अपोलो अस्पताल पर अवैध किडनी रैकेट चलाने का आरोप, अमीर मरीजों के ट्रांसप्लांट में होता था इस्तेमाल

अपोलो के प्रवक्ता ने कैश फॉर-किडनी रैकेट में हॉस्पिटल की किसी भी तरह की भागीदारी से इनकार किया है।

Updated: Dec 05, 2023, 01:54 PM IST

नई दिल्ली। लंदन के प्रतिष्ठित अखबार 'द टेलीग्राफ' ने अपोलो अस्पताल पर सनसनीखेज आरोप लगाए हैं। द टेलीग्राफ का दावा है कि अपोलो अस्पताल द्वारा अवैध किडनी रैकेट चलाया जा रहा है। इसके तहत अमीर लोगों को अवैध तरीके से किडनी और अन्य ऑर्गन बेचे जाते हैं। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि अपोलो अस्पताल प्रशासन किडनी की इस गैरकानूनी खरीद-फरोख्त में संलिप्त है। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि इस तरह के गैरकानूनी ट्रांसप्लांट में मोटी कमाई हो रही है।

लंदन के इस न्यूजपेपर रिपोर्ट के अनुसार म्यांमार के गरीब लोगों से किडनी खरीदी जाती है और उसे भारत के अमीर मरीजों के ट्रांसप्लांट के लिए इस्तेमाल किया जाता है। हालांकि, अपोलो हॉस्पिटल की ओर से न्यूजपेपर के इस दावे को पूरी तरह से गलत बताया गया है। अपोलो के प्रवक्ता ने कैश फॉर-किडनी रैकेट में हॉस्पिटल की किसी भी तरह की भागीदारी से इनकार किया है। उन्होंने कहा कि टेलीग्राफ की रिपोर्ट एकदम गलत और भ्रामक है।

द टेलीग्राफ अखबार का कहना है कि भारत में शरीर के अंगों की खरीदारी गैरकानूनी है, मगर हमारे रिपोर्टर को म्यांमार के एक बिचौलिए ने बताया कि यहां पर यह बड़ा बिजनेस बन चुका है। रिपोर्ट के मुताबिक, इस प्रक्रिया में फर्जी डॉक्यूमेंट्स और फैमिली फोटोग्राफ तैयार किए गए ताकि डोनर्स को मरीज का रिश्तेदार दिखाया जा सके। दरअसल, भारत में जो कानून है उसमें कहा गया है कि मरीज सामान्य परिस्थितियों में किसी अनजान व्यक्ति से कोई ऑर्गन दान में भी नहीं ले सकता है। इसलिए किडनी या अन्य अंगों के ट्रांसप्लांट में मरीजों को या तो अपने परिवार, रिश्तेदार पर डिपेंड रहना पड़ता है या फिर उसे विदेश जाकर ट्रांसप्लांट कराना पड़ता है।

द टेलीग्राफ अखबार ने दावा किया कि उसे इस कथित रैकेट की जानकारी खुद म्यांमार के शख्स ने दी। 58 वर्षीय इस मरीज ने बताया कि उसने सितंबर, 2022 में अपनी एक किडनी बेची थी जिसके बदले उसे 8 मिलियन क्यात (म्यांमार की करेंसी क्यात) मिला। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि यह ट्रांसप्लांटेशन दिल्ली के अस्पताल में हुआ था। इस मामले में किडनी डोनर इसे लेने वाले मरीज के लिए पूरी तरह से अनजान था।

हालांकि अपोलो का कहना है कि, 'अस्पताल ट्रांसप्लांट प्रक्रिया को लेकर बने सारे कानूनी प्रावधानों का पालन करता है। सरकार की ओर से जो भी गाइडलाइन दी गई है उसे ध्यान रखा जाता है।' अस्पताल ने म्यांमार ऑपरेशन्स के अपने हेड को सस्पेंड कर दिया है। यह एक्शन अंडरकवर रिपोर्टर से कथित तौर पर बात करने और गैरकानूनी तरीके से किडनी ट्रांसप्लांट के बारे में बताने को लेकर लिया गया है।