाओ, धीरेंद्र शास्त्री को आयुर्वेदाचार्य ने दी खुली चुनौती

आयुर्वेदाचार्य प्रकाश टाटा ने कहा कि यदि पंडित धीरेंद्र शास्त्री सही जवाब देंगे तो उन्हें मैं 1 करोड़ रुपये दूंगा और यदि सही जवाब नहीं दे पाए तो वे सिर्फ 11 लाख रुपये देने के लिए राजी हो जाएं।

Updated: Mar 11, 2023, 03:16 PM IST

छतरपुर। बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र शास्त्री का विवादों से पीछा ही नहीं छूट रहा है। भारत को हिंदू राष्ट्र बनाने, रामचरितमानस को राष्ट्रीय ग्रंथ घोषित करने जैसे बयानों से चर्चा में आए धीरेंद्र शास्त्री को आयुर्वेदचार्य ने खुली चुनौती दी है। आयुर्वेदाचार्य प्रकाश टाटा ने कहा है कि यदि पंडित धीरेन्द्र शास्त्री मेरे मन की बात अपने पर्चे में लिखकर बता दें तो उन्हें हम 1 करोड़ रुपये देंगे।

मध्य प्रदेश में छिंदवाड़ा के रहने वाले आयुर्वेदाचार्य प्रकाश टाटा ने बागेश्वरधाम के पीठाधीश पंडित धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री को अपनी संस्था आत्म सम्मान मंच, मुंबई की ओर से चुनौती दी है। प्रकाश टाटा का कहना है कि उनका उद्देश्य भारत में जो अंधविश्वास फैला रहे हैं, उसे हटाना है। 

उन्होंने कहा कि यदि पंडित धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री के पास सिद्धि है तो मेरे लिखे पत्र और उनके भी लिखे गए पत्र को कम्यूटर के माध्यम से स्कैन किया जाए। उन्होंने कहा कि यदि यह एक समान होता है तो मैं एक करोड़ रुपए धीरेंद्र शास्त्री को दक्षिणा स्वरूप दूंगा। लेकिन यदि ऐसा नहीं होता है तो वह मुझे सिर्फ 11 लाख रुपए वो दे दें। उन्होंने कहा कि इन रुपयों को वह नासिक के पास स्थित हनुमान जी के जन्मस्थान में रोड बनाने के लिए मुख्यमंत्री कोष में डालेंगे।

आयुर्वेदाचार्य प्रकाश टाटा ने कहा कि हमारे देश में अंधविश्वास इस कदर फैला हुआ है कि मंच के माध्यम से भूत-प्रेत भगाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा, "यह गलत है। इतनी बड़ी भीड़ में किसी की प्राइवेट बात को ओपन करते हैं। क्या गारंटी है कि ओपन की गई बात सत्य है? झूठ भी हो सकता है। लेकिन इतनी बड़ी भीड़ में बात ओपन करने से झूठ भी होने से सही मान लिया जाता है। इसी वजह से मैंने अंधविश्वास के खिलाफ यह आवाज उठाई है।"

आयुर्वेदाचार्य ने आगे कहा, "चाहे कोई किसी भी धर्म का हो। हमें अंधविश्वास नहीं फैलने देना चाहिए। हमें इनकी परीक्षा लेनी चाहिए। जब हर चीज की परीक्षा होती है तो इनकी क्यों न हो? कृष्ण भगवान ने भी महाभारत में अर्जुन को अपना रूप दिखाया। मन की बात जानने के लिए हजारों सालों की तपस्या करनी पड़ती है। भारत सरकार अंधविश्वास हटाने के लिए अलग संस्था और अलग मंत्रालय बनाए।"