राहुल गांधी की राह पर चलीं ममता बैनर्जी, कोलकाता में सांकेतिक बैठकें, रैलियों के लिए तय की 30 मिनट की समय सीमा
ममता के इस फैसले की जानकारी टीएमसी सांसद डेरिक ओ ब्रायन ने अपने ट्विटर हैंडल पर दी है, टीएमसी नेता ने कहा है कि ममता कोलकाता में सिर्फ 26 अप्रैल को एक प्रतीकात्मक मीटिंग करेंगी

नई दिल्ली/कोलकाता। देश में बढ़ते कोरोना के कहर के बीच पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव हो रहे हैं। ऐसे में कांग्रेस नेता राहुल गांधी के रैली न करने के फैसले के बाद पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी ने भी अपनी रैलियों की अवधि को छोटा करने का निर्णय लिया है। इसके साथ ही ममता ने राजधानी कोलकाता में भी केवल एक दिन ही प्रचार करने का मन बनाया है।
ममता के इस फैसले की जानकारी खुद टीएमसी सांसद डेरिक ओ ब्रायन ने दी है। टीएमसी सांसद ने रविवार देर रात अपने ट्विटर हैंडल पर यह जानकारी दी कि अब ममता चुनाव प्रचार के मद्देनजर करने वाली तमाम रैलियां केवल 30 मिनट तक ही करेंगी। इसके साथ ही ममता प्रचार के आखिरी दिन 26 अप्रैल को कोलकाता में एक सांकेतिक मीटिंग करेंगी।
Mamata Banerjee will NOT campaign in Kolkata anymore. Only one ‘symbolic’ meeting on the last day of campaigning in the city on April 26.
— Derek O'Brien | ডেরেক ও'ব্রায়েন (@derekobrienmp) April 18, 2021
Slashes time for all her election rallies in all districts. Restricted to just 30 minutes. #BengalElection2021 #Covid
ममता ने यह निर्णय कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा अपनी आगामी तमाम रैलियों को रद्द करने के बाद लिया है। रविवार को ही राहुल गांधी ने यह घोषणा की थी कि वे कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए बंगाल में होने वाली अपनी तमाम रैली नहीं करेंगे। राहुल ने अपनी चुनावी रैलियों को रद्द कर दिया। इसके कुछ ही घंटों के बाद ममता बनर्जी ने भी चुनावी रैलियों का समय घटाने का निर्णय कर लिया।
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हालांकि ममता ने इससे पहले चुनाव आयोग से कोरोना के बढ़ते संकट को देखते हुए राज्य में बचे तमाम चरणों के चुनाव एक साथ कराने की मांग की थी। लेकिन चुनाव आयोग ने ममता की इस मांग को नहीं माना। दरअसल बंगाल चुनाव में बची हुईं सीटें वैसी हैं, जिस पर ममता की टीएमसी लोकसभा चुनावों में आगे थी। लिहाज़ा बीजेपी यह नहीं चाहती कि सभी चरणों के चुनाव एक साथ हो जाएं। ताकि बीजेपी को प्रचार करने का वक्त मिल जाए।