गुजरात में नकली ऑस्ट्रेलियन डॉलर छापने की फैक्ट्री, विदेश जाने वालों को सस्ते में बेचते थे करेंसी
गुजराती मूल का मौलिक पटेल अब ऑस्ट्रेलियाई नागरिक है। कारोबार में नुकसान होने से वह कर्ज में डूब गया था। इसीलिए उसने नकली ऑस्ट्रेलियाई डॉलर छापकर बेचने की योजना बनाई थी
अहमदाबाद। गुजरात के अहमदाबाद में डुप्लीकेट भारतीय करेंसी नोट बनाने के कई रैकेट सामने आए हैं। लेकिन इस बार एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। यहां नकली ऑस्ट्रेलियन डॉलर छापने की फैक्टी का उद्भेदन हुआ है। आरोपी यहां हाईटेक प्रिंटिंग मशीन से धड़ल्ले से डॉलर छाप रहे थे।
अहमदाबाद में एसओजी (SOG) ने बड़ी कार्रवाई करते हुए नकली ऑस्ट्रेलियाई डॉलर छापने वाले एक गिरोह का पर्दाफाश किया है। पुलिस ने इस गिरोह के चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जिनके पास 131 नकली डॉलर और एक प्रिंटर जब्त किया है। इस प्रिंटर से नकली करेंसी छाप रहे थे।
बताया जा रहा है कि इस गिरोह का मास्टरमाइंड मौलिन पटेल है, जो 20 वर्षों तक ऑस्ट्रेलिया में रह चुका है। दो साल पहले वह अहमदाबाद लौटा और यहां उसने अपने साथी ध्रुव देसाई के साथ मिलकर नकली डॉलर छापना शुरू कर दिया।
जानकारी के अनुसार, अहमदाबाद पुलिस की एसओजी टीम को सूचना मिली थी कि वटवा इलाके में एक शख्स 40 रुपये में एक ऑस्ट्रेलियाई डॉलर बेच रहा है। पुलिस ने सूचना मिलते ही टीम के साथ मौके पर पहुंचकर छापेमारी कर दी। इस दौरान पुलिस ने आरोपी शख्स को हिरासत में ले लिया।
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इसके बाद पुलिस ने गिरोह के मास्टरमाइंड मौलिन पटेल को गिरफ्तार किया। मौलिन खुद 20 साल तक ऑस्ट्रेलिया में रह चुका था। वह वहां की करेंसी के बारे में अच्छी जानकारी रखता था। उसने इस काम को शुरू करने के लिए ध्रुव देसाई और खुश पटेल को अपने साथ जोड़ा था।
इसके बाद खुश पटेल ने रौनक राठौड़ नाम के युवक को भी इसमें शामिल कर लिया। ये सभी आरोपी मिलकर नकली डॉलर छापने के लिए एक प्रिंटर का इस्तेमाल कर रहे थे। इन डॉलर को विदेश जाने वाले लोगों को बेच देते थे। गुजराती मूल का मौलिक पटेल अब ऑस्ट्रेलियाई नागरिक है। कारोबार में नुकसान होने से वह कर्ज में डूब गया था। इसीलिए उसने नकली ऑस्ट्रेलियाई डॉलर छापकर बेचने की योजना बनाई थी।