मंदिर के भंडारे में छुआछूत: सवर्ण और दलितों के लिए लगा अलग-अलग पंडाल, लगे संविधान बचाओ के नारे

सीहोर जिले के अमलाहा ग्राम में सवर्ण और दलित समाज के लिए अलग-अलग टेंट लगाकर प्रसाद दी गई, इसे लेकर दलितों ने आक्रोश जताते हुए संविधान बचाओ की नारेबाजी शुरू कर दी।

Updated: Jun 13, 2023, 05:26 PM IST

सीहोर। मध्य प्रदेश के सीहोर जिले में जातिगत भेदभाव का चौंका देने वाला मामला सामने आया है। यहां के अमलाहा गांव में आयोजित भंडारे में ग्रामीणों ने छुआछूत के आरोप लगाए हैं। बताया जा रहा है कि मंदिर पर आयोजित भंडारे के दौरान सवर्ण और दलितों के लिए लगा अलग-अलग पंडाल लगाए गए थे। इस मामले में दलित युवाओं ने आक्रोश व्यक्त करते हुए संविधान बचाओ की नारेबाजी की।

अमलाहा गांव जीवन सिंह नाम के दलित युवक ने मीडिया को बताया कि मैं अनुसूचित समाज से आता हूं। ग्राम अमलाहा में हनुमान जी का भंडारा हो रहा है उसमें बलाई, चमार और बसोड़ जो एससी में आते हैं इन लोगों को अलग बैठा कर खाना खिलाया जा रहा है और जातिवाद किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि क्या हम हिंदू नहीं हैं क्या? जब हमनें आपत्ति जताई तो उन्होंने कहा कि आपको आना हो तो आओ नहीं तो मत आओ।

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दलित युवकों ने आरोप लगाया कि ऊंची जाति के लोग हमसे यह बोलते हैं कि अगर हम आपसे चंदा भी लेंगे या आपसे गेहूं भी लेंगे तो बजरंग बली और भंडारे का अपमान होगा। वो हमसे अछूत हो जाएंगे। उन्होंने कहा कि हम यह चाहते हैं कि भंडारे में साथ खाना खाएं। उन्होंने कहा कि हमें मंदिर भी नहीं जाने दिया जाता है। यदि हम मंदिर जाते हैं तो पहली सीढ़ी से ही पंडित जी को हमें नारियल और अगरबत्ती देना पड़ता है।

मामला तूल पकड़ने के बाद पुलिस भी मौके पर पहुंची। पुलिस ने छुआछूत की घटना से साफ इनकार कर दिया है। चौकी प्रभारी अविनाश भोपले का कहना है कि वहां टेंट तो अनेक लगे हैं। लेकिन छुआछूत जैसी कोई बात सामने नहीं आ रही है। कुछ लोगों ने नशा किया हुआ है वह ऐसी बातें फैला रहे हैं।