Farmer Protest Live Update: अमित शाह ने कहा, सरकार बात करने को तैयार, लेकिन किसान तय जगह पर जाकर प्रदर्शन करें

गृह मंत्री अमित शाह ने कहा है कि किसान जब भी तय जगह पर चले जाएंगे उसके अगले ही दिन सरकार उनसे बात करेगी, अमित शाह की इस पेशकश पर किसान संगठनों ने रविवार सुबह चर्चा करके फ़ैसला करने की बात कही है।

Updated: Nov 29, 2020 03:26 AM IST

Live Updates

गृह मंत्री को बातचीत के लिए शर्त नहीं रखनी चाहिए थी : किसान संगठन

किसान संगठनों ने कहा है कि गृह मंत्री अमित शाह के बातचीत के प्रस्ताव पर वो रविवार सुबह आपस में चर्चा करके आगे का फैसला करेंगे। भारतीय किसान यूनियन के एक प्रमुख नेता ने मीडिया से कहा कि अमित शाह को बातचीत का न्योता खुले दिल से देना चाहिए था। उसके लिए आंदोलन को तय जगह पर शिफ्ट करने जैसी शर्त नहीं लगानी चाहिए थी। उन्होंने कहा कि अमित शाह के प्रस्ताव के बारे में अब रविवार को बातचीत के बाद ही कोई फैसला किया जाएगा। 

विपक्ष के साझा बयान में किसान आंदोलन का समर्थन, पुलिसिया दमन की कड़ी निंदा

देश के आठ प्रमुख विपक्षी दलों ने एक साझा बयान जारी करके किसानों के आंदोलन का समर्थन किया है और उनके खिलाफ की गई पुलिस कार्रवाई की कड़ी निंदा की है। विपक्षी नेताओं ने किसानों पर आंसू गैस के गोले दागने, वॉटर कैनन के इस्तेमाल और उनके रास्ते में पड़ने वाली सड़कें खोदे जाने को किसानों के खिलाफ युद्ध छेड़ने जैसा करार दिया है। विपक्षी दलों ने अपनी चिट्ठी में केंद्र सरकार के तीन नए कृषि कानूनों को देश की खाद्य सुरक्षा के लिए खतरा बताते हुए उसे फौरन वापस लिए जाने की मांग भी की है।

साझा बयान जारी करने वाले नेताओं में एनसीपी प्रमुख शरद पवार, सीपीएम महासचिव सीताराम येचुरी, सीपीआई महासचिव डी राजा, आरजेडी नेता मनोज झा, डीएमके नेता टीआर बालू और सीपीआई-एमएल के महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य शामिल हैं। 

अन्याय के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाना अपराध नहीं कर्तव्य है: राहुल गांधी

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने केंद्र सरकार के कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन के लिए दिल्ली आने वाले किसानों पर हरियाणा में गंभीर धाराओं में केस दर्ज़ किए जाने को लेकर मोदी सरकार को कड़ी फटकार लगाई है। उन्होंने कहा है कि किसान अगर अन्याय के खिलाफ आवाज़ उठा रहे हैं तो यह कोई अपराध नहीं है। यह तो उनका कर्तव्य है।

राहुल गांधी ने किसानों के खिलाफ मामले दर्ज किए जाने से जुड़ी एक खबर को शेयर करते हुए ट्वीट किया है,"अन्याय के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाना अपराध नहीं, कर्तव्य है। मोदी सरकार पुलिस की फ़र्ज़ी FIR से किसानों के मज़बूत इरादे नहीं बदल सकती। कृषि विरोधी काले क़ानूनों के ख़त्म होने तक ये लड़ाई जारी रहेगी। हमारे लिए ‘जय किसान’ था, है और रहेगा!"

 

 

 

किसान तय जगह पर चले जाएं तो अगले ही दिन बातचीत करेंगे : अमित शाह

केंद्र गृह मंत्री अमित शाह ने कहा है कि केंद्र सरकार प्रदर्शन कर रहे किसानों से बातचीत के लिए तैयार है। सरकार किसानों की हर समस्या और तमाम मांगों पर चर्चा के लिए तैयार है। कृषि मंत्री ने उन्हें 3 दिसंबर को चर्चा के लिए आमंत्रित किया है। शाह ने कहा कि अगर किसान संगठन 3 दिसंबर से पहले बातचीत करना चाहते हैं, तो वे उनको भरोसा दिलाना चाहते हैं कि वे जैसे ही बताई गई जगह पर चले जाते हैं, सरकार अगले ही दिन उनकी शिकायतों और परेशानियों को सुनने के लिए बातचीत करेगी। 

अमित शाह ने कहा कि किसान अपने ट्रैक्टर और ट्रॉली के साथ इस सर्दी में हाइवे पर रह रहे हैं। वे अपील करते हैं कि दिल्ली पुलिस उन्हें बड़े मैदान में शिफ्ट करने के लिए तैयार है। कृपया वहां चले जाएं। उन्होंने कहा कि वहां किसानों को उनका कार्यक्रम करने के लिए पुलिस की इजाजत दे दी जाएगी। आपको बता दें कि किसानों को कल से ही कहा जा रहा है कि वे बुराड़ी के निरंकारी ग्राउंड पर जाकर प्रदर्शन कर सकते हैं लेकिन किसान संगठन जंतर-मंतर पर प्रदर्शन करने की इजाज़त मांग रहे हैं। इस बीच हरियाणा की खट्टर सरकार ने तमाम किसानों के ऊपर गंभीर धाराओं में मुकदमे दर्ज़ करके माहौल को और बिगाड़ दिया है।

दिल्ली बॉर्डर पर ही डटे किसान, निरंकारी मैदान जाने को तैयार नहीं

दिल्ली बॉर्डर पर ही डटे किसान, निरंकारी मैदान जाने को तैयार नहीं

Photo Courtesy: Indian Express

मोदी सरकार के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन के लिए दिल्ली चलो का नारा देने वाले अधिकांश किसान फिलहाल हरियाणा-दिल्ली सीमा पर ही डटे हुए हैं। किसान संगठनों के नेताओं के बीच विचार-विमर्श में बुराड़ी के निरंकारी मैदान में जाकर प्रदर्शन करने पर सहमति नहीं बनी। किसानों की मांग है कि उन्हें जंतर-मंतर जाने की अनुमति दी जाए। इसकी इजाज़त न मिलने तक उन्होंने दिल्ली बॉर्डर पर ही डटे रहने का फैसला किया है। इस बीच दोपहर में हज़ारों किसान बॉर्डर पर ही लंगर लगाकर खाना बनाते और खाते नज़र आए। किसानों का कहना है कि वो अपनी मांगे पूरी होने तक डटे रहने के इरादे से आए हैं और आंदोलन लंबा चलने के लिए हर तरह से तैयार हैं। 

किसानों के साथ हुए बर्ताव को लेकर पीएम मोदी पर बरसे राहुल गांधी

किसानों के साथ हुए बर्ताव को लेकर पीएम मोदी पर बरसे राहुल गांधी

Photo Courtesy: Twitter/Rahul Gandhi

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों पर बल-प्रयोग के लिए प्रधानमंत्री मोदी के अहंकार को जिम्मेदार ठहराया है। राहुल गांधी का कहना है कि हमारा नारा तो जय जवान, जय किसान का था, लेकिन आज प्रधानमंत्री मोदी के अहंकार ने जवान को किसान के खिलाफ खड़ा कर दिया है, जो बहुत खतरनाक स्थिति है।

 

 

अरबपतियों के लिए लाल कालीन, किसानों की राह में गड्ढे, मोदी सरकार की इस नीति पर बरसीं प्रियंका गांधी

अरबपतियों के लिए लाल कालीन, किसानों की राह में गड्ढे, मोदी सरकार की इस नीति पर बरसीं प्रियंका गांधी

Photo Courtesy: Twitter/Priyanka Gandhi Vadra

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने किसानों के साथ मोदी सरकार के बर्ताव पर एक बार फिर से निशाना साधा है। प्रियंका गांधी ने कहा है कि बीजेपी के राज में देश का हाल ऐसा हो गया है, जिसमें खबरपति अमीरों के लिए दिल्ली आने पर स्वागत में लाल कालीन बिछाई जाती है और किसानों के दिल्ली आने पर उन्हें तरह-तरह से रोकने की कोशिश होती है। प्रियंका गांधी ने ट्विटर पर लिखा है,"भाजपा सरकार में देश की व्यवस्था को देखिए जब भाजपा के खरबपति मित्र दिल्ली आते हैं तो उनके लिए लाल कालीन डाली जाती है। मगर किसानों के लिए दिल्ली आने के रास्ते खोदे जा रहे हैं। दिल्ली किसानों के खिलाफ कानून बनाए वह ठीक, मगर सरकार को अपनी बात सुनाने किसान दिल्ली आए तो वह गलत?"

 

 

 

 

किसानों की प्रधानमंत्री मोदी के नाम चिट्ठी, रामलीला ग्राउंड तक जाने देने की मांग

क़रीब पाँच सौ किसान संगठनों को मिलाकर बनाई गई ऑल इंडिया किसान संघर्ष कोऑर्डिनेशन कमेटी (AIKSCC) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखकर मांग की है कि उन्हें रामलीला ग्राउंड तक जाकर प्रदर्शन करने की इजाजत दी जाए। चिट्ठी में इस बात का जिक्र भी किया गया है कि किसानों को अलग-अलग राज्यों से दिल्ली तक आने के दौरान कितनी मुश्किलों का सामना करना पड़ा। पत्र में खास तौर पर हरियाणा और उत्तर प्रदेश की राज्य सरकारों की तरफ से खड़ी की गई बाधाओं का ज़िक्र किया गया है। किसानों ने कहा है कि राज्य सरकारों ने शायद केंद्र के इशारे पर ही उन्हें रोकने के लिए वॉटर कैनन और आंसू गैस से लेकर सड़कों पर गड्ढे खोदे जाने जैसी तमाम रुकावटें खड़ी की हैं, फिर भी देश के किसान इन तमाम बाधाओं को पार करते हुए दिल्ली की सीमा तक आ पहुंचे हैं।

वॉटर कैनन बंद करने वाले युवक पर हत्या की कोशिश का मुक़दमा दर्ज

वॉटर कैनन बंद करने वाले युवक पर हत्या की कोशिश का मुक़दमा दर्ज

Photo Courtesy: Indian Express

अंबाला में किसानों पर पानी की बौछार करने वाली वॉटर कैनन पर चढ़कर उसे बंद करने वाले नवदीप सिंह के खिलाफ हत्या की कोशिश का मुकदमा दर्ज़ किया गया है। नवदीप के वॉटर कैनन बंद करने और उसके बाद छलांग लगाकर वापस अपने ट्रैक्टर पर लौट आने के वीडियो और फोटोग्राफ्स वायरल हो गए थे। किसानों ने उसे शेर का बच्चा बताते हुए उसके हौसले की तारीफ की थी। लेकिन पुलिस ने नवदीप और उनके प्रदर्शन में शामिल पिता जय सिंह जलबेरा, दोनों के खिलाफ हत्या की कोशिश का केस दर्ज़ कर लिया है। उन पर ट्रैक्टर से पुलिसवालों की कुचलने की कोशिश करने का आरोप लगाया गया है। बीकेयू नेता गुरनाम सिंह चादूनी का नाम भी इस एफआईआर में शामिल है।

 

रामलीला ग्राउंड पर प्रदर्शन की इजाज़त माँग रहे किसान

रामलीला ग्राउंड पर प्रदर्शन की इजाज़त माँग रहे किसान

Photo Courtesy: ANI/Twitter

सिंधु बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे किसानों की मांग है कि उन्हें रामलीला मैदान में प्रदर्शन करने की इजाजत दी जाए। इसके बाद से भारी संख्या में सिंधू बॉर्डर पर पुलिस बल को तैनात कर दिया गया है। इस बीच, कुछ किसानों के बुराड़ी के निरंकारी समागम ग्राउंड पहुंचने की खबर भी समाचार एजेंसी ANI ने दी है। एजेंसी के मुताबिक वहां पहुंचे किसानों का कहना है कि हम कृषि कानूनों को वापस लिए जाने तक प्रदर्शन जारी रखेंगे। किसानों का कहना है कि वे इस बार दिल्ली में लंबे संघर्ष की तैयारी के साथ आए हैं।

 

 

 

रात भर दिल्ली बॉर्डर पर डटे रहे हज़ारों किसान

रात भर दिल्ली बॉर्डर पर डटे रहे हज़ारों किसान

Photo Courtesy: NDTV

केंद्र के कृषि कानून के खिलाफ दिल्ली में प्रदर्शन करने निकले हज़ारों किसानों ने बीती रात हरियाणा दिल्ली बॉर्डर पर गुज़ारी। कल सरकार ने किसानों को दिल्ली में बुराड़ी के मैदान में शांतिपूर्ण प्रदर्शन की इजाज़त दे दी थी, लेकिन किसान अब भी सिंघु बॉर्डर और टिकरी बॉर्डर पर ही डटे रहे। सिंघु बॉर्डर पर आज सुबह से किसानों में आपसी विचार विमर्श चल रहा है। इस बैठक में आगे की रणनीति की चर्चा की जाएगी। बीती रात दिल्ली सरकार ने विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों का स्वागत ‘अतिथि’ के तौर पर करते हुए उनके खाने, पीने और आश्रय का बंदोबस्त किया। इस बीच, किसानों के कुछ प्रतिनिधियों ने पुलिस अधिकारियों के साथ बुराड़ी जाकर निरंकारी समागम ग्राउंड का मुआयना भी किया।

पश्चिमी यूपी के किसान भी सड़क पर उतरे, शनिवार सुबह दिल्ली कूच का एलान

भारतीय किसान यूनियन की अपील पर शुक्रवार को मेरठ समेत पश्चिमी यूपी के सभी हाईवे को किसानों ने जाम कर दिया। किसान जगह-जगह धरने पर बैठ गए। किसानों के आंदोलन के कारण मेरठ, सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, बिजनौर, बागपत समेत सभी जिलों में ट्रैफिक व्यवस्था धड़ाम हो गई। शाम को किसान सिवाया टोल पर पहुंच गए। फिलहाल सिवाया टोल पर किसानों ने कब्जा कर टोल को फ्री कर दिया है। शनिवार की सुबह दिल्ली कूच का कार्यक्रम है।

भारतीय किसान यूनियन ने शुक्रवार को पूरे उत्तर प्रदेश में हाइवे जाम करने का एलान किया था। भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता के आह्वान के तहत मेरठ में दिल्ली-देहरादून हाइवे पर कंकरखेड़ा बाईपास में जिटौली के पास सैकड़ों किसान पहुंच गए। ट्रैक्टर-ट्राली के साथ किसान हाइवे पर धरना देकर बैठ गए। इस दौरान वाहनों का आवागमन ठप कर दिया गया। पुलिस, प्रशासन के साथ हल्की नोंक-झोंक भी हुई। दोपहर बाद किसानों को सूचना मिली कि राकेश टिकैत मुजफ्फरनगर से कूच कर गए हैं। उसके बाद जिटौली में धरना समाप्त कर किसान सिवाया टोल पर पहुंच गए। उधर, हाइवे जाम के कारण मोहिउद्दीनपुर में भी जाम लग गया। वाहनों को मोहिउद्दीनपुर-खरखौदा मार्ग से निकाला गया। अब किसान सिवाया टोल पर बैठ गए हैं। शनिवार की सुबह दिल्ली कूच का कार्यक्रम है।

किसान नेताओं ने बुराड़ी जाकर प्रदर्शन का प्रस्ताव ठुकराया

अभी-अभी खबर आई किसान नेताओं ने दिल्ली के बुराड़ी ग्राउंड में आ कर विरोध प्रदर्शन करने की पेशकश ठुकरा दी है। मीडिया में आ रही खबरों के मुताबिक किसान नेताओं विचार-विमर्श के बाद इस प्रस्ताव को खारिज कर दिया है। दरअसल किसानों से कहा गया था कि वे सिर्फ बुराड़ी के मैदान में ही प्रदर्शन करेंगे। दिल्ली की किसी और जगह पर जाने की उनको इजाजत नहीं होगी। इस प्रस्ताव पर कुछ देर तक विचार करने के बाद आखिरकार किसानों के नेताओं ने उसे ठुकरा दिया।

किसानों को दिल्ली के बुराड़ी में निरंकारी ग्राउंड पर प्रदर्शन की इजाज़त

मीडिया में आ रही खबरों के मुताबिक हरियाणा दिल्ली के सिंघु बॉर्डर पर डटे किसानों को अब से थोड़ी देर पहले राजधानी में प्रवेश करने की इजाजत दे दी गई है। बताया जा रहा है कि किसानों को दिल्ली के बुराड़ी में निरंकारी ग्राउंड तक जाकर प्रदर्शन करने की इजाजत दी गई है। बताया ये भी जा रहा है कि किसानों को दिल्ली में जंतर-मंतर, रामलीला मैदान या किसी और जगह पर जाने की इजाजत नहीं होगी। हालांकि सिंघु बॉर्डर पर अब भी किसान और पुलिस-सुरक्षा बल आमने-सामने मौजूद हैं। किसान संगठनों के नेताओं ने सरकार के इस प्रस्ताव पर क्या फैसला किया है, क्या वे सिर्फ बुराड़ी के मैदान में जाकर प्रदर्शन करने के लिए तैयार हैं, फिलहाल ये साफ नहीं है।

दिल्ली पुलिस को झटका, केजरीवाल सरकार ने स्टेडियम को जेल में बदलने की नहीं दी इजाज़त

दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने किसानों के आंदोलन को देखते हुए राजधानी के नौ स्टेडियम्स को अस्थायी जेल में बदलने की इजाज़त नहीं दी है। दिल्ली सरकार के गृह मंत्री सत्येंद्र गर्ग ने दिल्ली पुलिस के अनुरोध को खारिज़ करने के साथ ही अपने आदेश में ये भी कहा है कि आंदोलन कर रहे किसानों की मांगें जायज हैं। केन्द्र सरकार को किसानों की मांगे तुरंत माननी चाहिए। किसानों को जेल में डालना इसका समाधान नहीं है। इनका आंदोलन बिल्कुल अहिंसक है। अहिंसक तरीके से आंदोलन करना हर भारतीय का संवैधानिक अधिकार है। उसके लिए किसानों को जेलमें नहीं डाला जा सकता। इसलिए स्टेडियम को जेल बनाने की दिल्ली पुलिस की इस अर्जी को दिल्ली सरकार नामंजूर करती है।

आम आदमी पार्टी के नेता राघव चड्ढा ने दिल्ली पुलिस की तरफ से स्टेडियम को जेल में बदलने का अनुरोध किए जाने के बाद ही अपनी सरकार से इजाजत नहीं देने की अपील कर दी थी। राघव चड्ढा ने ट्वीट करके अपील की है कि देश के किसान अपराधी या आतंकवादी नहीं कि उन्हें जेल में डाल दिया जाए। चड्ढा ने ये भी कहा कि शांतिपूर्ण प्रदर्शन का अधिकार देश का संविधान देता है और विरोध प्रदर्शन एक आज़ाद लोकतांत्रिक समाज की पहचान हैं।

दिल्ली पुलिस के स्टेडियम को जेल में बदलने की इजाजत मांगे जाने से संकेत मिले थे कि दिल्ली आकर अपनी बात रखने की कोशिश कर रहे किसानों की बड़े पैमाने पर गिरफ्तारी की जा सकती है। लेकिन दिल्ली सरकार की तरफ से इजाजत नहीं दिए जाने के बाद अब देखना होगा कि दिल्ली पुलिस का अगला कदम क्या होगा।

 

किसानों की आवाज़ हमेशा के लिए दबाई नहीं जा सकती : कैप्टन अमरिंदर सिंह

किसानों की आवाज़ हमेशा के लिए दबाई नहीं जा सकती : कैप्टन अमरिंदर सिंह

Photo Courtesy: Twitter/Capt. Amarinder Singh

पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने किसानों को दिल्ली पहुंचकर अपनी बात रखने से रोके जाने पर एक बार फिर से कड़ा एतराज़ किया है। उन्होंने कहा कि किसानों की आवाज़ हमेशा के लिए दबाई नहीं जा सकती। कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि अगर मोदी सरकार किसानों को MSP बंद नहीं करने का ज़ुबानी आश्वासन दे रही है तो इसी बात को कानून में शामिल करके औपचारिक रूप देने में उसे क्या परेशानी है? उन्होंने कहा कि जो लोग ये आरोप लगा रहे हैं कि किसानों का आंदोलन कांग्रेस के भड़काने की वजह से हो रहा है, उन्होंने देश भर के किसानों की नए कृषि कानूनों के प्रति नाराज़गी को ठीक से समझा नहीं है। उन्हें देश भर से दिल्ली आने का संकल्प लेकर आगे बढ़ रहे लाखों किसानों की परेशानी और चिंताएं नज़र नहीं आ रही हैं। कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि ये किसानों की रोज़ी-रोटी और उनके अस्तित्व की लड़ाई है, इसके लिए उन्हें किसी के उकसावे की ज़रूरत नहीं है। पंजाब के सीएम ने कहा कि अगर सरकार दिल्ली की सीमाओं पर बढ़ते तनाव को कम करना चाहती है तो उसे किसान संगठनों से बाचतीत फौरन शुरू करनी चाहिए। इसके लिए 3 दिसंबर तक इंतज़ार करने की क्या ज़रूरत है?   

 

 

 

 

देश के किसानों के साथ अपराधियों, उग्रवादियों जैसा बर्ताव क्यों : सुरजेवाला

देश के किसानों के साथ अपराधियों, उग्रवादियों जैसा बर्ताव क्यों : सुरजेवाला

Photo Courtesy: ANI/Twitter/Video Screen Shot

कांग्रेस महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा है कि दिल्ली आकर अपनी बात रखने की कोशिश कर रहे किसानों के साथ अपराधियों, उग्रवादियों जैसा बर्ताव क्यों किया जा रहा है। उन्होंने बड़े तल्ख लहज़े में सवाल किया है कि दिल्ली की सत्ता का काम क्या सिर्फ अदाणी की तिज़ोरी की रक्षा करना है? क्या किसानों की मेहनत दिल्ली की सत्ता का आधार नहीं है? सुरजेवाला ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा कि ये कोई राजनीतिक लड़ाई नहीं, बल्कि रोज़ी-रोटी और खेत-खलिहानों की लड़ाई है, जिसमें कांग्रेस समेत देश के तमाम दल किसानों के साथ खड़े हैं। कांग्रेस प्रवक्ता सुरजेवाला ने ट्विटर के जरिए भी एलान किया कि कांग्रेस पार्टी काले कानूनों को खत्म करने के लिए वचनबद्ध है। 

"जब गांधी जी की सत्य अहिंसा की लाठी लेकर देश के किसान निकले तो दुनिया का सबसे बड़ा ब्रिटिश साम्राज्य तिनके की तरह बिखर गया। आज फिर दिल्ली दरबार के भाजपाई अहंकारियों के ख़िलाफ़ हुंकार गूंजी है. कांग्रेस काले क़ानूनों को ख़त्म करने को वचनबद्ध है।"

 

 

 

दिल्ली-बहादुरगढ़ बॉर्डर पर भी वॉटर कैनन, आंसू गैस का इस्तेमाल

देश की राजधानी की तरफ बढ़ते किसानों को रोकने के लिए दिल्ली-बाहदुरगढ़ हाईवे के पास टिकरी बॉर्डर पर भी पुलिस ने वॉटर कैनन और आंसू गैस के गोलों का इस्तेमाल किया है। लेकिन मोदी सरकार की लाख कोशिशों के बावजूद किसान वापस लौटने को तैयार नहीं हैं। वे लगातार आगे बढ़ने की कोशिश कर रहे हैं। टिकरी ब़ॉर्डर पर पुलिस ने रास्ते पर ट्रक खड़े करके उन्हें रोकने की कोशिश की तो किसानों ने ट्रैक्टर से खींचकर ट्रकों को हटाने की कोशिश की। 

 

किसानों के दमन पर प्रियंका गांधी के प्रधानमंत्री मोदी के सवाल

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने किसानों को दिल्ली से दूर रखने के लिए किए जा रहे दमन पर सवाल उठाया है। प्रियंका ने किसानों की आवाज़ दबाने के लिए अपनाए जा रहे उपायों पर एतराज़ ज़ाहिर करते हुए ट्विटर पर लिखा है, "किसानों की आवाज दबाने के लिए पानी बरसाया जा रहा है, सड़कें खोदकर रोका जा रहा है लेकिन सरकार उनको ये दिखाने और बताने के लिए तैयार नहीं है कि MSP का कानूनी हक होने की बात कहां लिखी है एक देश, एक चुनाव की चिंता करने वाले प्रधानमंत्री जी को एक देश, एक व्यवहार भी लागू करना चाहिए।"

 

 

राजधानी के 9 स्टेडियम को अस्थायी जेल में बदलना चाहती है दिल्ली पुलिस

दिल्ली पुलिस ने किसानों के आंदोलन को देखते हुए राजधानी के नौ स्टेडियम को अस्थायी जेल में तब्दील करने की इजाजत मांगी है। इससे संकेत मिल रहे हैं कि दिल्ली पुलिस अब किसानों को अपने देश की राजधानी में घुसने से रोकने के लिए उन्हें बड़ी संख्या में गिरफ्तार करने पर विचार कर रही है। हालांकि आम आदमी पार्टी के नेता राघव चड्ढा ने अपनी ही पार्टी की सरकार से अपील की है कि वो दिल्ली पुलिस को स्टेडियम में अस्थायी जेल बनाने की इजाजत न दे। राघव चड्ढा ने ट्वीट करके अपील की है कि देश के किसान अपराधी या आतंकवादी नहीं कि उन्हें जेल में डाल दिया जाए। चड्ढा ने ये भी कहा कि शांतिपूर्ण प्रदर्शन का अधिकार देश का संविधान देता है और विरोध प्रदर्शन एक आज़ाद लोकतांत्रिक समाज की पहचान हैं।

 

 

 

मथुरा में भी एक्सप्रेस वे पर बैठे किसान, यमुना एक्सप्रेस वे जाम

मथुरा में भी एक्सप्रेस वे पर बैठे किसान, यमुना एक्सप्रेस वे जाम

Photo Courtesy: ANI/Twitter

किसान आंदोलन का असर उत्तर प्रदेश के मथुरा में भी दिखाई दे रहा है। मथुरा में किसानों का जत्था यमुना एक्सप्रेस वे पर धरना देकर बैठ गए हैं। इससे एक्सप्रेस वे पर गाड़ियों की आवाजाही ठप हो गई है। 

 

 

 

ग्रीन लाइन पर कई जगह मेट्रो स्टेशन के गेट बंद

किसानों के प्रदर्शन के कारण ग्रीन लाइन पर कई जगह मेट्रो स्टेशन के गेट बंद कर दिए गए हैं। इन मेट्रो स्टेशनों में  ब्रिगेडियर होशियार सिंह, बहादुरगढ़ सिटी, श्रीराम शर्मा, टिकरी बॉर्डर, टिकरी कलां, घेवरा स्टेशन शामिल हैं। इन सभी मेट्रो स्टेशन पर एंट्री और एग्जिट गेट को बंद कर दिया गया है। हालांकि DMRC पड़ोसी शहरों से दिल्ली आने वाली मेट्रो सेवाएं बंद रखने का एलान पहले ही कर दिया था, लेकिन अब कई मेट्रो स्टेशन पर गेट भी बंद दिए गए हैं। इसकी वजह से दिल्ली आने वालों की मुश्किलें और बढ़ गई हैं, क्योंकि हर तरफ से दिल्ली बॉर्डर बंद किए जाने की वजह से सड़कों के रास्ते आवाजाही तो पहले ही संभव नहीं है।

सिंघु बॉर्डर पर फिर छोड़ी गई आंसू गैस, किसान लगातार डटे हुए हैं

सिंघु बॉर्डर पर फिर छोड़ी गई आंसू गैस, किसान लगातार डटे हुए हैं

Photo Courtesy: Twitter/ANI Video Screen Shot

दिल्ली-हरियाणा बॉर्डर के सिंघु बॉर्डर पर अब से कुछ देर पहले फिर से आंसू गैस के गोले छोड़े गए हैं। पुलिस किसानों को पीछे हटाने के लिए हर उपाय आजमाने को तैयार है, लेकिन किसान दिल्ली पहुंचने के अपने संकल्प पर कायम हैं। समाचार एजेंसी ANI की तरफ से ट्विटर पर शेयर किए गए इन वीडियो में किसानों पर बरसती आंसू गैस साफ देखी जा सकती है। मीडिया में जारी लाइव कवरेज बता रहा है कि यहां अब भी किसानों पर आंसू गैस का हमला लगातार जारी है। 

 

 

 

देश के मालिकों से कौन करता है ऐसा बर्ताव

देश के मालिकों से कौन करता है ऐसा बर्ताव

Photo Courtesy: Twitter/ANI

दिल्ली कूच में शामिल देश के कुछ किसान तमाम बाधाओं को पारकर किसी तरह दिल्ली-हरियाणा के सिंघु बॉर्डर पर जा पहुंचे। लेकिन वहां उनका स्वागत आंसू गैस के गोलों से किया गया। दिल्ली-हरियाणा के इस बॉर्डर पर ऐसे सुरक्षा बंदोबस्त किए गए थे मानों देश का किसान अगर अपनी राजधानी में आ गया तो कितना अनर्थ हो जाएगा!  अन्नदाता पर अपने ही देश में बरसती आंसू गैस का ये दृश्य वाकई हैरान करने वाला है। हमारे संवैधानिक लोकतंत्र में जनता ही देश की मालिक है। लेकिन देश में किसानों के साथ आज जो बर्ताव हो रहा है वो किस मालिक के साथ होता है?

 

 

 समाचार एजेंसी ANI ने किसानों पर आंसू गैस बरसाए जाने के जो वीडियो ट्विटर पर शेयर किए हैं, उन्हें देखकर अपने देश के लोकतंत्र की मौजूदा हालत पर गंभीरता से विचार करने की ज़रूरत है।

कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला पानीपत में किसानों के कूच में शामिल हुए

कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला पानीपत में किसानों के कूच में शामिल हुए

Photo Courtesy: Twitter/Randeep Singh Surjewala

कांग्रेस नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला भी आज यानी शुक्रवार की सुबह किसानों को समर्थन देने के लिए पानीपत टोल प्लाजा पहुंचे। मीडिया से बातचीच में सुरजेवाला ने कहा कि कांग्रेस पार्टी हमेशा किसानों के साथ खड़ी रही है और जब तक सरकार कृषि कानूनों को वापस नहीं ले लेती, तब तक हम किसानों का समर्थन करते रहेंगे। उन्होंने किसानों को दिल्ली आने से रोकने की बीजेपी सरकारों की ज़िद और उसके लिए अपनाए जा रहे तौर-तरीकों पर नाराज़गी जाहिर करते हुए सरकार से पूछा है कि क्या हमारे किसानों का देश की राजधानी पर कोई हक नहीं है, जो उन्हें इस तरह से रोका जा रहा है?  सुरजेवाला ने किसानों के समर्थन में एक और ट्वीट भी किया है। उन्होंने लिखा है, "कांग्रेस किसान के साथ चट्टान की तरह खड़ी है। 

अब टूट गिरेंगी जंजीरें, अब ज़िन्दानों की ख़ैर नहीं,

जो दरया झूम के उठे हैं, तिनकों से न टाले जायेंगे

कटते भी चलो, बढ़ते भी चलो, बाजू भी बहुत हैं सर भी बहुत,

चलते भी चलो के अब डेरे, मंजिल पे ही डाले जायेंगे

पानीपत किसान कूच में शामिल।"

 

सुरजेवाला ने अपने एक और ट्वीट में बीजेपी की सरकारों को घेरते हुए लिखा है, 

"क्या दिल्ली सिर्फ मुट्ठी भर पूंजीपतियों की तिजोरी की रक्षा करने वालों के लिए बनी है? क्या भारतवर्ष की राजधानी दिल्ली पर किसान का हक़ नहीं है? आज किसानों से इतनी नफरत क्यों हो गई? आज पानीपत, हरियाणा जा कर किसानों के संघर्ष को समर्थन दिया।"

सिंधु बॉर्डर पर पुलिस ने दागे आंसू गैस के गोले

सिंधु बॉर्डर पर पुलिस ने दागे आंसू गैस के गोले

Photo Courtesy: ANI

दिल्ली-हरियाणा बॉर्डर पर किसान दिल्ली आने के अपने संकल्प पर डटे हुए हैं। सिंधु बॉर्डर पर प्रदर्शनकारी किसानों को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने दागे आंसू गैस के गोले। समाचार एजेंसी ANI ने किसानों पर हो रहे इस बल प्रयोग का वीडियो ट्विटर पर शेयर किया है। 
 

 

 

अन्नदाता को रोकने के लिए क्या-क्या करेंगे सरकार

अन्नदाता को रोकने के लिए क्या-क्या करेंगे सरकार

Photo Courtesy : Aaj Tak

देश के अन्नदाता को अपने ही देश की राजधानी में आने से रोकने के लिए बीजेपी की सरकारें ऐसे इंतज़ाम कर रही हैं, मानो वे देश के किसान नहीं बल्कि देश के लिए खतरा हों। देश की रक्षा करने वाले ज़्यादातर जवान उन्हीं किसानों के बेटे हैं, जिन्हें रोकने के लिए जवानों को लगाया जा रहा है। वॉटर कैनन से लेकर आंसू गैस के गोले तक और किसान नेताओं की गिरफ्तारी से लेकर मिट्टी भरे डंपर तक, किसानों को रोकने के लिए हर तरीका आजमाया जा रहा है।

किसानों के प्रदर्शन को देखते हुए पुलिस ने  हरियाणा के सोनीपत-पानीपत हलदाना बॉर्डर को भी पूरी तरह सील कर दिया है। पुलिस ने कई जगहों पर पत्थर और मिट्टी डालकर बैरिकेटिंग लगा रखी है। मीडिया की रिपोर्ट्स के मुताबिक कई जगहों पर तो पुलिस ने किसानों को रोकने के लिए रास्ते को खोद तक दिया है।

किसानों के समर्थन में उठ रही तमाम आवाज़ों को भी कुचलने की हर संभव कोशिश की जा रही है। किसानों के समर्थन में जंतर-मंतर पर प्रदर्शन कर रहे एक समूह के करीब 70 लोगों को पुलिस ने कल हिरासत में लिया। प्रदर्शन करने वालों में वामपंथी ट्रेड यूनियनों के सदस्य, एसएफआई के सदस्य और जवाहर लाल नेहरु विश्वविद्यालय के छात्र शामिल थे। स्वराज अभियान के संयोजक योगेंद्र यादव से लेकर सामाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटकर तक तमाम लोगों को किसानों का समर्थन करने, उनके साथ खड़े होने से रोकने की कोशिश की जा रही है। 

किसानों को रोकने के लिए दिल्ली आने वाली मेट्रो सेवा आज भी बंद

किसानों को अपने ही देश की राजधानी में घुसने से रोकने के लिए पड़ोसी शहरों से दिल्ली की ओर आने वाली मेट्रो सेवा आज भी बंद है। हालांकि दिल्ली से पड़ोसी शहरों तक जाने वाली मेट्रो जारी रहेगी। किसानों को रोकने के लिए किए गए इंतज़ामों की वजह से सड़क के रास्ते दिल्ली की तरफ आने वाले सभी लोगों को भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ा रहा है। ऐसे में मेट्रो बंद होने का मतलब उनकी परेशानी और भी बढ़ जाएगी। खासतौर पर पड़ोसी शहरों से हर रोज़ दिल्ली के अपने दफ्तर आने वालों के लिए मेट्रो का बंद होना भारी मुसीबत है। प्रतियोगी परीक्षाओं में हिस्सा लेने वाले छात्रों को भी इससे काफी मुश्किल हो रही है।  

तमाम रुकावटों के बावजूद दिल्ली की ओर बढ़ रहे किसान

तमाम रुकावटों के बावजूद दिल्ली की ओर बढ़ रहे किसान

Photo Courtesy: Aaj Tak

किसानों का प्रदर्शन आज भी जारी है और लगातार तेज़ होता जा रहा है। शुक्रवार की सुबह किसान पुलिस द्वारा खड़ी की गई सारी रुकावटें हटाकर रोहतक पहुंच गए। रोहतक-दिल्ली हाईवे पर किसानों का जमावड़ा बढ़ना शुरू हो गया है। दूसरी तरफ सोनीपत में भी किसानों और पुलिस आमने-सामने हैं। किसानों का एक जत्था पानीपत-सोनीपत बॉर्डर पर पहुंचा गया और पुलिस की लगाई बैरिकेडिंग को हटाने की कोशिश कर रहा है।

बीजेपी का किसान विरोधी चेहरा बेनक़ाब हो गया है : डी राजा

हरियाणा में किसानों पर वॉटर कैनन और आंसू गैस के इस्तेमाल की लेफ्ट पार्टियों ने कड़ी निंदा की है। पीसीआई महासचिव डी राजा ने कहा कि हरियाणा की कट्टर सरकार ने किसानों के साथ जिस तरह का बर्ताव किया है, उससे उसका किसान विरोधी चरित्र सबके सामने आ गया है। उन्होंने कहा कि ये किसानों पर बीजेपी सरकार का हमला है। इससे बीजेपी के किसान विरोधी चेहरे से नक़ाब उतर गया है। डी राजा ने कहा कि सीपीआई हमेशा से किसानों के साथ है और पूरी ताक़त से उनके साथ खड़ी रहेगी।

सुन लो मोदी, सुन लो शाह, रोक न पाओगे, तुम अब राह: सुरजेवाला

कांग्रेस महासचिव और प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने किसानों को दिल्ली से दूर रखने की बीजेपी सरकारों की कोशिशों पर कविता के जरिए करारा हमला किया है। उन्होंने पोस्टकार्ड की अगली कड़ी के शीर्षक से कुछ लाइनें किसानों के हौसले का बयान करते हुए शेयर की हैं। सुरजेवाला ने लिखा है,

"वॉटर केनन की बौछारें, इनसे कब हम हारे,

ये तो बस है फुहारें, फौलादी हैं इरादे हमारे,

रोक न पाएंगी मोदी-खट्टर सरकारें।

सुन लो खट्टर! सुन लो चौटाला! नही मानेंगे कानून काला।

सुन लो मोदी! सुन लो शाह! रोक न पाओगे, तुम अब राह।"

सुरजेवाला ने अपने ट्वीट के साथ ही एक वीडियो भी शेयर किया है, जिसमें किसान आंदोलन को रोकने की कोशिशों की कड़ी आलोचना करते हुए बीजेपी की सरकारों पर करारा हमला किया गया है।

 

 

शुक्रवार को भी बंद रहेगी गुड़गांव, फ़रीदाबाद, नोएडा, ग़ाज़ियाबाद से दिल्ली आने वाली मेट्रो

किसानों के आंदोलन की वजह से दिल्ली मेट्रो शुक्रवार को भी सामान्य रूप से नहीं चलेगी। दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन ने जानकारी दी है कि दिल्ली पुलिस के कहने पर 27 नवंबर से लेकर अगली सूचना तक आसपास के शहरों से दिल्ली की तरफ आने वाली मेट्रो सेवा बंद रहेगी। हालांकि दिल्ली से आसपास के शहरों की ओर जाने वाली मेट्रो चलती रहेगी। इसका मतलब यह हुआ कि दिल्ली से नोएडा, गाज़ियाबाद, गुड़गांव, फरीदाबाद के लिए तो मेट्रो चलेगी, लेकिन इन शहरों से दिल्ली की तरफ जाने वाली मेट्रो बंद रहेगी। 

 

 

6 साल तक किसानों को धोखा देने वाली बीजेपी अब बल-प्रयोग पर उतर आई है: मनीष तिवारी

6 साल तक किसानों को धोखा देने वाली बीजेपी अब बल-प्रयोग पर उतर आई है: मनीष तिवारी

Photo Courtesy: Twitter/Manish Tiwari

कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने कहा है कि किसानों के शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन के अधिकार को बीजेपी के राज में वाटर कैनन और पुलिस की घेरेबंदी से कुचला जा रहा है। उन्होंने कहा कि 6 साल से किसानों को धोखा दे रही बीजेपी की सरकार अब उनके खिलाफ ताकत के इस्तेमाल पर उतर आई है। मनीष तिवारी ने कहा कि संविधान दिवस मनाने का बीजेपी का यही तरीका है! उन्होंने मोदी सरकार को यह सलाह भी दी है कि वो किसानों के साथ टकराव का रास्ता छोड़े और झूठे अहंकार की वजह से अड़ियल रवैया न अपनाए। पंजाब के आनंदपुर साहब से कांग्रेस के सांसद मनीष तिवारी ने कहा कि मोदी सरकार को चाहिए कि वो फौरन कृषि कानूनों में बदलाव के लिए ऐसा अध्यादेश जारी करें, जिसमें कृषि उपज की सरकारी खरीद और एमएसपी की गारंटी दी गई हो। 

 

 

 

स्वराज अभियान के संयोजक योगेंद्र यादव को हरियाणा पुलिस ने हिरासत में लिया

स्वराज अभियान के संयोजक योगेंद्र यादव को हरियाणा पुलिस ने हिरासत में लिया

Photo Courtes : Twitter

हरियाणा पुलिस ने स्वराज अभियान के संयोजक योगेंद्र यादव और उनके साथियों को जयपुर-दिल्ली हाईवे पर पहुंचने से पहले ही राठीवास मोड़ पर हिरासत में ले लिया है। स्वराज अभियान के लोग किसानों के आंदोलन के समर्थन में दिल्ली जा रहे थे। योगेंद्र यादव ने ट्वीट करके बताया है कि उन्हें और उनके साथियों को मोकलवास गांव के स्कूल में ले जाकर बंद किया गया है। योगेंद्र यादव ने अपनी टीम को रोके जाने के फौरन बाद भी एक ट्वीट करके हिरासत में लिए जाने की जानकारी दी थी। उन्होंने कथित रूप से शांतिभंग की आशंका में खुद को हिरासत में लिए जाने का जिक्र करते हुए देश के लोगों को संविधान दिवस की बधाई भी दी है।

 

 

 

मोदी सरकार की क्रूरता के ख़िलाफ़ देश का किसान डटकर खड़ा है, राहुल गांधी की ललकार

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद राहुल गांधी ने किसानों के आंदोलन के दमन की कोशिशों की कड़ी आलोचना करते हुए मोदी सरकार को घेरा है। राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर किसानों के खिलाफ क्रूरता भरा बर्ताव करने का आरोप लगाते हुए कहा कि देश का किसान इस क्रूरता के खिलाफ डटकर खड़ा रहेगा। राहुल ने अब से थोड़ी देर पहले ट्विटर पर एक कविता शेयर की है, जिसमें लिखा है, "नहीं हुआ है अभी सवेरा, पूरब की लाली पहचान, चिड़ियों के जगने से पहले, खाट छोड़ उठ गया किसान। काले क़ानूनों के बादल, गरज रहे गड़-गड़, अन्याय की बिजली चमकती चम-चम, मूसलाधार बरसता पानी, ज़रा ना रुकता लेता दम! मोदी सरकार की क्रूरता के ख़िलाफ़ देश का किसान डटकर खड़ा है।" राहुल गांधी ने ट्विटर के जरिए किसानों को एक पुल पर रोककर उन पर वाटर कैनन से हमला किए जाने का वीडियो भी शेयर किया है।

 

 

किसानों के ख़िलाफ़ बल प्रयोग से कैप्टन अमरिंदर सिंह बेहद ख़फ़ा, बीजेपी को लगाई फटकार

किसानों के ख़िलाफ़ बल प्रयोग से कैप्टन अमरिंदर सिंह बेहद ख़फ़ा, बीजेपी को लगाई फटकार

Photo Courtesy: Twitter/Capt. Amarinder Singh

पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने किसानों के आंदोलन को दमन के जरिए कुचलने की बीजेपी सरकारों की कोशिश पर तीखा हमला किया है। उन्होंने कहा है कि केंद्र और हरियाणा में बीजेपी की सरकारें संविधान दिवस के दिन ही किसानों के संवैधानिक अधिकारों को जिस तरह कुचलने की कोशिश कर रही हैं, वो बेहद दुखद है। उन्होंने हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर से कहा है कि वे शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे किसानों को अपने राज्य से गुज़रने दें। उन्हें शांतिपूर्ण ढंग से अपनी आवाज़ दिल्ली तक पहुंचाने का अवसर दिया जाए।

कैप्टन अमरिंदर सिंह ने बीजेपी से मांग की है कि वो अपनी राज्य सरकारों को किसानों के खिलाफ बल-प्रयोग न करने का निर्देश दें। उन्होंने कहा है कि जो हाथ देश का पेट भरते हैं, उनका सम्मान होना चाहिए, हाशिए पर धकेलने की कोशिश बेहद गलत है। 

कैप्टन अमरिंदर सिंह ने हरियाणा के मुख्यमंत्री खट्टर से कहा है कि हमारे किसान करीब दो महीने से पंजाब में शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं, इस दौरान कभी कोई समस्या नहीं आई। अब हरियाणा सरकार बल-प्रयोग करके उन्हें उकसाने की कोशिश क्यों कर रही है? क्या हमारे किसानों को एक पब्लिक हाईवे से शांतिपूर्वक गुज़रने का अधिकार नहीं है?  

 

 

 

पटियाला-अंबाला बॉर्डर पर हालात तनावपूर्ण, किसानों पर लाठीचार्ज की ख़बर

पटियाला-अंबाला बॉर्डर पर हालात तनावपूर्ण, किसानों पर लाठीचार्ज की ख़बर

Photo Courtesy: Aaj Tak

कृषि कानून के खिलाफ दिल्ली कूच कर रहे किसानों को अंबाला-पटियाला बॉर्डर पर रोका गया है। मीडिया में आ रही खबरों के मुताबिक वहां पुलिस ने किसानों पर वाटर कैनन इस्तेमाल करने के अलावा लाठीचार्ज भी किया है। इसके बाद से वहां हालात तनावपूर्ण हैं। पुलिस ने दिल्ली-हरियाणा बॉर्डर पर भी सुरक्षा बढ़ाई है। कुल मिलाकर दिल्ली की मोदी सरकार और हरियाणा की खट्टर सरकार किसानों को किसी हालत में देश की राजधानी में घुसने नहीं देना चाहती।

किसानों से सब कुछ छीनकर पूंजीपतियों में बांटा जा रहा, किसान आंदोलन के समर्थन में बोलीं प्रियंका गांधी

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने किसान आंदोलन का समर्थन किया है। किसानों की आवाज़ सुनने की जगह उनके खिलाफ बल प्रयोग किए जाने पर प्रियंका ने बीजेपी की सरकारों पर करारा हमला किया है। प्रियंका ने ट्विटर पर लिखा है,"किसानों से समर्थन मूल्य छीनने वाले कानून के विरोध में किसान की आवाज सुनने की बजाय भाजपा सरकार उन पर भारी ठंड में पानी की बौछार मारती है। किसानों से सबकुछ छीना जा रहा है और पूंजीपतियों को थाल में सजा कर बैंक, कर्जमाफी, एयरपोर्ट रेलवे स्टेशन बांटे जा रहे हैं।"

 

 

अंबाला-पटियाला बॉर्डर पर किसानों के दमन की कोशिश, वाटर कैनन, आंसू गैस का इस्तेमाल

अंबाला-पटियाला बॉर्डर पर किसानों के दमन की कोशिश, वाटर कैनन, आंसू गैस का इस्तेमाल

Photo Courtesy : Aaj Tak

दिल्ली कूच कर रहे किसानों के खिलाफ अंबाला-पटियाला बॉर्डर पर बल प्रयोग किया गया है। मीडिया में आ रही खबरों के मुताबिक किसानों ने वहां लगे बैरिकेडिंग को हटाकर आगे बढ़ने की कोशिश की, तो उन पर आंसू गैस के गोले छोड़ गए। वाटर कैनन से पानी की बौछार भी की जा रही है। किसानों के प्रदर्शन के कारण मेट्रो तो पहले से ही बंद की जा चुकी है।

केजरीवाल ने किया किसान आंदोलन का समर्थन, केंद्र के कृषि क़ानूनों को बताया किसान विरोधी

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट करके कहा है कि केंद्र सरकार के तीनों खेती बिल किसान विरोधी हैं। ये बिल वापिस लेने की बजाय किसानों को शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने से रोका जा रहा है, उन पर वॉटर कैनन चलाई जा रही हैं। किसानों पर ये जुर्म बिलकुल ग़लत है। शांतिपूर्ण प्रदर्शन उनका संवैधानिक अधिकार है।

 

 

पश्चिम बंगाल तक सुनाई दे रही किसान आंदोलन की धमक

देश भर के किसान संगठनों के चलो दिल्ली के नारे की धमकी देश के हर कोने में सुनाई दे रही है। दिल्ली आ रहे किसानों के खिलाफ केंद्र और राज्यों की बीजेपी सरकारों की तरफ से की जा रही दमनकारी कार्रवाई के खिलाफ पश्चिम बंगाल में भी प्रदर्शन हो रहा है। राज्य के बारासात इलाके में कांग्रेस और लेफ्ट के कार्यकर्ताओं ने चक्काजाम करके किसानों की मांगों का समर्थन किया। 

मोदी जी दिल्ली दरबार को अन्नदाता से ख़तरा कब से हो गया, कांग्रेस ने पूछा सवाल

मोदी जी दिल्ली दरबार को अन्नदाता से ख़तरा कब से हो गया, कांग्रेस ने पूछा सवाल

Photo Courtesy : Indian Express

नई दिल्ली। देश के अन्नदाता कहे जाने वाले किसानों को अपने ही देश की राजधानी में घुसने से रोकने के लिए मोदी सरकार और बीजेपी की राज्य सरकारों ने जिस तरह मोर्चेबंदी की है, उस पर कांग्रेस ने तीखा हमला किया है। कांग्रेस महासचिव और प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने किसानों के दमन की कोशिशों पर मोदी सरकार से मुश्किल सवाल पूछे हैं। सुरेजावाला ने ये भी कहा है कि मोदी सरकार किसानों के खिलाफ जितनी चौकसी बरत रही है, उतनी चीन की सीमा पर की होती तो चीन हमारी ज़मीन में घुसपैठ का दुस्साहस नहीं कर पाता।

सुरजेवाला ने ट्विटर के जरिए सरकार को घेरते हुए लिखा है, "मोदी जी, दिल्ली दरबार को देश के अन्नदाताओं से ख़तरा कब से हो गया? किसानों को रोकने के लिए उन्ही के बेटे, यानी सेना के जवान खड़े कर दिए। काश, इतनी चौकसी चीन सीमा पर की होती तो चीन देश की सरज़मीं पर घुसपैठ करने का दुस्साहस नही करता। आपकी प्राथमिकताएँ सदा ग़लत ही क्यों होती हैं?"