2+2 Dialogue: भारत और अमेरिका के बीच बेका समझौते पर हस्ताक्षर, पोंपियो ने कहा चीन के खिलाफ भारत का सहयोग करेंगे

माइक पोंपियो ने गलवान घाटी में शहीद हुए 20 भारतीय सैनिकों का किया जिक्र, चीन के खिलाफ बाकी मामलों में भारत की मदद का भरोसा भी दिलाया

Updated: Oct 28, 2020, 01:43 AM IST

Photo Courtesy: Aljazeera
Photo Courtesy: Aljazeera

नई दिल्ली। भारत और अमेरिका के बीच बेसिक एक्सचेंज एंड कोऑपरेशन एग्रीमेंट (BECA) पर हस्ताक्षर हो गए हैं। इस समझौते पर अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोंपियो और रक्षा मंत्री मार्क एस्पर एवं उनके भारतीय समकक्षों एस जयशंकर और राजनाथ सिंह की मौजूदगी में हस्ताक्षर हुए। समझौते के बाद अमेरिकी विदेश मंत्री ने कहा कि उनका देश पूरी मजबूती से भारत के साथ खड़ा है। पोंपियों ने जून में गलवान घाटी में शहीद हुए 20 भारतीय सैनिकों का भी जिक्र किया। 

इस समझौते के तहत सैटेलाइट तस्वीरों और रणनीतिक रुप से महत्वपूर्ण इलाकों के नक्शे साझा किए जाएंगे। आलोचक इसे भारत द्वारा अपनी संप्रभुता को लेकर किया गया समझौता बता रहे हैं। उनका कहना है कि अब भारत ने अपनी संप्रभुता अमेरिका के पास गिरवी रख दी है। दूसरी तरफ भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस समझौते को दोनों देशों के बीच सैन्य सहयोग को और मजबूत करने वाला बताया है। उन्होंने कहा कि हम कुछ साझा उद्देश्यों के लिए मिलकर काम करेंगे। 

अमेरिका के रक्षा मंत्री मार्क एस्पर ने भी चीन की बढ़ती आक्रामकता का जिक्र किया। पोंपियो ने मीडिया को बताया कि वे राष्ट्रीय समर स्मारक भी गए थे, जहां उन्होंने भारत के शहीद हुए सैनिकों को श्रद्धांजलि दी, जिनमें गलवान घाटी में शहीद हुए 20 सैनिक भी शामिल हैं। उन्होंने कहा कि भारत की संप्रभुता को चीन से खतरा है और इस मामले में अमेरिका हमेशा भारत का साथ देगा। 

उन्होंने आगे कहा कि भारत और अमेरिका हर तरह के मसलों पर अपना सहयोग बढ़ा रहे हैं और यह सहयोग केवल चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के खतरे तक सीमित नहीं है। पोंपियो ने कहा कि पिछले साल हमने साइबर क्षेत्र में अपना सहयोग बढ़ाया था और हमारी नौ सेनाओं ने हिंद महासागर में साझा अभ्यास भी किया था। पोंपियो और एस्पर ने भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल से भी बातचीत की।