अग्निपथ योजना युवाओं के साथ घोर अन्याय, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने राष्ट्रपति को लिखा पत्र

अग्निपथ योजना की खामियों को लेकर खडगे ने कहा कि यह योजना सैनिकों के समानांतर कैडर बनाकर हमारे जवानों के बीच भेदभाव पैदा करने वाली है, क्योंकि उनसे काम वही कराया जाएगा, लेकिन बहुत अलग पारिश्रमिक, लाभ और संभावनाओं के साथ।

Updated: Feb 26, 2024, 05:26 PM IST

नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने सोमवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को पत्र लिखा। इस पत्र में उन्होंने राष्ट्रपति से कहा कि करीब दो लाख नौजवानों के साथ न्याय किया जाए, जिनका चयन सेना की नियमित सेवा में होने की बावजूद उनकी भर्ती नहीं की गई है। उन्होंने दावा किया कि सरकार इनकी भर्ती रोककर अग्निपथ योजना लेकर आई, जिसके कारण इन युवाओं को पीड़ा झेलनी पड़ रही है।

राष्ट्रपति को संबोधित पत्र में खड़गे ने लिखा, 'हाल ही में मैं इन नौजवानों से मिला। उन्होंने मुझे बताया कि 2019 और 2022 के बीच लगभग दो लाख अभ्यर्थियों को सूचित किया गया था कि उन्हें तीन सशस्त्र सेवाओं- सेना, नौसेना और वायु सेना में चयनित कर लिया गया है। इन युवाओं ने कठिन मानसिक और शारीरिक परीक्षण तथा लिखित परीक्षा पास करने के लिए सभी बाधाओं के बावजूद संघर्ष किया था।'

खड़गे ने कहा, '31 मई 2022 तक उन्हें विश्वास था कि उन्होंने अपने सपने पूरे कर लिए हैं और उन्हें केवल अपने नियुक्ति पत्र का इंतजार था। उस दिन भारत सरकार ने इस भर्ती प्रक्रिया को समाप्त करने और इसके स्थान पर अग्निपथ योजना लागू करने के निर्णय से उनके सपने चकनाचूर हो गए।'

कांग्रेस नेता के मुताबिक, 'अग्निपथ योजना के साथ कई मुद्दे जुड़े हैं। पूर्व सेनाध्यक्ष एमएम नरवणे ने लिखा है कि अग्निपथ से सेना आश्चर्यचकित हो गई थी।' खरगे ने कहा, 'इसके अलावा, यह योजना सैनिकों के समानांतर कैडर बनाकर हमारे जवानों के बीच भेदभाव पैदा करने वाली है। चार साल की सेवा के बाद अधिकतर अग्निवीरों को नौकरी ढूंढने के लिए छोड़ दिया जाएगा। इसके बारे में कुछ लोगों का तर्क है कि इससे सामाजिक स्थिरता प्रभावित हो सकती है।

कांग्रेस अध्यक्ष ने दावा किया कि हताशा और निराशा के कारण कई युवाओं ने खुदकुशी तक कर ली है। खरगे ने पत्र में कहा कि हमारे युवाओं को इस तरह से पीड़ा झेलने नहीं दिया जा सकता। मैं आपसे यह सुनिश्चित करने की अपील करता हूं कि न्याय हो।