ये बोस, अंबेडकर, सावरकर को याद करने का वक्त है, लाल किले की प्राचीर से बोले पीएम मोदी

भारत आज अपना 76वां स्वतंत्रता दिवस मना रहा है, आजादी के इस अमृत महोत्सव के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज लाल किले की प्राचीर से राष्ट्र को संबोधित किया, यह लगातार 9वां मौका था जब पीएम मोदी लाल किले पर तिरंगा फहराया है

Updated: Aug 15, 2022, 02:54 AM IST

नई दिल्ली। पीएम मोदी ने सोमवार सुबह लाल किले की प्राचीर से 7.30 बजे तिरंगा फहराया। यह 9वां मौका है, जब उन्होंने भारत के पीएम के तौर पर स्वतंत्रता दिवस पर तिरंगा फहराया है। इस मौके पर उन्होंने कहा कि हमारा तिरंगा आन बान शान के साथ लहरा रहा है।

लाल किले से देश को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि, 'आज का दिवस ऐतिहासिक दिवस है। एक पुण्य पड़ाव, एक नई राह, एक नए संकल्प और नए सामर्थ्य के साथ कदम बढ़ाने का यह शुभ अवसर है। आजादी की जंग में गुलामी का पूरा कालखंड संघर्ष में बीता है। भारत का कोई कोना ऐसा नहीं था, जब देशवासियों ने सैकड़ों सालों तक गुलामी के खिलाफ जंग न किया हो। जीवन न खपाया हो, आहुति न दी हो। आज हम सब देशवासियों के लिए ऐसे हर महापुरुष के लिए नमन करने का अवसर है। उनका स्मरण करते हुए उनके सपनों को पूरा करने के लिए संकल्प लेने का भी अवसर है।'

प्रधानमंत्री मोदी ने आगे कहा कि, 'आज हम सभी कृतज्ञ हैं पूज्य बापू के, नेताजी सुभाष चंद्र बोस, बाबा साहब आंबेडकर, वीर सावरकर के... जिन्होंने कर्तव्य पथ पर जीवन को खपा दिया। यह देश कृतज्ञ है मंगल पांडे, तात्या टोपे, भगत सिंह, सुखदेव, राजगुरु, चंद्रशेखर आजाद, अशफाक उल्ला खां, राम प्रसाद बिस्मिल। ऐसे क्रांतिकारियों ने अंग्रेजी हुकूमत की नींव हिला दी।'

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उन्होंने कहा कि, 'जब हम आजादी की चर्चा करते हैं, तो जंगलों में रहने वाले आदिवासी समाज का गौरव नहीं भूलते। बिसरा मुंडा समेत अनगिनत नाम है। जिन्होंने आजादी के आंदोलन की आवाज बनकर सुदूर जंगलों में आजादी के लिए मर मिटने की प्रेरणा जताई। हमने उन महापुरुषों को भी याद किया, जिन्हें इतिहास में जगह नहीं मिली या उन्हें भुला दिया गया।'

पीएम मोदी ने आगे कहा कि, 'सैकड़ों सालों की गुलामी ने गहरी चोटें पहुंचाई हैं। इसके भीतर एक जिद थी, जुनून था। आजादी मिल रही थी तो देशवासियों को डराया गया। देश के टूटने का डर दिखाया गया। लेकिन, ये हिंदुस्तान है। ये सदियों तक जीता रहा है। हमने अन्न का संकट झेला, युद्ध के शिकार हुए। आतंकवाद का प्रॉक्सीवार, प्राकृतिक आपदाएं झेलीं, लेकिन इसके बावजूद भारत आगे बढ़ता रहा।'