TMC से आए नेताओं को बड़े पद मिलने से पश्चिम बंगाल बीजेपी के पूर्व अध्यक्ष नाराज, बगावत पर उतरे

पश्चिम बंगाल बीजेपी के पूर्व अध्यक्ष राहुल सिन्हा ने ट्विटर पर जाहिर की नाराजगी। जल्द ही बीजेपी छोड़ सकते हैं सिन्हा।

Updated: Sep 27, 2020, 04:22 PM IST

Photo Courtesy: Madhyamam
Photo Courtesy: Madhyamam

नई दिल्ली। टीएमसी से बीजेपी में शामिल हुए मुकुल रॉय को पार्टी का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाए जाने से पश्चिम बंगाल बीजेपी का एक धड़ा नाराज हो गया है। बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने शनिवार को संगठन में बदलाव किया, जिसके तहत मुकुल रॉय को नई जिम्मेदारी सौंपी गई है। इस कदम से बंगाल बीजेपी के पूर्व अध्यक्ष और पार्टी के वरिष्ठ नेता राहुल सिन्हा नाराज हो गए हैं। उन्होंने बागी रुख अपनाते हुए ट्विवटर पर खुले तौर पर अपनी नाराजगी जाहिर की है। 

एक वीडियो स्टेटमेंट में सिन्हा ने कहा, "मैंने चालीस सालों तक पार्टी की सेवा की। मैं शुरुआत से पार्टी का एक वफादार सिपाही रहा हूं। लेकिन आज टीएमसी नेताओं के लिए रास्ते बनाने की खातिर मुझे अपना पद छोड़ना पड़ा। इससे ज्यादा दर्द भरा और कुछ नहीं हो सकता है।"

एक समय ममता बनर्जी के सबसे वफादार साथी रहे मुकुल रॉय ने नवंबर 2017 में बीजेपी का दामन थाम लिया था। उनके कहने पर टीएमसी के एक और कद्दावर नेता अनुपम हजारा भी बीजेपी में शामिल हो गए थे। हजारा को भी हाल ही में पार्टी का महासचिव नियुक्त किया गया है। अनुपम हजारा के लिए रास्ता बनाने के लिए ही सिन्हा को उनके पद से हटाया गया है। सिन्हा ने कहा कि वे अगले 10 से 12 दिनों के भीतर बड़ा फैसला लेंगे। ऐसे में उनके बीजेपी छोड़ने के कयास तेज हो गए हैं। दरअसल, दिलीप घोष से पहले सिन्हा ही पश्चिम बंगाल में बीजेपी का चेहरा थे। 

बीजेपी के इस कदम को बंगाल विधानसभा चुनाव से ठीक पहले टीएमसी के दूसरे बड़े नेताओं को लुभाने के तौर पर देखा जा रहा है।  कोलकाता के पूर्व मेयर और टीएमसी के एक और कद्दावर नेता सोवान चटर्जी का नाम इनमें प्रमुख है। सोवान भी टीएमसी छोड़कर बीजेपी में शामिल हो चुके हैं। लेकिन अब तक उन्हें कुछ खास हासिल नहीं हुआ। बीच में कयास भी लगाए जा रहे थे कि चटर्जी वापस से टीएमसी में शामिल हो सकते हैं। हाल ही में उन्होंने ममता बनर्जी से मुलाकात की थी। 

दूसरी तरफ मुकुल रॉय को भी लग रहा था कि लोकसभा चुनाव में बीजेपी को एतिहासिक सीटें दिलाने के बाद भी उन्हें पार्टी से पर्याप्त ईनाम नहीं मिला है। पार्टी के अध्यक्ष दिलीप घोष से भी उनकी ना बनने की खबरें थीं। यह अनुमान लगाए जा रहे थे कि पार्टी रॉय को राज्य सभा भेज सकती है। हालांकि, अब उन्हें संगठन का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बना दिया गया है। रॉय ने कहा है कि आगामी विधानसभा चुनावों में राज्य में बीजेपी को ऐतिहासिक जीत दिलाने की जिम्मेदारी उनकी है।