उज्जैन: कर्ज में डूबे किसान ने की आत्महत्या, खेत में महुए के पेड़ से लगाई फांसी

परिजनों ने पुलिस को बताया कि मृतक ने लोन ले रखा था और अन्य जगह से भी कर्ज में डूबा था। जिसके चलते काफी परेशानी में था।

Updated: Dec 02, 2024, 04:30 PM IST

उज्जैन। मध्य प्रदेश में किसान आत्महत्या की घटनाएं नहीं थम रही है। उज्जैन में कर्ज के बोझ तले डूबे एक किसान ने आत्महत्या कर ली है। बताया जा रहा है कि मृतक किसान ईश्वर आंजना कर्ज में डूबे हुए थे। कर्ज चुका पाने में असमर्थ होने की वजह से उन्होंने आत्महत्या कर ली।

मामला उज्जैन के पास घट्टिया थाना क्षेत्र के ग्राम सैलरी का है। यहां सोमवार सुबह युवक का शव पेड़ पर लटका मिला। लाश की खबर मिलते ही पान बिहार चौकी पुलिस मौके पर पहुंची। यहां पुलिस ने शुरूआती जांच में पाया कि मृतक ने कर्ज से परेशान होकर आत्महत्या की है।

चौकी प्रभारी जयंत डामोर ने बताया कि सूचना मिलते ही पुलिस टीम ने जांच की। परिजनों ने पुलिस को बताया कि मृतक ने लोन ले रखा था और अन्य जगह से भी कर्ज में डूबा था। जिसके चलते काफी परेशानी में था। कर्ज से परेशान होकर ईश्वर ने फांसी लगाकर जीवन लीला समाप्त कर ली। हालांकि अब तक उसके पास से कोई सुसाइड नोट बरामद नहीं हुआ है।

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किसान की आत्महत्या के लिए किसान कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष केदार सिरोही ने बीजेपी सरकार को जिम्मेदार बताया है। सिरोही ने कहा, 'बीजेपी सरकार की नीतियों से तंग आकर किसान आत्महत्या को मजबूर हैं। कांग्रेस सरकार ने किसानों की कर्जमाफी शुरू की थी। लेकिन किसानों की खुशी भाजपाईयों से देखी नहीं गई। उन्होंने बड़ी बेशर्मी से खरीद फरोख्त कर सरकार गिरा दी। भाजपा सरकार अपने कॉरपोरेट के दोस्तों को फायदा पहुंचाने के लिए हर रोज किसानों की बलि दे रहे हैं। देश का कृषि मंत्री भी मध्य प्रदेश का है। उज्जैन जिले से मुख्यमंत्री हैं। लेकिन किसानों की सुध लेने वाला कोई नहीं है।'