मुझे पीएम पद के लिए मिला था ऑफर, मैंने ठुकरा दिया, नितिन गडकरी का बड़ा दावा
मेरे जीवन में प्रधानमंत्री बनना उद्देश्य नहीं है। मैं अपने विचारों और कनविक्शन (प्रतिबद्धता) का पक्का हूं। मुझे लगता है कि कनविक्शन ही हमारे भारतीय लोकतंत्र की सबसे बड़ी ताकत है: नितिन गडकरी
नई दिल्ली। केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने शनिवार को कुछ ऐसा खुलासा किया, जिससे सभी लोग हैरान रह गए। केंद्रीय मंत्री ने बताया कि उन्हें प्रधानमंत्री बनने का ऑफर मिला था, लेकिन उन्होंने वह ऑफर ठुकरा दिया। गडकरी ने शनिवार को कहा कि एक बार एक नेता ने प्रधानमंत्री पद की रेस में शामिल होने पर उन्हें सपोर्ट देने की पेशकश की थी, लेकिन उन्होंने यह कहते हुए ऑफर ठुकरा दिया था कि उनकी ऐसी कोई लालसा नहीं है। बीजेपी सांसद ने बताया कि यह ऑफर उन्हें विपक्ष के एक बड़े नेता से मिला था, लेकिन उन्होंने किसी का नाम उजागर नहीं किया।
नितिन गडकरी ने कहा कि, 'मैंने उनसे सवाल पूछा कि आप मुझे क्यों समर्थन देंगे? और मैं क्यों आपका समर्थन लूं? मेरे जीवन में प्रधानमंत्री बनना उद्देश्य नहीं है। मैं अपने विचारों और कनविक्शन (प्रतिबद्धता) का पक्का हूं। मुझे लगता है कि कनविक्शन ही हमारे भारतीय लोकतंत्र की सबसे बड़ी ताकत है, फिर चाहे वो पत्रकारिता हो या फिर ब्यूरोक्रेसी। लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए कनविक्शन एक अहम किरदार निभाता है।'
नितिन गडकरी ने विदर्भ गौरव पत्रकारिता समारोह में यह बात कही। उन्होंने कहा कि, 'पत्रकारिता को लोकतंत्र का चौथा स्तंभ कहा गया है। न्यायपालिका, पत्रकारिता, कार्यपालिका और विधायिका, यह चारों जब अपने आदर्शों पर चलेंगे तो लोकतंत्र यशस्वी होगा। हम भारत के लोग वर्ल्ड में मदर ऑफ डेमोक्रेसी हैं।'