मोदी सरकार कितने भी प्रयास कर ले लेकिन सच्चाई नहीं दबेगी, सत्यपाल मलिक के खुलासे पर बोले जयराम रमेश

जयराम रमेश ने कहा कि मोदी सरकार पुलवामा हमले को लेकर हुए खुलासे को दबाने का भरपूर प्रयास कर रही है लेकिन कांग्रेस पार्टी इस बात को आगे लेकर जाएगी

Updated: Apr 15, 2023, 01:29 PM IST

नई दिल्ली। पुलवामा हमले को लेकर जम्मू कश्मीर के पूर्व राज्यपाल के सनसनीखेज खुलासे के बाद देश भर की राजनीति में भूचाल आ गया है। मोदी सरकार इस मामले में अब विपक्ष के निशाने पर है। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने भी कहा है कि मोदी सरकार कितने भी प्रयास कर ले लेकिन अब सच्चाई नहीं दबेगी। 

शनिवार को सत्यपाल मलिक के खुलासे पर कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने प्रेस वार्ता को संबोधित किया। जयराम रमेश ने कहा कि 2018-19 में जम्मू कश्मीर के राज्यपाल रहे सत्यपाल मलिक ने बहुत सनसनीखेज खुलासा किया है। मोदी सरकार सचाई को दबाने के प्रयास में जुट गई है लेकिन मोदी सरकार कितने भी प्रयास कर ले अब सच्चाई दबेगी नहीं और कांग्रेस इस बात को आगे लेकर जाएगी। 

जयराम रमेश के अलावा पवन खेड़ा और सुप्रिया श्रीनेत ने भी प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया। पवन खेड़ा ने सत्यपाल मलिक की सुरक्षा को लेकर चिंता जताते हुए कहा कि आज सत्यपाल मलिक जी, एक PSO के साथ किराये के मकान में रह रहे हैं। लेकिन आपने समाज में जहर घोलने वाले टीवी एंकरों, चाटुकार फिल्म निर्देशकों-अभिनेताओं को X,Y, Z ग्रेड की सुरक्षा दे रखी है। ऐसे में सवाल है कि आपने मलिक जी को खतरे के मुंह में क्यों छोड़ रखा है?

वहीं सुप्रिया श्रीनेत ने इस खुलासे पर मोदी सरकार को घेरते हुए कहा कि सत्यपाल मलिक जी ने जो कहा उसने पूरे देश को सकते में डाल दिया है।सत्यपाल मलिक जी कोई साधारण व्यक्ति नहीं हैं, जब पुलवामा हमला हुआ तब वो जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल थे।उन्होंने PM से कहा कि जवानों की शहादत हमारी नाकामी से हुई। तो पीएम ने कहा- 'तुम चुप रहो।'

शुक्रवार को द वायर द्वारा लिए गए इंटरव्यू में सत्यपाल मलिक के खुलासे ने राजनीतिक गलियारों में हड़कंप मचा दिया। सत्यपाल मलिक ने इंटरव्यू में बताया कि पुलवामा हमला मोदी सरकार की लापरवाही के कारण हुआ था। इतना ही नहीं खुद प्रधानमंत्री मोदी ने उन्हें इस मामले पर चुप रहने के लिए कहा था ताकि हमले का सारा ठीकरा पाकिस्तान पर फोड़ा जा सके और बीजेपी लोकसभा चुनाव में इस मुद्दे को अपने पक्ष में भुना सके।

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सत्यपाल मलिक ने बताया कि सीआरपीएफ ने अपना काफिला ले जाने के लिए पांच एयरक्राफ्ट मांगे थे लेकिन गृह मंत्रालय ने इस मांग को नामंजूर कर दिया। अगर सीआरपीएफ के जवानों को एयरक्राफ्ट मिल गए होते तो यह हमला रोका जा सकता था। मलिक ने बताया कि इस बात की जानकारी खुद उन्होंने प्रधानमंत्री को दी थी। लेकिन प्रधानमंत्री और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने उन्हें चुप रहने के लिए कह दिया।