नीति आयोग की बैठक बीच में ही छोड़कर निकलीं सीएम ममता, माइक म्यूट करने का लगाया आरोप

ममता बनर्जी ने कहा कि बैठक में मैंने कहा कि आपको राज्य सरकारों के साथ भेदभाव नहीं करना चाहिए। मैं बोलना चाहती थी, लेकिन मुझे सिर्फ 5 मिनट ही बोलने की इजाजत मिली। मुझसे पहले जिन लोगों ने बोला वह 10-20 मिनट तक बोले।

Updated: Jul 27, 2024, 03:46 PM IST

नई दिल्ली। दिल्ली में नीति आयोग की 9वीं गवर्निंग काउंसिल की बैठक हो रही है। इसकी अध्यक्षता PM मोदी कर रहे हैं। इसमें भाजपा और अन्य राज्यों के मुख्यमंत्री शामिल हुए हैं। हालांकि, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी बैठक को बीच में छोड़कर निकल गईं। बैठक से बाहर निकलने के बाद उन्होंने गंभीर आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि बैठक के दौरान उन्हें बोलने से रोक दिया गया।

ममता बनर्जी ने बैठक से वॉकआउट करने की वजह बताते हुए कहा, 'बैठक में विपक्ष की ओर से सिर्फ मैं शामिल हुई थी। भाजपा के मुख्यमंत्रियों को बोलने के लिए 10 से 20 मिनट का समय दिया गया, जबकि मुझे केवल 5 मिनट मिले। जब मैं पश्चिम बंगाल के मुद्दे पर बोल रही थी, तब मेरा माइक बंद कर दिया गया। मुझे अपनी पूरी बात नहीं रखने दी गई। क्या राज्य के मुद्दों को रखना गलत है। यहां मेरा और पश्चिम बंगाल के लोगों का अपमान किया गया।'

ममता बनर्जी ने कहा, 'मैंने कहा योजना आयोग को वापस ले आइए, बंगाल को फंड दीजिए और आप भेदभाव मत कीजिए। मैंने बोला जब केंद्र सरकार चलाते हैं तो सारे राज्यों का सोचना चाहिए। मैं सेंट्रल फंड के बारे में बता रहा थी कि इसे पश्चिम बंगाल को नहीं दिया जा रहा है, तभी उन्होंने मेरा माइक बंद कर दिया।' 

सीएम ममता ने कहा, 'मैंने कहा कि विपक्ष से मैं ही बैठक में भाग ले रही हूं, आपको खुश होना चाहिए, इसके बजाय आप अपनी पार्टी और सरकार को अधिक वरीयता दे रहे। यह न सिर्फ बंगाल का अपमान है, बल्कि सभी क्षेत्रीय दलों का भी अपमान है। यह मेरा भी अपमान है।' सीएम ममता ने कहा कि नीति आयोग के पास कोई वित्तीय शक्तियां नहीं हैं, यह कैसे काम करेगा? इसे वित्तीय ताकत दें या योजना आयोग को वापस लाएं। मैंने अपना विरोध दर्ज कराया और मैं बाहर आ गई।