कांग्रेस ने पूछा, कश्मीर पर दिखाए सपने का क्या हुआ, शाह बोले, आपको हिसाब माँगने का हक़ नहीं

लोकसभा में जम्मू कश्मीर पुनर्गठन विधेयक पारित, अमित शाह ने कहा, हम सही वक़्त आने पर पूर्ण राज्य का दर्जा देंगे, जितेंद्र सिंह ने कहा, अभी तो 70 महीने भी नहीं हुए

Updated: Feb 13, 2021, 02:58 PM IST

Photo Courtesy : TV9 Bharatvarsh
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नई दिल्ली। लोकसभा में आज जम्मू कश्मीर पुनर्गठन विधेयक तमाम हंगामों और गतिरोध के बीच पारित हो गया। विधेयक पर चर्चा के दौरान कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने मोदी सरकार पर जमकर हमला बोला। अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि कश्मीर से धारा 370 हटाने के बाद बीजेपी ने जो सुहावने सपने दिखाए थे, वो पूरे नहीं हुए। इस पर गृह मंत्री अमित शाह ने अपने भाषण में कहा कि कांग्रेस को बीजेपी से हिसाब नहीं मांगना चाहिए। अभी अनुच्छेद 370 को हटाए हुए केवल 17 महीने हुए हैं। 

अधीर रंजन चौधरी ने संसद के निचले सदन में मोदी सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि चूंकि कश्मीर में रोजगार के अवसर बढ़ाने, विकास करने और आतंकवाद को समाप्त करने के वादे यह सरकार पूरा नहीं कर पाई इसलिए सरकार को कम से कम इतना ही कह देना चाहिए कि रात गई बात गई। कांग्रेस नेता ने कहा कि बीजेपी ने घाटी में कश्मीरी पंडितों दोबारा बसाने का आश्वासन दिया था, लेकिन सरकार से वह भी नहीं हो पाया।

अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि अनुच्छेद 370 हटाने के बाद अब डेढ़ साल बीत चुके हैं। लेकिन इतना समय बीतने के बाद भी सरकार संशोधन ला रही है। इससे साफ जाहिर होता है कि सरकार कश्मीर की स्थिति को नियंत्रित करने में नाकाम साबित हुई है। अधीर रंजन चौधरी ने विधेयक को लेकर यह भी कहा कि जम्मू कश्मीर में स्थानीय कैडर का होना बेहद ज़रूरी है क्योंकि वहां के नागरिक इस सरकार पर बिल्कुल भी भरोसा नहीं करते। 

दरअसल विधेयक के मुताबिक जम्मू कश्मीर और लद्दाख में भविष्य में सभी अधिकारियों की पदस्थापना और नियुक्ति अरुणाचल प्रदेश, गोवा, मिजोरम और केंद्र शासित प्रदेशों के कैडर से ही होंगे। इसका अर्थ यह हुआ कि अब कश्मीर में राज्य के बाहर से आने वाले अधिकारियों की पदस्थापना हो सकेगी। दूसरी तरफ नेशनल कॉन्फ्रेंस के सांसद हसनैन मसूदी ने इसे संविधान का अपमान बताया है। मसूदी ने कहा कि अनुच्छेद 370 का हटाया जाना एक अतिक्रमण था। इस अतिक्रमण के विरोध में शीर्ष अदालत में याचिकाएं दाखिल की गई हैं। लेकिन बावजूद इसके सरकार एक के बाद एक कानून लाए जा रही है जो कि संविधान का सीधे तौर पर उल्लंघन है। 

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने अधीर रंजन चौधरी के आरोपों का जवाब देते हुए कहा कि मैं सरकार द्वारा किए गए वादों का जवाब जरूर दूंगा लेकिन उससे पहले मैं यह पूछना चाहता हूं कि 370 को हटे हुए केवल 17 महीने हुए हैं। आपने पिछले 70 साल में क्या किया उसका हिसाब आपके पास है? अमित शाह ने अधिकारियों की पदस्थापना के विषय में कहा कि यह गलत धारणा है कि एक मुस्लिम जनता की सेवा हिन्दू अधिकारी नहीं कर सकता या एक हिन्दू जनता की सेवा मुस्लिम अधिकारी नहीं कर सकता। अमित शाह ने लोकसभा में कहा कि मोदी सरकार समय आने पर जम्मू कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा ज़रूर देगी। लेकिन वो सही समय कब आएगा, इस पर गृह मंत्री अमित शाह ने कुछ नहीं कहा। 

लेकिन केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह के एक बयान ने जम्मू कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा देने को लेकर सरकार की मंशा पर से बहुत हद तक पर्दा उठा दिया है। जितेंद्र सिंह का कहना है कि कश्मीर से धारा 370 को हटाए तो अभी 70 महीने भी नहीं हुए हैं। जितेंद्र सिंह ने कहा, विपक्ष के नेता कह रहे हैं कि जम्मू-कश्मीर को पहले की तरह राज्य की स्थिति क्यों नहीं दी जाती। अगर वो राजनीति करना चाहते हैं तो धारा 370 भी अस्थाई थी कांग्रेस की सरकार रही, उसे हटाने में 70 साल लग गए। अभी तो इस व्यवस्था को 70 महीने भी नहीं हुए।' उनकी बात को संकेत मानें, तो 2024 के चुनाव से पहले जम्मू कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा देने का उसका कोई इरादा नहीं लगता, क्योंकि सत्तर महीने का मतलब तो करीब 6 साल होता है।